अन्य जन आंदोलन (UPPCS)

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21. निम्नलिखित में से कौन फराजी विद्रोह का नेता था? [U.P. P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (b) दादू मियां
Solution:फराजी लोग बंगाल के फरीदपुर के हाजी शरियातुल्लाह द्वारा चलाए गए संप्रदाय के अनुयायी थे। ये लोग अनेक धार्मिक, सामाजिक तथा राजनैतिक आमूल परिवर्तनों का प्रतिपादन करते थे। शरियातुल्लाह के पुत्र दादू मियां ने बंगाल से अंग्रेजों को निकालने की योजना बनाई। यह आंदोलन 1818 से 1862 ई. के दौरान चलता रहा, अंत में इस संप्रदाय के अनुयायी वहाबी दल में सम्मिलित हो गए।

22. फराजी कौन थे? [56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: (a) हाजी शरियातुल्लाह के अनुयायी
Solution:फराजी लोग बंगाल के फरीदपुर के हाजी शरियातुल्लाह द्वारा चलाए गए संप्रदाय के अनुयायी थे। ये लोग अनेक धार्मिक, सामाजिक तथा राजनैतिक आमूल परिवर्तनों का प्रतिपादन करते थे। शरियातुल्लाह के पुत्र दादू मियां ने बंगाल से अंग्रेजों को निकालने की योजना बनाई। यह आंदोलन 1818 से 1862 ई. के दौरान चलता रहा, अंत में इस संप्रदाय के अनुयायी वहाबी दल में सम्मिलित हो गए।

23. वेलु थम्पी ने अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन का नेतृत्व किया था- [U.P. P.C.S. (Mains) 2002]

Correct Answer: (a) केरल में
Solution:1805 ई. में वेलेजली ने ट्रावनकोर (केरल) के महाराजा को सहायक संधि करने पर विवश किया। महाराजा संधि की शर्तों से अप्रसन्न था और इसलिए उसने सहायक संधि संबंधी कर देने में आनाकानी की तथा यह धन बकाया होता चला गया। अंग्रेज रेजीडेंट का व्यवहार भी बहुत धृष्टतापूर्ण था, जिसके फलस्वरूप दीवान वेलु थम्पी ने विद्रोह कर दिया, जिसमें नायर बटालियन ने उसका समर्थन किया। अंग्रेजों को एक बहुत बड़ी सेना इस विद्रोह का दमन करने के लिए भेजनी पड़ी थी।

24. निम्न कथनों को पढ़कर सही विकल्प चुनें- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2021]

(i) गंजाम विद्रोह 1800 से 1805 ई. में हुआ

(ii) गंजाम विद्रोह का नेतृत्व धनंजय ने किया

(iii) गुमसुर का विद्रोह का नेतृत्व श्रीकर भांजा ने किया

(iv) धनंजय, श्रीकर भांजा के पिता थे।

उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं?

Correct Answer: (a) (i), (ii) और (iii)
Solution:गंजाम और गुमसुर में विद्रोह की लंबी परंपरा रही है। जिसमें गंजाम में 1800-1805 ई. का विद्रोह तथा गुमसुर विद्रोह 1808 से 1837 ई. प्रमुख विद्रोह था। गुमसुर में श्रीकर भांजा तथा बाद में उसके बेटे धनंजय मांजा द्वितीय के नेतृत्व में विद्रोह हुआ था। अतः कथन (i), (ii) और (iii) सही हैं।

25. महाराष्ट्र में रामोसी कृषक जत्था किसने स्थापित किया था? [39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) वासुदेव बलवंत फड़के
Solution:प्रारंभिक भारतीय क्रांतिकारियों में अग्रगण्य वासुदेव बलवंत फड़के (1845-83 ई.) ने बंबई प्रेसीडेंसी के रामोसी जनजाति के लोगों को संगठित करके उन्हें प्रशिक्षित लड़ाकू बल में परिवर्तित किया और रामोसी कृषक जत्था की स्थापना की थी। फड़के को गिरफ्तार करके काला पानी की सजा दी गई तथा 1883 ई. में आमरण अनशन से इनकी मृत्यु हो गई।

