गुप्त वंश

Total Questions: 18

1. निम्नलिखित में से कौन-सा गुप्त शासक घटोत्कच (Ghatotkacha) का उत्तराधिकारी बना ? [MTS (T-1) 20 जून, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) चंद्रगुप्त प्रथम
Solution:घटोत्कच (Ghatotkacha) का उत्तराधिकारी उसका पुत्र चंद्रगुप्त प्रथम बना था। चंद्रगुप्त प्रथम महाराजाधिराज की उपाधि धारण करने वाला प्रथम गुप्त शासक था। चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त राजा घटोत्कच के पुत्र और राजवंश के संस्थापक श्रीगुप्त के पोते (पौत्र) थे।

2. गुप्तकाल को प्रारंभ करने का श्रेय किसे दिया जाता है ? [Phase-XI 27 जून, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) चंद्रगुप्त-I
Solution:गुप्त शासक घटोत्कच के पुत्र चंद्रगुप्त प्रथम को गुप्त साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। यह गुप्त वंश के प्रथम शासक थे जिन्होंने 'महाराजाधिराज' की उपाधि धारण की। गुप्त संवत्/काल का प्रवर्तक इन्हें ही माना जाता है, जो 319 ई. से प्रारंभ माना जाता है।

3. इलाहाबाद स्तंभ के शिलालेख में किसकी उपलब्धियां वर्णित हैं ? [C.P.O. S.L. 5 जून. 2016 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) समुद्रगुप्त
Solution:इलाहाबाद स्तंभ के शिलालेख में समुद्रगुप्त (335-375 ई.) की उपलब्धियों का वर्णन है। इसकी रचना समुद्रगुप्त के संधिविग्रहिक हरिषेण ने की थी। इस स्तंभ लेख की प्रारंभिक पंक्तियां, पद्यात्मक तथा बाद की गद्यात्मक हैं। यह संस्कृत की चम्पू शैली का सुंदर उदाहरण है।

4. प्रयाग प्रशस्ति (जिसे इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख के रूप में भी जाना जाता है) की रचना हरिषेण द्वारा संस्कृत में की गई थी, जो ..... के दरबारी कवि थे । [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 22 नवंबर, (I-पाली), दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 15 नवंबर, 2023 (II-पाली), दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 15 नवंबर, 2023 (II-पाली), दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 01 दिसंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) समुद्रगुप्त
Solution:प्रयाग प्रशस्ति के लेखक हरिषेण थे, जो गुप्त शासक समुद्रगुप्त के दरबार में रहता था। इसी में समुद्रगुप्त को कविप्रिय और अश्वमेघयज्ञकर्ता की उपाधि दी गई है।

5. शकों पर विजय प्राप्त करने के पश्चात निम्नलिखित में से किसने 'विक्रमादित्य' की उपाधि धारण की थी ? [MTS (T-I) 20 जून, 2023 (II-पाली), दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 30 नवंबर, 2023 (II-पाली), Phase-XI 30 जून, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (c) चंद्रगुप्त द्वितीय
Solution:शकों पर विजय प्राप्त करने के पश्चात चंद्रगुप्त द्वितीय ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की थी। इस कारण उन्हें चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के नाम से भी जाना जाता है।

6. निम्नलिखित में से चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार के नौरत्नों में से किसने 'मंत्रशास्त्र (Mantrashastra)' लिखा था ? [MTS (T-I) 12 मई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) वेत्ताल भट्ट
Solution:मंत्रशास्त्र (Mantrashastra) ग्रंथ के लेखक वेताल भट्ट थे। चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में नौरत्न (विद्वान और कवि) थे जिसमें वेताल भट्ट भी शामिल थे।

7. ..... के पुत्र और उत्तराधिकारी, कुमारगुप्त प्रथम का शासनकाल शांति व्यवस्था और सापेक्षिक निष्क्रियता (relative inactivity) का काल था [MTS (T-I) 13 जून, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) चंद्रगुप्त द्वितीय
Solution:चंद्रगुप्त द्वितीय के पुत्र और उत्तराधिकारी, कुमारगुप्त प्रथम का शासनकाल शांति व्यवस्था और सापेक्षिक निष्क्रियता का काल था। कुमारगुप्त प्रथम 'महेंद्रादित्य' (लगभग 415-455 ई.) चंद्रगुप्त द्वितीय की पत्नी ध्रुवदेवी से उत्पन्न पुत्र था।

8. भारतीय इतिहास में आटविक राज्य को किस रूप में जाना जाता था ? [CHSL (T-I) 6 अगस्त, 2021 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) वन साम्राज्य
Solution:भारतीय इतिहास में आटविक राज्य को वन साम्राज्य के रूप में जाना जाता है। समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति में आटविक राज्यों का उल्लेख है। इतिहासकार फ्लीट के अनुसार, आटविक राज्य गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) से जबलपुर (मध्य प्रदेश) तक फैला हुआ था।

9. निम्नलिखित बौद्ध भिक्षुओं में से कौन चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल के दौरान चीन से भारत आया था ? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 2 दिसंबर, 2023 (I-पाली), दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 21 नवंबर, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (c) फाह्यान (Fa-Hien)
Solution:गुप्त शासक चंद्रगुप्त द्वितीय के काल में चीनी बौद्ध भिक्षु फाह्यान भारत आया था। जिसकी पुस्तक फो-को-की (Travels of Fa-hien) है। फाह्यान ने विनिमय में कौड़ियों के प्रचलन का उल्लेख किया है।

10. गुप्तों को किस वर्ण से उत्पन्न माना जाता था ? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 1 दिसंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) वैश्य
Solution:गुप्तों की उत्पत्ति को लेकर विभिन्न विद्वानों में काफी मतभेद की स्थिति दिखाई पड़ती है। जहां के. पी. जायसवाल उन्हें 'निम्न वर्ण' से उत्पन्न मानते हैं, वहीं आर.सी. मजूमदार उन्हें क्षत्रिय और हेमचंद्र रायचौधरी उन्हें ब्राह्मण वर्ण से उत्पन्न मानते हैं। इन विवादों के मध्य विद्वानों का एक बड़ा वर्ग जिनमें रोमिला थापर, अल्टेकर महोदय और आर.एस. शर्मा जैसे विद्वान गुप्तों का तादात्म्य 'वैश्य वर्ण' से करते हैं, जो कि अधिक स्वीकार्य है।