अकबर (UPPCS)

Total Questions: 50

31. इनमें से किस कर-व्यवस्था को बंदोबस्त व्यवस्था के नाम से भी जाना जाता है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) दहसाला
Solution:अकबरकालीन भू-राजस्व व्यवस्था की दहसाला पद्धति को बंदोबस्त व्यवस्था के नाम से भी जाना जाता है।

32. टोडरमल संबंधित थे- [U.P. P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (b) मालगुजारी सुधारों से
Solution:अकबर द्वारा भू-राजस्व व्यवस्था के पुनर्निर्धारण हेतु मुजफ्फर खां तुरबती और राजा टोडरमल को अर्थ मंत्री के पद पर नियुक्त किया गया था। राजा टोडरमल ने अलग-अलग फसलों पर नकद के रूप में वसूल की जाने वाली लगान राशि का 1571 से 1580 ई. के मध्य लगभग 10 वर्ष का औसत निकालकर, उस औसत का एक-तिहाई भू-राजस्व के रूप में निश्चित किया था, जिसे 'दहसाला' मालगुजारी व्यवस्था कहा गया। 'आइने दहसाला' व्यवस्था को टोडरमल बंदोबस्त भी कहा जाता था।

33. मुगल सम्राट अकबर से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए तथा सही उत्तर चुनिए- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2020]

कथन I : 'तानसेन' रामबली पाण्डेय को मुगल सम्राट अकबर द्वारा प्रदान की गई पदवी थी।

कथन II : अकबर का विवाह राजा मान सिंह की बहन के साथ हुआ था।

कथन III : अबुल फजल 'आइन-ए-अकबरी' के लेखक थे।

कथन IV : राजा टोडरमल अकबर की सेना के प्रधान सेनापति थे।

Correct Answer: (c) केवल कथन III सही है।
Solution:तानसेन का मूल नाम राम तनु पाण्डेय था, उन्हें तानसेन नाम (उपाधि) ग्वालियर या रीवा के राजा ने दी थी। अकबर ने तानसेन को मियां की उपाधि दी थी। राजा मान सिंह की बहन मान बाई का विवाह सलीम (जहांगीर) से हुआ था न कि अकबर से। आइन-ए-अकबरी के लेखक अबुल फजल थे। राजा टोडरमल दीवान (वित्त मंत्री) थे, न कि सेनापति। अतः केवल कथन III सत्य है।

34. भू-राजस्व प्रशासन के क्षेत्र में शेरशाह एवं अकबर के मध्य निम्नलिखित में से कौन नैरन्तर्य की कड़ी थी? [U.P.P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (b) टोडरमल
Solution:इतिहास प्रसिद्ध टोडरमल को भू-राजस्व प्रशासन की दृष्टि से विशेष सम्मान प्राप्त है। अकबर के द्वारा ही आइने-दहसाला (टोडरमल बंदोबस्त) की शुरुआत की गई थी। इस प्रणाली के प्रणेता टोडरमल ही थे (ख्वाजा शाह मंसूर तथा मुजफ्फर खां तुरबती से भी इसमें मदद मिली थी)। अतएव इसे टोडरमल बंदोबस्त के नाम से भी जाना जाता है।

35. अकबर काल में भू-राजस्व व्यवस्था की एक प्रसिद्ध नीति "आइन- ए-दहसाला" पद्धति किसके द्वारा निर्मित की गई थी? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) टोडरमल
Solution:इतिहास प्रसिद्ध टोडरमल को भू-राजस्व प्रशासन की दृष्टि से विशेष सम्मान प्राप्त है। अकबर के द्वारा ही आइने-दहसाला (टोडरमल बंदोबस्त) की शुरुआत की गई थी। इस प्रणाली के प्रणेता टोडरमल ही थे (ख्वाजा शाह मंसूर तथा मुजफ्फर खां तुरबती से भी इसमें मदद मिली थी)। अतएव इसे टोडरमल बंदोबस्त के नाम से भी जाना जाता है।

