मौर्योत्तर काल (UPPCS) (Part-2)

Total Questions: 24

11. निम्नलिखित में से कौन-सा कौन-से कथन सही है/हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2021]

(i) सातवाहन वंश की शक्ति क्षीण होने के बाद वाकाटक वंश ने अपना राज्य स्थापित किया।

(ii) वाकाटक वंश का पहला राजा प्रवर सेन (प्रथम) हुआ।

(iii) विंध्य शक्ति प्रवर सेन का पुत्र था।

सही विकल्प चुनें-

Correct Answer: (c) केवल (i)
Solution:सातवाहन वंश की शक्ति क्षीण होने के बाद वाकाटक वंश ने दक्षिणापथ में अपना राज्य स्थापित किया था। विंध्य शक्ति, वाकाटक वंश का संस्थापक था। प्रवरसेन, विंध्य शक्ति के पुत्र थे। अतः कथन (i) सत्य है, जबकि कथन (ii) तथा कथन (iii) असत्य हैं।

12. निम्नलिखित में से किस स्तूप में 'आर्यक-स्तम्भ' वाले मंच की विशेषताएं मिलती हैं? [U.P. P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (d) अमरावती
Solution:अमरावती स्तूप में 'आर्यक-स्तम्भ' अथवा 'आयक स्तम्भ' (Ayaka Pillars) वाले मंच की विशेषताएं देखने को मिलती हैं। यह आंध्र प्रदेश 1/ के पलनाडु जिले के अमरावती गांव में स्थित है।

13. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2017]

Column 1 (Inscription)Column 2 (Ruler)
(a) नासिक (Nasik)गौतमीपुत्र (Gautamiputra)
(b) हाथीगुम्फा (Hathigumpha)खारवेल (Kharavela)
(c) भितरी (Bhitari)पुलकेशिन द्वितीय (Pulakeshin II)
(d) गिरनार (Girnar)रुद्रदामन प्रथम (Rudradaman I)

 

Correct Answer: (c)
Solution:गौतमीपुत्र शातकर्णि सातवाहन वंश का शक्तिशाली शासक था। इसके विषय में सूचना इसकी मां गौतमी बलश्री के नासिक प्रशस्ति से प्राप्त होती है। उदयगिरि पहाड़ी की 'हाथीगुम्फा' से खारवेल का एक बिना तिथि का अभिलेख प्राप्त हुआ है। इसमें खारवेल के बचपन, शिक्षा, राज्याभिषेक तथा राजा होने के बाद से तेरह वर्षों तक के शासन की घटनाओं का क्रमबद्ध विवरण दिया हुआ है। भितरी स्तंभ लेख का संबंध गुप्त शासक स्कंदगुप्त से है, जबकि पुलकेशिन द्वितीय का संबंध ऐहोल अभिलेख से है, जो एक प्रशस्ति के रूप में है। तथा इसकी भाषा संस्कृत है। रुद्रदामन प्रथम का जूनागढ़ (गिरनार) से शक संवत् 72 (150 ई.) का अभिलेख प्राप्त होता है। यह प्रशस्ति के रूप में है। इससे उसकी विजयों, व्यक्तित्व एवं कृतियों का विवरण प्राप्त होता है।

14. निम्नलिखित में से किस वंश के शासकों को पुराणों में 'श्रीपर्वतीय' कहा गया है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (b) इक्ष्वाकु
Solution:इक्ष्वाकु वंश के शासकों को पुराणों में 'श्रीपर्वतीय' (श्रीपर्वत का शासक) तथा 'आंध्रभृत्य' (आंधों का नौकर) कहा गया है। पहले वे सातवाहनों के सामंत थे; किंतु उनके पतन के बाद उन्होंने अपनी स्वतंत्रता घोषित कर दी। इस वंश का संस्थापक श्रीशांतमूल था।

15. निम्न कथनों पर विचार कीजिए- [U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]

कथन (A) : कुषाण फारस की खाड़ी और लाल सागर से होकर व्यापार करते थे।

कारण (R) : उनकी सुसंगठित नौसेना उच्च कोटि की थी।

उपर्युक्त के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा सही उत्तर है?

