1. मृदा में कार्बनिक पदार्थ का उच्च अंश इसकी जल धारण क्षमता को प्रबंध रूप से कम करता है।
2. गंधक चक्र में मृदा की कोई भूमिका नहीं होती है।
3. कुछ समयावधि तक सिंचाई कुछ कृषि भूमियों के लवणीभवन में योगदान कर सकती है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct Answer: (b) केवल 3
Solution:गुरुत्वीय जल (Gravitational Water) के रिस जाने के पश्चात मिट्टी में बचे हुए जल की अधिकतम मात्रा को मृदा जलधारिता/जलधारण क्षमता कहते हैं। मृदा में पाए जाने वाले कार्बनिक पदार्थ मृदा के कणों को अत्यधिक सघन बना देते हैं। जिस कारण मृदा की जल धारण क्षमता बढ़ जाती है। अतः कथन (1) गलत है। सल्फर प्रोटीन, विटामिन व अमीनो एसिड का प्रमुख घटक है। यह सामान्यतः सल्फेट के रूप में मिट्टी और चट्टानों के रूप में पाया जाता है। पादप इसे सल्फेट के रूप में ग्रहण करते हैं। मृत जीवों के अपघटन द्वारा H₂S के ऑक्सीकरण से सल्फेट प्राप्त होते रहते हैं। इस प्रकार गंधक चक्र में मृदा की भूमिका प्रत्यक्ष रूप से है। अतः कथन (2) भी गलत है। कुछ समयावधि तक सिंचाई के कारण लवण, भूमि की सतह पर आ जाते हैं और जल के वाष्पीकरण के पश्चात इसके अपशिष्ट सतह पर शेष रह जाते हैं। यह मृदा के ऊपरी परत में लवण को एकत्रित भी कर सकता है। इस प्रकार मृदा में अत्यधिक मात्रा में लवण का निर्माण होता है, जिसे लवणीभवन (Solinization) कहा जाता है। अतः कथन (3) सही है। इस प्रकार विकल्प (b) सही उत्तर होगा।