मृदा

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11. मृदा संरक्षण वह प्रक्रम है, जिसमें- [39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (d) मृदा को नुकसान से सुरक्षित किया जाता है।
Solution:वृहत अर्थ में मृदा संरक्षण (Soil Conservation) का अर्थ केवल अ- परदन को नियंत्रित करना ही नहीं होता है, बल्कि इसका उद्देश्य भूमि की उच्चस्तरीय उर्वरता को बनाए रखना भी होता है। सामान्य अर्थ में भूमि उपयोग में सुधार ही मृदा संरक्षण कहलाता है। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।

12. टेरारोसा का प्रारूपिक विकास उस भू-भाग में होता है, जिसमें- [39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (a) चूना पत्थर होता है।
Solution:टेरारोसा एक प्रकार की लाल चिकनी मृदा है, जिसका निर्माण चूना पत्थर एवं डोलोमाइट वाली चट्टानों के अपक्षय से होता है। इसमें क्ले एवं सैण्ड के मिश्रण, जिसमें लौह ऑक्साइड होता है, से निर्माण होता है।

13. सूची-I को सूची-II के साथ सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिए गए कूटों का उपयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए- [R.A.S./R.T.S. (Re-Pre) 2013]

सूची-I(मिट्टी)सूची-II(जलवायु प्रदेश)
(A) पॉडजॉल(i) समशीतोष्ण-शीत स्टेपी
(B) चर्नोजेम(ii) शीत समशीतोष्ण
(C) स्पॉडजोल्स(iii) उष्ण एवं आर्द्र
(D) लेटेराइट(iv) आर्द्र शीत समशीतोष्ण

 

ABCD
(a)(ii)(i)(iv)(iii)
(b)(iii)(iv)(ii)(i)
(c)(ii)(iii)(iv)(i)
(d)(iv)(i)(iii)(ii)

 

Correct Answer: (a)
Solution:सूची-I का सूची-II के साथ सही सुमेलन इस प्रकार है-
सूची-Iसूची-II
पॉडजॉलशीत समशीतोष्ण
चर्नोजेमसमशीतोष्ण-शीत स्टेपी
स्पॉडजोल्सआर्द्र शीत समशीतोष्ण
लेटेराइटउष्ण एवं आर्द्र

14. अभिकथन : [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]

अभिकथन (दावा) (A): केंचुए खेती के लिए अच्छे नहीं हैं।

तर्क (कारण) (R): केंचुए मिट्टी को महीन कणों में परिवर्तित कर इसे नरम बना देते हैं।

Correct Answer: (d) यदि (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।
Solution:केंचुए मिट्टी के निर्माण एवं इसकी उत्पादकता में वृद्धि में विशेष योगदान देते हैं। इन्हें 'पारिस्थितिकी तंत्र का इंजीनियर' कहा जाता है। ये मिट्टी में छिद्रों का निर्माण करते हैं, जिनसे होकर जल एवं ऑक्सीजन अंदर तक पहुंचती है तथा कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है। केंचुओं का मल मिट्टी की उत्पादकता के लिए महत्वपूर्ण होता है। ये मिट्टी को महीन कणों में परिवर्तित कर नरम बना देते हैं। ये अपघटक का कार्य करते हैं। अतः स्पष्ट है कि अभिकथन (A) गलत है तथा (कारण) (R) सही है।

15. कृषि मृदाओं के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2018]

1. मृदा में कार्बनिक पदार्थ का उच्च अंश इसकी जल धारण क्षमता को प्रबंध रूप से कम करता है।

2. गंधक चक्र में मृदा की कोई भूमिका नहीं होती है।

3. कुछ समयावधि तक सिंचाई कुछ कृषि भूमियों के लवणीभवन में योगदान कर सकती है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल 3
Solution:गुरुत्वीय जल (Gravitational Water) के रिस जाने के पश्चात मिट्टी में बचे हुए जल की अधिकतम मात्रा को मृदा जलधारिता/जलधारण क्षमता कहते हैं। मृदा में पाए जाने वाले कार्बनिक पदार्थ मृदा के कणों को अत्यधिक सघन बना देते हैं। जिस कारण मृदा की जल धारण क्षमता बढ़ जाती है। अतः कथन (1) गलत है। सल्फर प्रोटीन, विटामिन व अमीनो एसिड का प्रमुख घटक है। यह सामान्यतः सल्फेट के रूप में मिट्टी और चट्टानों के रूप में पाया जाता है। पादप इसे सल्फेट के रूप में ग्रहण करते हैं। मृत जीवों के अपघटन द्वारा H₂S के ऑक्सीकरण से सल्फेट प्राप्त होते रहते हैं। इस प्रकार गंधक चक्र में मृदा की भूमिका प्रत्यक्ष रूप से है। अतः कथन (2) भी गलत है। कुछ समयावधि तक सिंचाई के कारण लवण, भूमि की सतह पर आ जाते हैं और जल के वाष्पीकरण के पश्चात इसके अपशिष्ट सतह पर शेष रह जाते हैं। यह मृदा के ऊपरी परत में लवण को एकत्रित भी कर सकता है। इस प्रकार मृदा में अत्यधिक मात्रा में लवण का निर्माण होता है, जिसे लवणीभवन (Solinization) कहा जाता है। अतः कथन (3) सही है। इस प्रकार विकल्प (b) सही उत्तर होगा।