अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी

Total Questions: 50

21. "यह प्रयोग तीन ऐसे अंतरिक्षयानों को काम में लाएगा जो एक समबाहु त्रिभुज (Equilateral triangle) की आकृति में उड़ान भरेंगे, जिसमें प्रत्येक भुजा एक मिलियन किलोमीटर लंबी है और यानों के बीच लेजर चमक रही होंगी।" कथित प्रयोग किसे संदर्भित करता है? [I.A.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) इवोल्वड LISA
Solution:

प्रश्न में निर्दिष्ट प्रयोग इवोल्वड लेजर इंटरफेरोमीटर स्पेस एंटीना (eLISA) को संदर्भित करता है। eLISA एक प्रस्तावित अंतरिक्षीय मिशन है, जिसका उद्देश्य गुरुत्वीय तरंगों (Gravitational waves) का पता लगाना एवं उनका सटीकता के साथ मापन करना है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी इस मिशन का संचालन कर रही है, जिसमें नासा एवं वैज्ञानिकों का एक अंतरराष्ट्रीय संघ भी सहयोग कर रहा है। इवोल्वड LISA का प्रयोग तीन ऐसे अंतरिक्ष यानों को काम में लाएगा जो एक समबाहु त्रिभुज की आकृति में उड़ान भरेंगे, जिसमें प्रत्येक भुजा एक मिलियन किलोमीटर लंबी है और यानों के बीच लेजर चमक रहीं होंगी।

22. 'विकसित लेजर व्यतिकरणमापी अंतरिक्ष एंटेना' (इवॉल्वड लेजर इंटरफेरोमीटर स्पेस एंटेना (ELISA) परियोजना का क्या प्रयोजन है? [I.A.S (Pre) 2017]

Correct Answer: (b) गुरुत्वीय तरंगों का संसूचन करना
Solution:eLISA परियोजना के तहत तीन मिन्न-भिन्न लेकिन एक-दूसरे से संबद्ध अंतरिक्षयान शामिल हैं। ये अंतरिक्षयान एक त्रिकोणीय विन्यास में सूर्य की परिक्रमा करेंगे। ये तीनों अंतरिक्षयान संयुक्त रूप से एक परिशुद्ध इंटरफेरोमीटर की रचना करेंगे। ये इंटरफेरोमीटर 0.1 mHz से । Hz की आवृत्तियों की रेंज में गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाने में सक्षम होगा।

23. ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक "ग्रेविटी ट्रैक्टर" बनाया है। निम्न सूची से उसे चिह्नित कीजिए- [U.P.P.C.S.(Pre) 2009]

Correct Answer: (d) एक अंतरिक्षयान ऐसी यांत्रिकी के साथ, जो क्षुद्र ग्रहों को पृथ्वी से टक्कर लेने से बचाएगा।
Solution:

30 अगस्त, 2009 को यूरोपीय कम्पनी ईएडीएस (EADS) की सहायक कम्पनी एरियनस्पेस ने एक ऐसे अंतरिक्षयान की डिजाइन तैयार की, जिसे पृथ्वी से किसी क्षुद्र ग्रह की टकराने की आशंका पर तैनात किया जा सकता है और इस खतरे से बचाव किया जा सकता है। इसकी परिकल्पना वर्ष 2005 में Edward T. Lu एवं Stanley G. Love ने दी थी।

24. हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से अरबों प्रकाशवर्ष दूर विशालकाय 'ब्लैक होलों' के विलय का प्रेक्षण किया। इस प्रेक्षण का क्या महत्व है? [I.A.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (b) 'गुरुत्वीय तरंगों' का अभिज्ञान हुआ।
Solution:LIGO एवं VIRGO ऑब्जर्वेटरी द्वारा पृथ्वी से अरबों प्रकाशवर्ष दूर विशालकाय ब्लैक होलों के विलय के फलस्वरूप अंतरिक्ष काल (Space-Time) में उत्पन्न हुई गुरुत्वीय तरंगों (Gravitational Waves) को संसूचित किया गया, जिससे प्रख्यात भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा उनकी 'थ्योरी ऑफ जनरल रिलेटिविटी (सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत) के आधार पर प्रस्तुत गुरुत्वीय तरंगों के पूर्वानुमान की पुष्टि हुई।