कूट :

Correct Answer: (c) (A) सही है; परंतु (R) गलत है।
Solution:पेरीप्लस ऑफ द एरीथ्रियन सी और अरिकामेडु में हुई खुदाई से ऐसे अनेक बंदरगाहों और व्यापारिक केंद्रों की उपस्थिति के साक्ष्य मिले हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि कुषाणों का व्यापार पश्चिमी विश्व से फारस की खाड़ी और लाल सागर के जलमार्ग से होता था। इन सभी साक्ष्यों में किसी में भी कुषाणों की सशक्त नौसेना की उपस्थिति का उल्लेख नहीं मिलता है।

16. राजा खारवेल का नाम जुड़ा (Figures) है- [B.P.S.C. (Pre) 1999]

Correct Answer: (c) हाथीगुम्फा लेख के साथ
Solution:कलिंग का चेदिवंशीय शासक खारवेल प्राचीन भारतीय इतिहास के महानतम सम्राटों में से एक था। उड़ीसा (ओडिशा) प्रांत के भुवनेश्वर से लगभग 7 किमी. की दूरी पर स्थित उदयगिरि पहाड़ी की 'हाथीगुम्फा' से उसका एक बिना तिथि का अभिलेख प्राप्त हुआ है। यह अभिलेख खारवेल का इतिहास जानने का एकमात्र स्रोत है। इसका जैन धर्म के प्रति भारी झुकाव था।

17. निम्नलिखित राजाओं में से कौन जैन धर्म का संरक्षक था? [U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]

Correct Answer: (d) खारवेल
Solution:कलिंग का चेदिवंशीय शासक खारवेल प्राचीन भारतीय इतिहास के महानतम सम्राटों में से एक था। उड़ीसा (ओडिशा) प्रांत के भुवनेश्वर से लगभग 7 किमी. की दूरी पर स्थित उदयगिरि पहाड़ी की 'हाथीगुम्फा' से उसका एक बिना तिथि का अभिलेख प्राप्त हुआ है। यह अभिलेख खारवेल का इतिहास जानने का एकमात्र स्रोत है। इसका जैन धर्म के प्रति भारी झुकाव था।

18. कलिंग नरेश खारवेल निम्न में से किस वंश से संबंधित थे? [U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2008 & U.P.P.C.S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (a) चेदि
Solution:कलिंग का चेदिवंशीय शासक खारवेल प्राचीन भारतीय इतिहास के महानतम सम्राटों में से एक था। उड़ीसा (ओडिशा) प्रांत के भुवनेश्वर से लगभग 7 किमी. की दूरी पर स्थित उदयगिरि पहाड़ी की 'हाथीगुम्फा' से उसका एक बिना तिथि का अभिलेख प्राप्त हुआ है। यह अभिलेख खारवेल का इतिहास जानने का एकमात्र स्रोत है। इसका जैन धर्म के प्रति भारी झुकाव था।

19. निम्नलिखित राजाओं में से किसका जैन धर्म के प्रति भारी झुकाव था? [48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]

Correct Answer: (c) खारवेल
Solution:कलिंग का चेदिवंशीय शासक खारवेल प्राचीन भारतीय इतिहास के महानतम सम्राटों में से एक था। उड़ीसा (ओडिशा) प्रांत के भुवनेश्वर से लगभग 7 किमी. की दूरी पर स्थित उदयगिरि पहाड़ी की 'हाथीगुम्फा' से उसका एक बिना तिथि का अभिलेख प्राप्त हुआ है। यह अभिलेख खारवेल का इतिहास जानने का एकमात्र स्रोत है। इसका जैन धर्म के प्रति भारी झुकाव था।

20. कलिंग नरेश खारवेल का संबंध था- [60th to 62nd B.P.S.C. (Pre) 2016]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
Solution:कलिंग के चेदि राजवंश का संस्थापक महामेघवाहन नामक व्यक्ति था। अतः इस वंश का नाम महामेघवाहन वंश भी पड़ गया। इस वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक खारवेल हुआ।