बादल

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1. बादल परिणाम हैं- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) संघनन के
Solution:बादलों का निर्माण संघनन की प्रक्रिया के फलस्वरूप होता है। जल के गैसीय अवस्था के तरल या ठोस अवस्था में परिवर्तित होने की क्रिया को संघनन (Condensation) कहते हैं। पृथ्वी की सतह से काफी ऊंचाई पर वायुमण्डल में जलवाष्प के संघनन के फलस्वरूप निर्मित जलकणों या हिमकणों के समूह को बादल कहते हैं।

2. तड़ित झंझा के दौरान, आकाश में तड़ित किसके / किनके द्वारा उत्पन्न होती है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2013]

1. आकाश में कपासी वर्षा मेघों के मिलने से

2. तड़ित से, जो वर्षा मेघों को पृथक करती है

3. हवा और जल कणों के ऊपर की ओर तीव्र चलन से

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (d) उपर्युक्त में से कोई भी तड़ित उत्पादित नहीं करता।
Solution:इस प्रश्न के अंग्रेजी संस्करण में मेघ गर्जन (Thunder) को उत्पन्न करने वाले कारकों के बारे में पूछा गया है, जबकि हिंदी संस्करण में मेघ गर्जन के स्थान पर तड़ित (Lightning) को उत्पन्न करने व कारकों के बारे में पूछा गया है। यहां पर उत्तर अंग्रेजी संस्करण में पूछे गए प्रश्न के सदंर्भ में दिया जा रहा है। बिजली के चमकते ही ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है, जिस कारण तापमान अचानक बढ़ जाता है और तीव्रता से अचानक फैलती है, इसी कारण भयंकर आवाज उठती है। इसे ही मेघ गर्जन कहते हैं। बड़ी-बड़ी जल की बूंदों के टूटने के कारण तड़ित उत्पन्न होती है। उपर्युक्त में से कोई भी कारक मेघ गर्जन उत्पन्न नहीं करता है।

3. निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में, कुछ वैज्ञानिक पक्षाम मेघ विरलन तकनीक तथा समतापमण्डल में सल्फेट वायुविलय अंतःक्षेपण के उपयोग का सुझाव देते हैं? [IAS (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) भूमण्डलीय तापन को कम करने के लिए
Solution:भूमण्डलीय तापन को कम करने के लिए वैज्ञानिक जलवायु अभियांत्रिकी पर शोध कर रहे हैं। इसमें एक प्रमुख तकनीक पक्षाभ मेघ विरलन तकनीक है। पक्षाभ मेघ जलवाष्प के बर्फीले क्रिस्टल हैं, जो भूमि से परावर्तित ऊष्मा को बाह्य अंतरिक्ष में जाने से रोक देते हैं। इन मेधों पर बिस्मथ ट्राइआयोडाइड या सिल्वर आयोडाइड के छिड़काव से ये बादल विरल हो जाते हैं। विरल होने के फलस्वरूप उनकी ऊष्मा अवशोषण क्षमता कम हो जाती है, जिससे भौमिक विकिरण अंतरिक्ष में तुलनात्मक रूप से अधिक जाने लगेगा और इस तरह भूमण्डलीय तापन कम हो जाएगा। इसी प्रकार एक अन्य प्रस्तावित भू-अभियांत्रिकी तकनीक के तहत समतापमण्डल में सल्फेट वायुविलय (एयरोसोल) के छिड़काव से एक परत बन जाएगी, जो सौर विकिरण को पृथ्वी के क्षोभमण्डल में पहुंचने से पूर्व ही कुछ मात्रा में परावर्तित कर देगी, जिससे पृथ्वी पर कम विकिरण प्राप्त होगा और इस तरह वैश्विक तापन कम होगा।

4. मेघाच्छादित रात में ओस की बूंदें क्यों नहीं बनतीं ? [IAS (Pre) 2019]

Correct Answer: (b) पृथ्वी के विकिरण को बादल वापस परावर्तित कर देते हैं।
Solution:ओस बनने के लिए सबसे उपयुक्त अवस्थाएं स्वच्छ आकाश, शांत हवा, उच्च सापेक्ष आर्द्रता तथा ठंडी एवं लंबी रातें हैं। दिन में अधिक तापमान के साथ वायु की जल धारण क्षमता अधिक हो जाती है, जिससे वायु में जलवाष्प की मात्रा (आर्द्रता) बढ़ जाती है। इसके विपरीत रात्रि में जब तापमान बहुत कम हो जाता है, तो वायु की जल धारण क्षमता में कमी आ जाती है, जिससे संतृप्त वायु से अधिक जलवाष्प ठंडी सतह पर बूंद के रूप में द्रवीभूत हो जाती है, जिसे 'ओस' कहते हैं। लेकिन जब रात में आसमान में बादल छाए रहते हैं, तो वे पृथ्वी के विकिरण को वापस परावर्तित कर देते हैं, जिससे वायु और सतह गर्म बने रहते हैं। इस कारण दैनिक तापांतर कम होता है और ओस नहीं बनती है।

5. निम्नलिखित में से कौन-सा बादल अत्यधिक तीव्र वर्षा के लिए उत्तरदायी होता है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (b) कपासी वर्षा
Solution:कपासी वर्षा बादल अधिक विस्तृत तथा गहरे बादल होते हैं, क्योंकि इनकी ऊर्ध्वाधर ऊंचाई अधिक होती है। इनके साथ वर्षा, ओला, तड़ितझंझा की अधिक संभावना होती है। इनसे कम समय में अत्यधिक तीव्र वर्षा होती है।

6. सर्वाधिक ऊंचाई के बादल हैं- [U.P. Lower Sub.(Pre) 2009]

Correct Answer: (d) पक्षाभ स्तरी
Solution:उपर्युक्त विकल्पों में पक्षाभ स्तरी बादल सर्वाधिक ऊंचाई के बादल हैं। ये मुख्यतः 18,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर पाए जाते हैं।

7. निम्नलिखित जलवायु और भूगोल-विषयक तथ्यों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2002]

1. संघनन

2. उच्च ताप एवं आर्द्रता

3. पर्वत विज्ञान

4. ऊर्ध्वाधर हवा मेघ गर्जन

इनमें से किस-किस तथ्य के कारण होता है?

Correct Answer: (c) 1, 2 और 4
Solution:मेघ गर्जन, तड़ित झंझा की एक प्रक्रिया है। वास्तव में तड़ित झंझा स्थानीय तूफान होते हैं, जिनमें ऊपर की ओर हवाएं (ऊर्ध्वाधर) तीव्र गति से चलती हैं, बिजली की चमक और मेघ गर्जन के साथ घनघोर जलवर्षा (संघनन के पश्चात) होती है। मेघ गर्जन के पूर्व बिजली की चमक होती है, जिस कारण तापक्रम अचानक बढ़ जाता है और वायु तीव्रता से अचानक फैलती है, जिस कारण भयंकर आवाज उठती है। अतः पर्वत विज्ञान को छोड़कर सभी का संबंध मेघ गर्जन से है।