प्रकाश भाग-II

Total Questions: 50

41. दाढ़ी बनाने के लिए काम में लेते हैं- [43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]

Correct Answer: (a) अवतल दर्पण
Solution:अवतल दर्पण एक गोलाकार दर्पण है, जिसके उभरे हुए तल पर पॉलिश की हुई होती है तथा अंदर का तल परावर्तक होता है। अवतल दर्पण वस्तु को उसके फोकस और ध्रुव के बीच रखने पर उसका बड़ा, सीधा और आभासी प्रतिबिंब बनाता है। यह बड़ा प्रतिबिंब दाढ़ी बनाते समय चेहरे के छोटे-से-छोटे हिस्से को भी स्पष्ट रूप से देखने में मदद करता है। इसके द्वारा प्रतिबिंब दर्पण के सामने बड़ा बनता है, इसलिए इस दर्पण का प्रयोग दाढ़ी तथा बाल बनाने वाले शीशे के रूप में (As a shaving & hair dressing mirrors) किया जाता है।

42. खोज बत्ती में दर्पण जो प्रयुक्त होता है, वह है- [U.P.P.C.S.(Mains) 2009]

Correct Answer: (a) नतोदर दर्पण
Solution:कारों की हेडलाइट, खोज बत्ती (Search light) आदि में परावर्तक के रूप में अवतल या नतोदर दर्पण का प्रयोग किया जाता है। अवतल दर्पण के प्रयोग द्वारा खोज बत्ती से समानांतर प्रकाश पुंज उत्पन्न होता है।

43. दंत विशेषज्ञ का शीशा होता है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (b) नतोदर शीशा
Solution:दंत विशेषज्ञ नतोदर शीशे (अवतल दर्पण) का उपयोग करते हैं। आकाशीय पिण्डों, तारों आदि की फोटोग्राफी करने के लिए परावर्तक दूरदर्शी में बड़े-बड़े अवतल दर्पणों का उपयोग होता है। कान, नाक एवं गले के आंतरिक भागों की जांच के लिए भी इनका उपयोग होता है।

44. रोगी के दांत का प्रतिबिंब देखने के लिए दांत के डॉक्टर द्वारा इनमें से किसका उपयोग किया जाता है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (e) इनमें से कोई नहीं
Solution:दंत विशेषज्ञ नतोदर शीशे (अवतल दर्पण) का उपयोग करते हैं। आकाशीय पिण्डों, तारों आदि की फोटोग्राफी करने के लिए परावर्तक दूरदर्शी में बड़े-बड़े अवतल दर्पणों का उपयोग होता है। कान, नाक एवं गले के आंतरिक भागों की जांच के लिए भी इनका उपयोग होता है।

45. एक दंत चिकित्सक द्वारा रोगी के दांतों की जांच के लिए प्रयुक्त दर्पण है- [U.P. P.C.S. (Pre) 2013, U.P.P.C.S. (Pre) (Re. Exam) 2015]

Correct Answer: (a) अवतल
Solution:दंत विशेषज्ञ नतोदर शीशे (अवतल दर्पण) का उपयोग करते हैं। आकाशीय पिण्डों, तारों आदि की फोटोग्राफी करने के लिए परावर्तक दूरदर्शी में बड़े-बड़े अवतल दर्पणों का उपयोग होता है। कान, नाक एवं गले के आंतरिक भागों की जांच के लिए भी इनका उपयोग होता है।

46. धूप से बचने के लिए छाते में रंग संयोजन निम्न में कौन-सा सबसे उचित है- [U.P. P.C.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (b) ऊपर उजला नीचे काला
Solution:श्वेत रंग प्रकाश का पूर्णतया परावर्तक है, जिससे बहुत कम मात्रा में ऊष्मा अवशोषित हो पाती है। अतः छाते की ऊपरी सतह सफेद होने से ही गर्मी में धूप से बचा जा सकेगा।

47. खगोलीय दूरदर्शी से बना प्रतिबिंब होता है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) काल्पनिक और बड़ा
Solution:खगोलीय दूरदर्शी से बना अंतिम प्रतिबिंब आभासी और बड़ा होता है।

48. जब दो समानांतर समतल दर्पणों के बीच कोई वस्तु रख दी जाती है, तो बनने वाले प्रतिबिंबों की संख्या होती है- [U.P. P.C.S. (Pre) 1994, U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (d) अनंत
Solution:दो समानांतर समतल दर्पणों के बीच यदि कोई वस्तु रख दी जाए, तो बनने वाले प्रतिबिंबों की संख्या अनंत होती है, क्योंकि प्रत्येक प्रतिबिंब परावर्तित होकर एक नया प्रतिबिंब बनाता है और इस तरह यह क्रम चलता रहता है। जब दो समतल दर्पण θ° कोण पर झुके हों, और 360°/ θ का मान एक सम (even) संख्या हो, तो उनके मध्य में रखी वस्तु के बनाए कुल प्रतिबिंबों की संख्या (360°/ θ° − 1) होती है। यदि दो समतल दर्पणों के बीच का कोण हो,और 360°/ θ का मान एक विषम संख्या (odd) हो, तो बनने वाले कुल प्रतिबिंबों की संख्या होती है|

49. प्रकाश के एक बिंदु स्रोत को दो समानांतर समतल दर्पणों के मध्य रखने पर कितने प्रतिबिंब बनेंगे? [U.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (d) अनंत
Solution:दो समानांतर समतल दर्पणों के बीच यदि कोई वस्तु रख दी जाए, तो बनने वाले प्रतिबिंबों की संख्या अनंत होती है, क्योंकि प्रत्येक प्रतिबिंब परावर्तित होकर एक नया प्रतिबिंब बनाता है और इस तरह यह क्रम चलता रहता है। जब दो समतल दर्पण θ° कोण पर झुके हों, और 360°/ θ का मान एक सम (even) संख्या हो, तो उनके मध्य में रखी वस्तु के बनाए कुल प्रतिबिंबों की संख्या (360°/ θ° − 1) होती है। यदि दो समतल दर्पणों के बीच का कोण हो,और 360°/ θ का मान एक विषम संख्या (odd) हो, तो बनने वाले कुल प्रतिबिंबों की संख्या होती है|

50. जब किसी दर्पण को θ कोण से घूर्णित किया जाए, तो परावर्तित किरण का घूर्णन होगा- [I.A.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (d) 2θ
Solution:जब दर्पण पर आपतित प्रकाश किरण की दिशा परिवर्तित नहीं होती है, तब परावर्तित किरण का घूर्णन कोण दर्पण के घूर्णित कोण से दोगुना होता है।