मूल अधिकार भाग – 2 (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 50

31. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2023]

1. भारत के संविधान के अनुसार, केंद्र सरकार का यह एक दायित्व है कि वह राज्यों को आंतरिक विक्षोभों से बचाए।

2. भारत का संविधान राज्यों को, निवारक निरोध में रखे जा रहे किसी व्यक्ति को विधिक काउंसेल उपलब्ध कराने से छूट प्रदान करता है।

3. आतंकवाद निवारण अधिनियम, 2002 के अनुसार, पुलिस के समक्ष अभियुक्त की संस्वीकृति को साक्ष्य के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

Correct Answer: (a) केवल एक
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 के अनुसार संघ का यह कर्तव्य है कि वह बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की संरक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का इस संविधान के उपबंधों के अनुसार चलाया जाना सुनिश्चित करे। अतः कथन 1 सत्य है। संविधान के अनुच्छेद 22 (1) के अनुसार किसी व्यक्ति को जो गिरफ्तार किया गया है, ऐसी गिरफ्तारी के कारणों से यथाशीघ्र अवगत कराए बिना अभिरक्षा में निरुद्ध नहीं रखा जाएगा या अपनी रुचि के विधि व्यवसायी से परामर्श करने और प्रतिरक्षा कराने के अधिकार से वंचित नहीं रखा जाएगा। हालांकि अनुच्छेद 22 (3) (b) के तहत उपर्युक्त बात निवारक निरोध का उपबंध करने वाली विधि के अधीन गिरफ्तार या निरुद्ध व्यक्ति पर लागू नहीं होती तथापि, अनुच्छेद 22(5) के अनुसार निवारक निरोध का उपबंध करने वाली किसी विधि के अधीन किए गए आदेश के अनुसरण में जब किसी व्यक्ति को निरुद्ध किया जाता है, तब आदेश करने वाला प्राधिकारी यथाशीघ्र उस व्यक्ति को यह संसूचित करेगा कि वह आदेश किन आधारों पर किया गया है और उस आदेश के विरुद्ध अभ्यावेदन करने के लिए उसे शीघ्रातिशीघ्र अवसर देगा। आतंकवाद निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 52(2) के तहत भी गिरफ्तार व्यक्ति को पुलिस स्टेशन लाए जाने पर यथाशीघ्र एक विधि व्यवसायी से परामर्श करने के अधिकार को संसूचित किए जाने का उपबंध किया गया था। अतः कथन 2 असत्य है। आतंकवाद निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 32 के अनुसार पुलिस अधिकारी (पुलिस अधीक्षक की रैंक या ऊपर) के समक्ष अभियुक्त की संस्वीकृति को साक्ष्य के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता था। अतः कथन 3 असत्य है।

32. भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : [I.A.S. (Pre) 2021]

1. जब एक कैदी पर्याप्त आधार प्रस्तुत करता है, तो ऐसे कैदी को पैरोल मना नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह उसके अधिकार का मामला बन जाता है।

2. कैदी को पैरोल पर छोड़ने के लिए राज्य सरकारों के अपने नियम हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा कौन-से सही है / हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:पैरोल (Parole) किसी कैदी को दंडादेश के निलंबन के साथ रिहा करने की प्रणाली है। यह रिहाई सामान्यतः कैदी के व्यवहार के आधार पर निर्धारित अवधि हेतु सशर्त होती है तथा उसे अधिकारियों के समक्ष आवधिक रूप से रिपोर्ट करना आवश्यक होता है। पैरोल (और फरलो; Furlough) की व्यवस्था कारागार प्रणाली को मानवीय बनाने के उद्देश्य से की गई है तथा ये 1894 के कारागार अधिनियम के तहत शासित होते हैं। पैरोल कैदी का अधिकार नहीं होता है तथा इसे विशेष कारण या परिस्थिति के आधार (यथा- परिवार में किसी की मृत्यु या रक्त संबंधी के विवाह) पर ही प्रदान किया जाता है। कैदी द्वारा पैरोल हेतु पर्याप्त आधार प्रस्तुत करने पर भी सक्षम अधिकारी इसे अस्वीकृत कर सकता है, यदि उसकी राय में कैदी का रिहा होना समाज के हित में न हो या कैदी के रिहा होने पर उसके फरार हो जाने की आशंका हो। बहुधा मृत्युदंड प्राप्त कैदी को भी पैरोल पर नहीं छोड़ा जाता है। इसके अतिरिक्त, बहु-हत्या दोषी या आतंक रोधी गैरकानूनी गतिविधियां निवारक अधिनियम (UAPA) के तहत सजायाफ्ता कैदी भी पैरोल के पात्र नहीं होते हैं। इस प्रकार, कथन 1 गलत है।

कथन 2 सही है, क्योंकि 'कारागार और उनमें निरुद्ध व्यक्ति' संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्य सूची का विषय है और राज्य सरकारों द्वारा कारागार अधिनियम के तहत कैदी को पैरोल पर छोड़ने के लिए अपने नियम बनाए गए हैं। पैरोल राज्य कार्यपालिका द्वारा प्रदान की जाती है। जेल अधिकारी इस संदर्भ में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देते हैं तथा पैरोल प्रदान करने का निर्णय मानवीय आधारों पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिया जाता है।

33. धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के प्रावधान के अंतर्गत सम्मिलित हैं- [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]

(I) धर्म प्रचार करने का अधिकार

(II) सिक्खों को 'कृपाण' धारण करने एवं रखने का अधिकार

(III) राज्यों को समाज-सुधारक विधि निर्माण का अधिकार

(IV) धार्मिक निकायों को लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का अधिकार

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (a) I, II एवं III
Solution:धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के प्रावधानों के अंतर्गत धर्म प्रचार करने का अधिकार एवं राज्यों को समाज सुधारक विधि निर्माण का अधिकार (अनुच्छेद 25) तथा सिक्खों को कृपाण धारण करने एवं रखने का अधिकार (अनुच्छेद 25 का स्पष्टीकरण-1) शामिल हैं। धार्मिक निकायों को लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का अधिकार धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में शामिल नहीं है।

34. संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत सिक्खों द्वारा कृपाण धारण करना धार्मिक स्वतंत्रता का अंग माना गया है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (b) अनुच्छेद 25
Solution:धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के प्रावधानों के अंतर्गत धर्म प्रचार करने का अधिकार एवं राज्यों को समाज सुधारक विधि निर्माण का अधिकार (अनुच्छेद 25) तथा सिक्खों को कृपाण धारण करने एवं रखने का अधिकार (अनुच्छेद 25 का स्पष्टीकरण-1) शामिल हैं। धार्मिक निकायों को लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का अधिकार धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में शामिल नहीं है।

35. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का संबंध है- [U.P.P.C.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (c) धर्म की स्वतंत्रता से
Solution:धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के प्रावधानों के अंतर्गत धर्म प्रचार करने का अधिकार एवं राज्यों को समाज सुधारक विधि निर्माण का अधिकार (अनुच्छेद 25) तथा सिक्खों को कृपाण धारण करने एवं रखने का अधिकार (अनुच्छेद 25 का स्पष्टीकरण-1) शामिल हैं। धार्मिक निकायों को लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का अधिकार धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में शामिल नहीं है।

36. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में प्रयुक्त 'हिंदू' शब्द किसे सम्मिलित नहीं करता ? [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006 U.P.P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (c) पारसियों को
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 (2) (ख) में प्रयुक्त 'हिंदू' शब्द के अंतर्गत बौद्ध, जैन एवं सिख शामिल हैं, जबकि पारसी इसमें सम्मिलित नहीं है।

37. संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार, धर्म-स्वातंत्र्य का अधिकार किसके अधीन नहीं है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (d) मानववाद
Solution:संविधान के अनुच्छेद 25(1) के अनुसार, 'लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य' के उपबंधों के अधीन रहते हुए, सभी व्यक्तियों को अंतःकरण की स्वतंत्रता का और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने का समान अधिकार होगा।' अतः इसमें मानववाद सम्मिलित नहीं है।

38. संविधान के अनुच्छेद 26 में धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता पर क्या प्रतिबंध लगाया गया है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]

(i) लोक व्यवस्था                (ii) राष्ट्रीय सुरक्षा

(iii) शिक्षा                         (iv) सदाचार

(v) स्वास्थ्य                       (vi) धर्मनिरपेक्षता

Correct Answer: (d) (i) (iv) (v)
Solution:संविधान के अनुच्छेद 25(1) के अनुसार, 'लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य' के उपबंधों के अधीन रहते हुए, सभी व्यक्तियों को अंतःकरण की स्वतंत्रता का और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने का समान अधिकार होगा।' अतः इसमें मानववाद सम्मिलित नहीं है।

39. निम्नलिखित में से कौन एक सुमेलित नहीं है? [U.P. Lower Sub.(Pre) 2009]

Correct Answer: (d) अनुच्छेद 29 शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार
Solution:अल्पसंख्यकों को शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार अनु. 30 से प्राप्त होता है, जबकि अनु. 29 अल्पसंख्यक वर्गों के हितों के संरक्षण से, अनु. 23 मानव के दुर्व्यापार एवं बलात्श्रम के प्रतिबंध से, अनु. 24 कारखानों आदि में बालकों के नियोजन पर प्रतिबंध से, अनु. 26 धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता से और अनु. 32 संवैधानिक उपचारों का अधिकार से संबंधित है, जबकि अनु. 31 संपत्ति का अनिवार्य अर्जन से संबंधित था, जिसको 44वें संविधान संशोधन, 1978 द्वारा निरसित कर दिया गया है।

40. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (d) शिक्षा संस्थाओं की स्थापना अनुच्छेद 31 तथा प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार
Solution:अल्पसंख्यकों को शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार अनु. 30 से प्राप्त होता है, जबकि अनु. 29 अल्पसंख्यक वर्गों के हितों के संरक्षण से, अनु. 23 मानव के दुर्व्यापार एवं बलात्श्रम के प्रतिबंध से, अनु. 24 कारखानों आदि में बालकों के नियोजन पर प्रतिबंध से, अनु. 26 धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता से और अनु. 32 संवैधानिक उपचारों का अधिकार से संबंधित है, जबकि अनु. 31 संपत्ति का अनिवार्य अर्जन से संबंधित था, जिसको 44वें संविधान संशोधन, 1978 द्वारा निरसित कर दिया गया है।