36. अकबर ने 'दीन-ए-इलाही' किस वर्ष में प्रारंभ किया? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (d) 1582
Solution:अकबर ने 1582 ई. में 'तौहीद-ए-इलाही' या 'दीन-ए-इलाही' की स्थापना की। इसके अंतर्गत अकबर ने सभी धर्मों के मूल सिद्धांतों को सम्मिलित कर इसे सर्वमान्य बनाने का प्रयास किया। दीन-ए-इलाही वास्तव में सूफी सर्वेश्वरवाद पर आधारित एक विचार पद्धति थी। इसका प्रधान पुरोहित अबुल फजल था। हिंदुओं में केवल बीरबल ने इसे स्वीकार किया था।

37. 'दीन-ए-इलाही' का प्रचार किस शासक ने किया था? [M.P. P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (b) अकबर
Solution:अकबर ने 1582 ई. में 'तौहीद-ए-इलाही' या 'दीन-ए-इलाही' की स्थापना की। इसके अंतर्गत अकबर ने सभी धर्मों के मूल सिद्धांतों को सम्मिलित कर इसे सर्वमान्य बनाने का प्रयास किया। दीन-ए-इलाही वास्तव में सूफी सर्वेश्वरवाद पर आधारित एक विचार पद्धति थी। इसका प्रधान पुरोहित अबुल फजल था। हिंदुओं में केवल बीरबल ने इसे स्वीकार किया था।

38. दीन-ए-इलाही किसके द्वारा प्रारंभ किया गया था? [66th B.P.S.C. (Re-Exam) 2020]

Correct Answer: (b) अकबर
Solution:अकबर ने 1582 ई. में 'तौहीद-ए-इलाही' या 'दीन-ए-इलाही' की स्थापना की। इसके अंतर्गत अकबर ने सभी धर्मों के मूल सिद्धांतों को सम्मिलित कर इसे सर्वमान्य बनाने का प्रयास किया। दीन-ए-इलाही वास्तव में सूफी सर्वेश्वरवाद पर आधारित एक विचार पद्धति थी। इसका प्रधान पुरोहित अबुल फजल था। हिंदुओं में केवल बीरबल ने इसे स्वीकार किया था।

39. किस इतिहासकार ने 'दीने-इलाही' को एक धर्म कहा ? [U.P. P.C.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (d) इनमें से कोई नहीं
Solution:अकबर द्वारा प्रवर्तित 'दीन-ए-इलाही' कोई धर्म नहीं था, अपितु एक विचार पद्धति थी, जिसके नियम सर्वधर्म समभाव पर आधारित थे। जहांगीर के समकालीन मोहसिन फानी ने अपनी रचना 'दबिस्तान-ए-मजाहिब' में पहली बार दीन-ए-इलाही का एक स्वतंत्र धर्म के रूप में उल्लेख किया था।

40. इबादतखाने का निर्माण किसने करवाया ? [M.P. P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (c) अकबर
Solution:बादशाह अकबर ने धार्मिक चर्चा एवं विचार-विमर्श के लिए 1575 ई. में फतेहपुर सीकरी में एक इबादतखाना के निर्माण का आदेश दिया। इबादतखाना में बादशाह की अध्यक्षता में सैयद, शेख एवं उलेमा धार्मिक चर्चा किया करते थे। 1578 ई. में अकबर ने सभी धर्मावलंबियों के लिए 'इबादतखाना' का द्वार खोल दिया। अकबर ने समस्त धार्मिक मामलों को अपने हाथों में लेने के लिए 1579 ई. में महजरनामा जारी करवाया, जिसने उसे धर्म के मामलों में सर्वोच्च बना दिया। महजर को स्मिथ और वूल्जले हेग ने अचूक आज्ञा-पत्र (Infallibility Decree) कहा है। महजर जारी करने के बाद अकबर ने 'सुल्तान-ए-आदिल' या 'इमाम-ए-आदिल' की उपाधि धारण की। स्मिथ महोदय ने कहा था "दीन-ए-इलाही अकबर की मूर्खता का स्मारक है, उसकी बुद्धिमता का नहीं।"