जैन और बौद्ध धर्म (भाग-I)

Total Questions: 50

31. महात्मा बुद्ध ने अपना पहला 'धर्मचक्रप्रवर्तन' किस स्थान पर दिया था ?

Correct Answer: (b) सारनाथ
Solution:प्रज्ञा प्राप्त होने के बाद बुद्ध ने काशी के पास मृगवन अथवा मृगदाव में पदार्पण किया और वहां अपना पहला उपदेश दिया, जिसे 'धर्मचक्रप्रवर्तन' (धर्म प्रचार का प्रारंभ) कहा जाता है।

32. गौतम बुद्ध ने किस स्थान पर (महापरिनिर्माण) प्राप्त किया?

Correct Answer: (d) कुशीनगर में
Solution:बौद्ध धर्म का प्रचार करते हुए महात्मा बुद्ध मल्लों की राजधानी पावा पहुंचे, जहां वे चुंद नामक लुहार की आम्रवाटिका में ठहरे तथा सूकरमाद खाकर वे 'रक्तातिसार' से ग्रस्त हो गए। वे वेदना में कुशीनगर पहुंचे, जहां उनकी मृत्यु हुई जो कि 'महापरिनिर्माण' कहलाया।

33. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-

(1) निर्वाण प्राप्त करने पर पुनर्जन्म नहीं होता है।

(2) वर्ण व्यवस्था का बौद्ध धर्म ने विरोध किया।

(3) बुद्ध ने विहारों की स्थापना की।

(4) बुद्ध ने धार्मिक यज्ञ अनुष्ठानों में पशुओं की बलि को अमानवीय बताया।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:बौद्ध धर्म से संबंधित दिए गए सभी कथन सत्य हैं।

34. निम्नलिखित में से गौतम बुद्ध ने कितने आर्य सत्य बताए हैं?

Correct Answer: (c) चार
Solution:बुद्ध की शिक्षाओं के आधारभूत सिद्धांत में चार आर्य-सत्य हैं।

I. दुःख

II. दुःख समुदाय

III. दुःख निरोध

V. दुःख निरोध गामिनी प्रतिपक्ष जो (उदात्त सच्चाईयों को समाहित किए हुए हैं।)।

35. दिए गए आर्य सत्य में से किसका क्रम सही है?

Correct Answer: (a) दुःख-दुःख समुदाय-दुःख निरोध-दुःख निरोधगामिनी
Solution:दिए गए आर्य सत्य का क्रम निम्न प्रकार से है-

(1) दुःख-संसार दुःखमय है।

(2) दुःख समुदाय - दुख उत्पन्न करने वाले कई कारण होते हैं।

(3) दुःख निरोध दुःख को रोका जा सकता है।

(4) दुःख निरोधगामिनी-प्रतिपदा, यानी दुःख को रोकने का एक मार्ग होता है।

36. अष्टांगिक मार्ग का संबंध किस धर्म से है?

Correct Answer: (b) बौद्ध
Solution:गौतम बुद्ध ने कहा मनुष्य, अष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करके दुःखों और कष्टों की श्रृंखला से मुक्त हो सकता है और निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त कर सकता है। अष्टांगिक मार्गों की संख्या 8 है।

37. जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति की प्रक्रिया को बुद्ध ने किन तीन शब्दों में सीमित किया है?

(1) शील

(2) समाधि

(3) प्रज्ञा

(4) संकल्प

उपर्युक्त कथनों के आधार पर नीचे दिए गए कूटों से सही उत्तर का चयन करें-

Correct Answer: (c) 1, 2 और 3
Solution:जीवन का अंतिम लक्ष्य निर्वाण, यानी शांति और परमानंद की स्थिति प्राप्त करना है। जिसका अर्थ है जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति। बुद्ध ने इस प्रक्रिया को तीन शब्दों में सीमित कर दिया है (1) शील (सदाचार) (2) समाधि (सम्यक् ध्यान) (3) प्रज्ञा (सम्यक् ज्ञान)।

38. बौद्ध धर्म में सभी प्राणियों के प्रति किस प्रकार की अहिंसा पर जोर नहीं दिया है?

Correct Answer: (d) इनमें से कोई नहीं
Solution:बौद्ध धर्म ने प्रेम, दया (धैर्य) और सभी प्राणियों के प्रति वैचारिक शाब्दिक और कार्मिक अहिंसा पर बल दिया है, ये नियम सामान्य नैतिक नियमों जैसे सच बोलना, दान देना और तन-मन को शुद्ध रखना तथा काम क्रोधादि मनोवेगों पर नियंत्रण रखना आदि के अतिरिक्त है।

39. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-

(1) उपासक यानी संसार को त्याग कर संन्यासी का जीवन बिताते हैं।

(2) भिक्षु यानी साधारण अनुयायी, जो गृहस्थ जीवन में रहते हैं।

बुद्ध के अनुयायी के संबंध में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

Correct Answer: (c) न तो 1 न ही 2
Solution:बुद्ध के अनुयायी दो श्रेणियों में विभाजित हैं-

(1) उपासक यानी साधारण अनुयायी जो गृहस्थ जीवन में रहते हैं। (2) भिक्षु (बौद्ध संन्यासी) जो संसार को त्याग कर संन्यासी का जीवन बिताते हैं। भिक्षु संघों में रहते हैं, जिनकी स्थापना प्रारंभ में स्वयं बुद्ध ने की थी।

40. निम्नलिखित में से कौन-सा बौद्ध स्तूप की संरचना का सही क्रम है। आधार बिंदु में ऊपर की तरफ इसे प्रदर्शित करें?

Correct Answer: (c) मेधी - अंड हरमिका - छत्री
Solution:स्तूप का निर्माण एक गोलार्ध लिए हुए मिट्टी के टीले से हुआ है, जिसे बाद में अंड कहा गया, अंड के ऊपर एक हर्मिका होती थी, यह छज्जे जैसा ढांचा देवताओं के घर का प्रतीक था, हर्मिका से एक मस्तूल निकलता था, जिसे यष्टि कहते थे। जिस पर अक्सर एक छतरी लगी होती थी। टीले के चारों ओर एक वेदिका होती थी, जो पवित्र स्थल को सामान्य दुनिया से अलग करती थी। अतः इस प्रकार सही क्रम मेधी - अंड - हरमिका - छत्री होगा।