Solution:संरचनात्मक हिंसा से तात्पर्य ऐसे सुनियोजित तरीके से है, जिनके जरिए सामाजिक ढांचा, किसी समाज में व्यक्तियों को हानि पहुंचाता है और इन्हें अवसरों से वंचित करता है। संरचनात्मक हिंसा आमतौर पर जोहान गालटुंग के अनुसार वर्णित एक शब्द है, जिसे उन्होंने 'हिंसा, शांति और अनुसंधान' (1969) नामक लेख में प्रस्तुत किया है।संरचनात्मक हिंसा के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
प्रजातिवाद, नस्लवाद, कामुकता, वर्गीकरण, अस्पृश्यता आदि। 'अस्पृश्यता' जिसे आम बोलचाल में छुआछूत भी कहा जाता है, जाति-व्यवस्था का एक अत्यंत घृणित पहलू है, जो धार्मिक एवं कर्मकांडीय दृष्टि से शुद्धता एवं अशुद्धता के पैमाने पर सबसे नीची माने जाने वाली जातियों के सदस्यों के विरुद्ध अत्यंत कठोर सामाजिक दंडों का विधान करता है और अस्पृश्यता को इसी कारण धार्मिक स्वीकृति भी प्राप्त हो जाती है।
अतः कथन (A) एवं (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।