26. रामोसी विद्रोह सही रूप में किस भौगोलिक इलाके में हुआ था? [56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: (d) पश्चिमी घाट
Solution:पश्चिमी घाट में रहने वाले 'रामोसी जाति' के लोगों ने 1822 ई. में अपने नेता सरदार चित्तर सिंह के नेतृत्व में रामोसी विद्रोह किया। रामोसियों ने सतारा के आस-पास के क्षेत्रों को लूटा और किलों पर भी आक्रमण कर दिया। 1825-26 ई. में भयंकर अकाल और अन्नाभाव के कारण इन्होंने उमाजी के नेतृत्व में पुनः विद्रोह किया।

27. निम्नलिखित में से कौन-सा स्थान गडकरी विद्रोह का केंद्र था? [U.P. P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (b) कोल्हापुर
Solution:गडकरी लोग मराठों के किलों में काम करने वाले उनके वंशानुगत कर्मचारी थे। उन्होंने मनमाने ढंग से भू-राजस्व की वसूली, मराठा सेना से उन्हें सेवा मुक्त किए जाने और उनकी जमीनों को मामलतदारों की देख-रेख के अधीन कर दिए जाने के विरुद्ध 1844 ई. में कोल्हापुर में विद्रोह कर दिया। इस विद्रोह को दबाने के लिए सरकार को काफी संघर्ष करना पड़ा।

28. मानव बलि प्रथा का निषेध करने के कारण अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह करने वाली जनजाति का नाम - [40th B.P.S.C. (Pre) 1995]

Correct Answer: (b) खोंद
Solution:बोंद जनजाति के लोग तमिलनाडु से लेकर बंगाल और मध्य भारत तक फैले विस्तृत पहाड़ी क्षेत्रों में रहते थे और पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वे वस्तुतः स्वतंत्र थे। इन्होंने 1846 से 1855 ई. तक अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया। इस आंदोलन का नेतृत्व युवा राजा के नाम पर चक्र बिसोई ने किया। इस विद्रोह के मुख्य कारण ब्रिटिश सरकार द्वारा मानव बलि (मरिहा) को प्रतिबंधित करने के प्रयास, अंग्रेजों द्वारा नए करों का आरोपण और अनेक क्षेत्रों में जमींदारों तथा साहूकारों के प्रवेश से संबंधित थे, जिनके कारण आदिवासियों को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ा। अंग्रेजों ने एक 'मरिहा एजेंसी' गठित की, जिसके विरुद्ध खोंदों ने विद्रोह किया, परंतु 1855 ई. में चक्र बिसोई लुप्त हो गया, जिसके बाद यह आंदोलन समाप्त हो गया।

29. कोल विद्रोह (1831-32 ई.) का नेतृत्व किसने किया? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (a) बुद्धू भगत
Solution:छोटानागपुर क्षेत्र में कोल विद्रोह का नेतृत्व 1831-32 ई. में बुद्ध या बुद्धो भगत ने किया था।

30. 1831 में बुद्धो भगत के नेतृत्व में कोल विद्रोह किस क्षेत्र में हुआ? [66th B.P.S.C (Pre) 2020]

Correct Answer: (b) सिंहभूम
Solution:1831 ई. में बुद्धो भगत के नेतृत्व में कोल विद्रोह छोटा नागपुर क्षेत्र के रांची, सिंहभूम, पलामू, हजारीबाग तथा मानभूम क्षेत्रों में हुआ था। इस विद्रोह का स्वरूप आर्थिक व राजनैतिक था। इस विद्रोह के पनपने का सर्वप्रमुख कारण इन क्षेत्रों के जमींदारों द्वारा भूमिकर को अत्यधिक विद्रोह का संचालन गंगा नारायण के द्वारा किया गया। यह विद्रोह बढ़ाया जाना था। 1831 ई. में बुद्धो भगत की मृत्यु के उपरांत इस रुक-रुक कर 1848 ई. तक चलता रहा। अंततः ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा इस विद्रोह का दमन कर दिया गया।