अन्य जन आंदोलन (UPPCS)

Total Questions: 50

41. संथाल विद्रोह के मुख्य नेता कौन थे? [M. P. P.C.S (Pre) 2022]

Correct Answer: (a) सिद्धो
Solution:1855-56 ई. का संथाल विद्रोह एक प्रसिद्ध आदिवासी विद्रोह था, जिसमें मूलभूत आदिवासी आवेग और ब्रिटिश शासन के पूर्ण तिरस्कार जैसी भावनाएं देखने को मिलती हैं। इस विद्रोह के नेता सीदो, कान्हू, चांद एवं भैरव नामक 4 भाई थे।

42. निम्नलिखित युग्मों में कौन सही सुमेलित नहीं है? [U.P. P.C.S. (Pre) 2018]

सूची-I (विद्रोह)सूची-II (वर्ष)
(a) संथाल1855
(b) कोल1831
(c) खासी1829
(d) अहोम1815
Correct Answer: (d)
Solution:अहोम विद्रोह का प्रारंभ गोमधर कुंवर के नेतृत्व में 1828 ई. में हुआ। जिसका कारण बर्मा युद्ध के बाद कंपनी द्वारा अहोम के अभिजात वर्ग को उनका क्षेत्र वापस नहीं करना था। अंततः विवश होकर कंपनी ने समझौता कर लिया व उत्तरी असम के प्रदेश महाराजा पुरंदर सिंह को दे दिए।

43. 1855 ई. में संथालों ने किस अंग्रेज कमांडर को हराया ? [47th B.P.S.C. (Pre) 2005]

Correct Answer: (c) मेजर बरो
Solution:1855 ई. में संथालों ने भागलपुर क्षेत्र के भगनीडीह ताल्लुके में विद्रोह कर दिया था। इन्होंने एक साथ पुलिस और दिकुओं पर आक्रमण किए थे, जिसका नेतृत्व सीदो, कान्हू, चांद और भैरव नामक चार भाइयों ने किया था। संथाल विद्रोह को दबाने के लिए मेजर बरो के नेतृत्व में एक सेना भेजी गई, जिसे संथालों ने हरा दिया था। अंततः भागलपुर के कमिश्नर ब्राउन और मेजर जनरल लायड ने क्रूरतापूर्वक संथाल विद्रोह का दमन किया था।

44. 1855 के 'संथाल हूल' के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा / से कथन सही है/हैं? [U.P. P.C.S. (Mains) 2017]

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

1. भागलपुर के पास मेजर बरो संथालों से लड़ाई में हार गए।

2. गोक्को, गोड्डा का एक महत्वपूर्ण नेता था।

3. इस संदर्भ में महाजन दीन दयाल राय भी एक महत्वपूर्ण नाम है।

4. एक समय था, जब मुजफ्फरपुर के निकट गंगा घाटी के क्षेत्र पर संथालों का पूर्ण वर्चस्व था।

कूट :

Correct Answer: (c) 1, 2, 3
Solution:जुलाई, 1855 में संथालों ने विद्रोह का बिगुल बजाया। कलकत्ता के मेजर बरो और पूर्णिया से सेना की एक टुकड़ी संथालों का दमन करने के लिए भेजी गई, जो भागलपुर के निकट पीर पैंती के मैदान में संथालों से संघर्ष में पराजित हो गई। बाद में विद्रोह का दमन कैप्टन एलेक्जेंडर ने किया। गोड्डा वर्तमान में झारखंड राज्य के अंतर्गत संथाल परगना में आता है। गोक्को यहां का एक महत्वपूर्ण नेता था। महाजन दीन दयाल राय भी शोषणकर्ताओं में शामिल थे। गंगा घाटी क्षेत्र पर संथालों का वर्चस्व नहीं था। यह विद्रोह भागलपुर से राजमहल के पहाड़ी क्षेत्र के मध्य फैला था।

45. संथाल विद्रोह के शांत हो जाने के बाद, औपनिवेशिक शासन द्वारा कौन-सा/से उपाय किए गए? [I.A.S. (Pre) 2018]