25. गुरुत्वीय तरंगों को पहली बार देखा गया- [U.P. P.C.S. (Mains) 2017]

Correct Answer: (b) सितंबर, 2015 में
Solution:

14 सितंबर, 2015 को गुरुत्वीय तरंगों का पहला प्रत्यक्ष अवलोकन किया गया और इससे संबंधित घोषणा 11 फरवरी, 2016 को LIGO (Laser Interferometer Gravitational Wave Observatory) द्वारा की गई।

26. वैज्ञानिक निम्नलिखित में से किस/किन परिघटना/परिघटनाओं को ब्रह्मांड के निरंतर विस्तरण के साक्ष्य के रूप में उद्धृत करते हैं? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. अंतरिक्ष में सूक्ष्मतरंगों की उपस्थिति का पता चलना

2. अंतरिक्ष में रेडशिफ्ट परिघटना का अवलोकन

3. अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रहों की गति

4. अंतरिक्ष में सुपरनोवा विस्फोटों का होना

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :

 

Correct Answer: (a) 1 और 2
Solution:अंतरिक्ष में सूक्ष्मतरंगों (Cosmic Microwave Background Radiation) की उपस्थिति का पता चलना तथा रेडशिफ्ट परिघटना का अवलोकन वैज्ञानिकों द्वारा ब्रह्माण्ड के निरंतर विस्तरण के साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। अमेरिका के सॉल पर्लमुटर और एडम राइस के अलावा ऑस्ट्रेलियाई अमेरिकी वैज्ञानिक ब्रायन श्मिट ने वर्ष 1998 में दो अलग-अलग शोधों में इस बात का पता लगाया कि करीब 14 अरब वर्ष पहले बिग बैंग की घटना के बाद अस्तित्व में आए ब्रह्माण्ड के विस्तार की गति तेज होती जा रही है। इसके पूर्व वैज्ञानिकों की धारणा यह थी कि ब्रह्माण्ड के विस्तार की गति में लगातार कमी आ रही है। अपने अध्ययन में इन वैज्ञानिकों ने पाया कि 50 से भी अधिक सुपरनोवा से निकल रहा प्रकाश वक्त के साथ अपेक्षा से कहीं ज्यादा कमजोर हो गया है, जो इस बात का संकेत है कि ब्रह्माण्ड के विस्तार में तेजी आ रही है। इसी कारण सुपरनोवा की दूरी पृथ्वी से बढ़ गई है और इस वजह से उनसे निकलने वाला प्रकाश दूर हो गया है। इन तीनों वैज्ञानिकों को ब्रह्माण्ड के विस्तार को समझने की दिशा में किए गए उनके शोध के लिए वर्ष 2011 के भौतिकशास्त्र के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

27. प्रसारी विश्व की संकल्पना आधारित है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2010]

Correct Answer: (a) डाप्लर प्रभाव पर
Solution:प्रसारी विश्व की संकल्पना डॉप्लर प्रभाव पर आधारित है। डाप्लर प्रभाव के कारण आकाशगंगाओं के केंद्र से आने वाले प्रकाश में उत्पन्न लाल विचलन (red shift) यह दर्शाता है कि ये हमसे दूर जा रही है। अर्थात हर दिशा में ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है।

28. निम्नलिखित परिघटनाओं पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2018]

1. प्रकाश, गुरुत्व द्वारा प्रभावित होता है।

2. ब्रह्माण्ड लगातार फैल रहा है।

3. पदार्थ अपने चारों ओर के दिक्काल को विकुंचित (वार्प) करता है।

उपर्युक्त में से एल्बर्ट आइंस्टाइन के आपेक्षिकता के सामान्य सिद्धांत का/के भविष्यकथन कौन-सा/से है/हैं, जिसकी/जिनकी प्रायः समाचार माध्यमों में विवेचना होती है?

