वैदिक काल (UPPCS)

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31. ऋग्वेद में निम्नांकित किन नदियों का उल्लेख अफगानिस्तान के साथ आर्यों के संबंध का सूचक है? [U.P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) कुभा, क्रुमु
Solution:ऋग्वेद में उल्लिखित कुभा (काबुल), कुमु (कुर्रम), गोमती (गोमल) एवं सुवास्तु (स्वात) नदियां अफगानिस्तान में बहती थीं। इन नदियों के उल्लेख से स्पष्ट होता है कि आर्यों का अफगानिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध था।

32. वैदिक नदी कुभा का स्थान कहां निर्धारित होना चाहिए? [U.P.P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (a) अफगानिस्तान में
Solution:ऋग्वेद में उल्लिखित कुभा (काबुल), कुमु (कुर्रम), गोमती (गोमल) एवं सुवास्तु (स्वात) नदियां अफगानिस्तान में बहती थीं। इन नदियों के उल्लेख से स्पष्ट होता है कि आर्यों का अफगानिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध था।

33. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए: [U.P.P.C.S. (Pre) 2012]

सूची-I (वैदिक नदियां)सूची-II (आधुनिक नाम)
A. कुभा1. गंडक
B. परुष्णी2. काबुल
C. सदानीरा3. रावी
D. शुतुद्रि4. सतलुज

 

CodeABCD
(a)1243
(b)2314
(c)3421
(d)4132
Correct Answer: (b)
Solution:विकल्प में दी गई वैदिक नदियां एवं उनके आधुनिक नामों का सुमेलन निम्नानुसार है-
वैदिक नदियांआधुनिक नाम
कुभाकाबुल
परुष्णीरावी
सदानीरागंडक
शुतुद्री या शतुद्रिसतलुज

34. महाभारत काल में महानदी का नाम था- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (e) इनमें से कोई नहीं
Solution:महाभारत काल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानदी का उल्लेख महाभारत के भीष्म पर्व में पाप्त होता है।

35. वायु पुराण में महानदी का पौराणिक नाम क्या है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (b) नीलोत्पला
Solution:महानदी का पौराणिक नाम वायु पुराण में 'नीलोत्पला' बताया गया है। मत्स्य पुराण और ब्रह्म पुराण में महानदी को चित्रोत्पला कहा गया है।

36. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रथा उत्तर-वैदिक काल (Post vedic) में प्रचलित हुई? [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (e) (a & c)
Solution:चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष) तथा आश्रम (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ तथा संन्यास) की अवधारणा का प्रारंभ उत्तर-वैदिक काल में हुआ था। वस्तुतः पुरुषार्थ का पूर्णरूपेण क्रियान्वयन आश्रमों के माध्यम से होता था। ये चारों पुरुषार्थ मानव जीवन के आधार स्तम्भ थे, जिनकी सफलता आश्रम पर निर्भर करती थी। ध्यातव्य है कि 'जाबालोपनिषद' में सर्वप्रथम चारों आश्रमों का उल्लेख प्राप्त होता है।

37. "धर्म" तथा "ऋत" भारत की प्राचीन वैदिक सभ्यता के एक केंद्रीय विचार को चित्रित करते हैं। इस संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: [I.A.S. (Pre) 2011]

1. धर्म व्यक्ति के दायित्वों एवं स्वयं तथा दूसरों के प्रति व्यक्तिगत कर्तव्यों की संकल्पना था।

2. ऋत मूलभूत नैतिक विधान था, जो सृष्टि और उसमें अंतर्निहित सारे तत्वों के क्रिया-कलापों को संचालित करता था।

उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है / हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:प्रश्नगत दोनों कथन भारत की प्राचीन वैदिक सभ्यता के संदर्भ में सही हैं। अतः सही उत्तर विकल्प (c) होगा। 'वरुण' देवता को वैदिक सभ्यता में 'नैतिक व्यवस्था' का प्रधान माना जाता था। इसी कारण उन्हें 'ऋतस्यगोपा' भी कहा जाता था।

38. भारतीय संस्कृति के अंतर्गत 'ऋत' का अर्थ है- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) प्राकृतिक नियम
Solution:ऋग्वेद में हमें धर्म के अतिरिक्त दूसरा शब्द ऋत मिलता है। सभी देवताओं का संबंध ऋत (विश्व की नैतिक एवं भौतिक व्यवस्था) से माना गया है। ऋग्वेद में इसका वर्णन है। सृष्टि के आदि में सर्वप्रथम ऋत की उत्पत्ति हुई थी। ऋत के द्वारा विश्व में सुव्यवस्था तथा प्रतिष्ठा स्थापित होती है। यह विश्व की व्यवस्था का नियामक है।

39. निम्नलिखित वैदिक देवताओं में किसे उनका पुरोहित माना जाता था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) बृहस्पति
Solution:बृहस्पति को वैदिक देवताओं का पुरोहित माना जाता था।

40. निम्नलिखित में कौन-सी वह ब्रह्मवादिनी थी, जिसने कुछ वेद मंत्रों की रचना की थी? [I.A.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (a) लोपामुद्रा
Solution:वैदिक साहित्य में कई ऐसी विदुषी स्त्रियों का उल्लेख मिलता है, जिन्होंने वेद मंत्रों की रचना की थी। यथा अपाला, घोषा, विश्ववारा, लोपामुद्रा आदि। 'लोपामुद्रा' अगस्त्य ऋषि की पत्नी थीं।