प्राचीन भारतीय इतिहास के स्त्रोत

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21. निम्नलिखित में से 1500-1000 ई. पू. के लगभग का काल किस वेद से संबंधित रहा है?

Correct Answer: (d) ऋग्वेद
Solution:ऋग्वेद को 1500-1000 ई. पू. के लगभग का माना जाता है, लेकिन अथर्ववेद, यजुर्वेद, ब्रह्मणों, आरण्यकों और उपनिषदों को 1000-500 ई. पू. के लगभग माना जाता है।

22. वैदिक मूलग्रंथों का अर्थ समझने हेतु किन शास्त्रों की रचना की गयी थी ?

Correct Answer: (b) वेदांग
Solution:वैदिक मूलग्रंथ का अर्थ समझ में आए इसके लिए वेदांगों अर्थात् वेद के अंगभूत शास्त्रों का अध्ययन आवश्यक था, वेदांगों की संख्या 6 हैं जो इस प्रकार हैं- शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, छंद और निरुक्त।

23. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

कथन (1) पाणिनी का व्याकरण 450 ई.पू. के आस-पास लिखा गया था।

कथन (2) व्याकरण सूत्र लेखन का सबसे विख्यात उदाहरण है। उपर्युक्त में से कौन-सा असत्य है?

 

Correct Answer: (d) न तो (1) न ही (2)
Solution:प्रत्येक शास्त्र के चतुर्दिक प्रचुर साहित्य विकसित हुए हैं, जो कि गद्य में नियम रूप में लिखे गए हैं। संक्षिप्त होने के कारण ये नियम सूत्र कहलाते हैं। पाणिनी का व्याकरण लगभग 450 ई.पू. लिखा गया जो कि सूत्र लेखन का विख्यात उदाहरण है।

24. धर्मसूत्रों और स्मृतियों को जाना जाता है-

Correct Answer: (b) सर्वसाधारण और शासकों के लिए नियम और विनियम हेतु
Solution:धर्मसूत्रों व स्मृतियों में सर्वसाधारण और शासकों के लिए नियम और विनियम निर्धारित हैं। आधुनिक अवधारणा के रूप में इन्हें प्राचीन भारतीय राज्यव्यवस्था और समाज के रूप में संविधान व विधि पुस्तकों का नाम दिया जा सकता है। इन्हें धर्मशास्त्र भी कहा जाता है।

25. निम्नलिखित में से किन-किन साहित्य को उत्तरवर्ती वैदिक साहित्य के अंतर्गत शामिल किया गया है?

(1) ब्राह्मणों

(2) आरण्यकों

(3) उपनिषदों

(4) मिलिन्दपन्हों

नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए।

Correct Answer: (c) 1, 2 और 3
Solution:वेदों के अलावा, ब्राह्मणों, अरण्यकों और उपनिषदों को भी वैदिक साहित्य में शामिल किया जाता है तथा इन्हें उत्तरवर्ती वैदिक साहित्य कहा जाता है।

26. ऐतिहासिक अध्ययन की कितनी शाखाएं पुराणों की विषय वस्तु बनती है?

Correct Answer: (d) 5
Solution:ऐतिहासिक अध्ययन की पांच शाखाएं पुराणों की विषयवस्तु बनती है जो निम्न है- (1) सर्ग (2) प्रतिसर्ग (3) मन्वंतर (4) वंश (5) वंशानुचरित।

27. निम्नलिखित में से पुराणों में बताए गए चार युगों का सही क्रम कौन-सा है?

Correct Answer: (b) कृत, द्वापर, त्रेता, कलि
Solution:पुराणों मे बताए गए चार युगों का क्रम निम्नलिखित हैं-कृत, द्वापर, त्रेता, कलि। इनमें हर युग अपने पिछले युग से निम्न बताया गया है और कहा गया है कि एक युग बाद जब दूसरे युग का आरंभ होता है तब नैतिक मूल्यों और सामाजिक मानदंडों का

अधः पतन होता है।

28. निम्नलिखित में से कौन-सा संग्रह ग्रंथ शतसहस्त्री संहिता के नाम से जाना जाता है-

Correct Answer: (b) महाभारत
Solution:महाभारत को व्यास की कृति माना जाता है जो लगभग दसवीं सदी ई.पू. से चौथी सदी ई.पू. तक की स्थिति का आभास कराती है। पहले महाभारत में केवल 8800 श्लोक थे तब इसका नाम जयस (जय संहिता) था, बाद में बढ़कर 24,000 श्लोक हो गए और इसका नाम भारत पड़ा, अंततः इसमें 1 लाख श्लोक हो गए और तद्नुसार यह शतसहस्त्री संहिता या महाभारत कहलाने लगा।

29. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

कथन (1) रामायण, महाभारत के बाद की रचना प्रतीत होती है।

कथन (2) रामायण में मूलतः 6000 श्लोक थे।

उपर्युक्त में से कौन-सी विशेषता / विशेषताएं रामायण की है / हैं?

Correct Answer: (c) (1) और (2) दोनों
Solution:वाल्मीकि रामायण में मूलतः 6000 श्लोक थे, जो बढ़कर 12000 श्लोक हो गए और अंततः 24000 श्लोक हैं, इसकी रचना संभवतः ईसा-पूर्व पांचवी सदी में शुरू हुई। मिला जुलाकर इसकी रचना महाभारत के बाद हुई प्रतीत होती है। अतः विकल्प (a) सही है।

30. निम्नलिखित दिए गये सूत्रों में से किसके अंतर्गत राजाओं, तीनो उच्च वर्णों के अनुष्ठान तथा राज्याभिषेक पर चर्चा की गयी है।

Correct Answer: (c) श्रौतसूत्र
Solution:राजाओं, तीनों उच्च वर्णों और घनाढ्य पुरुषों द्वारा अनुष्ठान सार्वजनिक यज्ञों के विधि-विधान तथा राज्याभिषेक के कई आडंबरों का वर्णन श्रौतसूत्र के अंतर्गत किया गया है।