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Solution:प्रसारी विश्व की संकल्पना डॉप्लर प्रभाव पर आधारित है। डाप्लर प्रभाव के कारण आकाशगंगाओं के केंद्र से आने वाले प्रकाश में उत्पन्न लाल विचलन (red shift) यह दर्शाता है कि ये हमसे दूर जा रही है। अर्थात हर दिशा में ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है।

29. कभी-कभी समाचारों में 'इवेंट होराइजन', 'सिंगुलैरिटी, 'स्ट्रिंग थियरी' और 'स्टैंडर्ड मॉडल' जैसे शब्द किस संदर्भ में आते हैं? [I.A.S. (Pre), 2017]

Correct Answer: (a) ब्रह्माण्ड का प्रेक्षण और बोध
Solution:इवेंट होराइजन- यह एक ऐसी सीमा (Boundary) है, जो अंतरिक्ष में ब्लैक होल के चारों ओर के क्षेत्र को परिभाषित करती है। इसी सीमा के अंदर किसी भी घटना का प्रेक्षण संभव नहीं है।

सिंगुलैरिटी- यह अंतरिक्ष-काल (Space-time) में एक ऐसा स्थल है जहां किसी खगोलीय पिंड का गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र अनंत हो जाता है। स्ट्रिंग थियरी इसमें सभी पदार्थों एवं बलों को एकल सैद्धांतिक रूपरेखा में सम्मिलित कर ब्रह्माण्ड के मूल स्तर की व्याख्या कर्णा के स्थान पर कंपायमान स्ट्रिंग के पदों में की जाती है।

स्टैंडर्ड मॉडल- कण भौतिकी का स्टैंडर्ड मॉडल एक ऐसा सिद्धांत है. जिसमें ब्रह्माण्ड में ज्ञात चार मूल बलों में से तीन (विद्युत चुंबकीय दुर्बल एवं प्रबल) की व्याख्या की जाती है तथा सभी ज्ञात मूल कणों का वर्गीकरण किया जाता है।

30. श्याम-विवर होता है- [U.P.P.C.S (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) सिमट गया तारा
Solution:'श्याम विवर' (Black Hole) अत्यधिक घनत्व तथा द्रव्यमान वाले ऐसे पिंड होते हैं, जिनका गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल होता है कि उससे प्रकाश किरणों का भी बच पाना असंभव होता है। चूंकि ब्लैक होल (Black Hole) प्रकाश की किरणों को अवशोषित कर लेता है, इसलिए यह अदृश्य बना रहता है।

जब कोई तारा विकास की मुख्य अवस्था से निकल कर वृद्धावस्था की ओर अग्रसर होता है, तो उसका बाहरी हिस्सा फैलता है यह ठंडा होता है और उसकी चमक कम हो जाती है। इस स्थिति को 'रक्त दानव' (Red Giant) या 'सुपर रक्त दानव' (Red Super Giant) कहते हैं। इस अवस्था में क्रमशः नोवा या सुपरनोवा विस्फोट के पश्चात तारा अपने आकार के अनुरूप मृत्यु की तीन दशाओं-कृष्ण वामन (Black Dwarf), न्यूट्रॉन स्टार या श्याम विवर (Black Hole) में से कोई एक प्राप्त करता है।

भारतीय-अमेरिकी भौतिकविद् सुब्रमण्यम चंद्रशेखर ने वर्ष 1930 में 1.44 सौर्थिक द्रव्यमान की वह सीमा निश्चित की थी, जिसके अंदर के तारे श्वेत वामन बनते हैं और उसके ऊपर के अवशेष द्रव्यमान वाले तारे 'न्यूट्रॉन स्टार' या श्याम विवर (Black Hole) के रूप में परिवर्तित होते हैं।