1. 'संथाल परगना' नामक राज्य क्षेत्रों का सृजन किया गया।

2. किसी संथाल का गैर-संथाल को भूमि अंतरण करना गैर- कानूनी हो गया।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:1855-56 ई. का संथाल विद्रोह मुख्य रूप से तात्कालीन बिहार एवं उड़ीसा का एक प्रसिद्ध आदिवासी आंदोलन था। यह विद्रोह 1856 ई. तक जारी रहा और अंग्रेज सरकार एक बड़ी सैन्य कार्रवाई के बाद इस विद्रोह को दबाने में सफल रही। अंग्रेज सरकार ने अलग संथाल परगना की मांग को मानकर क्षेत्र में शांति स्थापित की। इसके बाद 1855 ई. में भागलपुर और वीरभूम का बंटवारा कर संथाल परगना जिला बनाया गया। साथ ही किसी संथाल आदिवासी का गैर-संथाल को भूमि अंतरण गैर-कानूनी हो गया। झारखंड में जमीन की खरीद-फरोख्त हेतु सीएनटी (छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम), एसपीटीए (संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम) और शिड्युल रेग्युलेशन एक्ट प्रभावी है।

46. संथाल परगना क्षेत्र को अति प्राचीन काल में क्या कहा जाता था? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) नरीखंड
Solution:संथाल परगना क्षेत्र को अति प्राचीन काल में नरीखंड कहा जाता था। भविष्य पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। इसके अतिरिक्त बौद्ध साहित्य में इसे कजंगला भी कहा गया है, वर्तमान में यह झारखंड का हिस्सा है।

47. निम्नांकित में से कौन-सी घटना महाराष्ट्र में घटित हुई? [U.P. P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (a) भील विद्रोह
Solution:भील विद्रोह भीलों की आदिम जाति पश्चिमी तट के खानदेश में रहती थी। 1818-31 ई. तक इन लोगों ने अपने नए स्वामी अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। कंपनी के अधिकारियों का कथन था कि इस विद्रोह को पेशवा बाजीराव द्वितीय तथा उसके प्रतिनिधि त्रयम्बकजी दांगलिया ने प्रोत्साहित किया था। वास्तव में कृषि संबंधी कष्ट तथा नई सरकार का भय ही इस विद्रोह का कारण था। 1825 ई. में सेवरम के नेतृत्वमें इन लोगों ने विद्रोह किया। ब्रिटिश सेना काफी प्रयास के बाद इस विद्रोह को कुचल सकी।

कोल विद्रोह-रांची, सिंहभूम, हजारीबाग, पालामऊ और मानभूम के पश्चिमी क्षेत्रों में फैला।

रम्पा विद्रोह-आंध्र प्रदेश के गोदावरी क्षेत्र के उत्तर में स्थित 'रम्पा' पहाड़ी क्षेत्र में हुआ। आदिवासियों का यह विद्रोह साहूकारों के शोषण और वन कानूनों के विरुद्ध हुआ।

संथाल विद्रोह-1855-56 ई. में हुआ। यह विद्रोह मुख्यतः भागलपुर से राजमहल के बीच के क्षेत्र में केंद्रित था।

48. मेवाड़, बांगड़ और पास के क्षेत्रों के भीलों में सामाजिक सुधार के लिए 'लसोड़िया आंदोलन' का सूत्रपात किसने किया ? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) गोविंद गिरि
Solution:19वीं सदी के उत्तरार्ध में सुर्जी भगत एवं गोविंद गिरि नामक समाज सुधारकों ने राजस्थान की मेवाड़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सिरोही, पाली इत्यादि रियासतों में बसी भील जनजाति में सामाजिक सुधारों के प्रयास किए। गोविंद गिरि ने भीलों को संगठित करने के उद्देश्य से 1883 ई. में 'सम्प सभा' की स्थापना की थी। गोविंद गिरि को लसोड़िया आंदोलन का प्रवर्तक माना जाता है।

49. उलगुलान विद्रोह किससे जुड़ा था? [39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (d) बिरसा मुंडा
Solution:मुंडा विद्रोह के नेता बिरसा मुंडा को धरती आबा (जगत पिता) और इनके विद्रोह को 'उलगुलान' (महाविद्रोह या महान हलचल) के नाम से जाना गया। यह विद्रोह इस अवधि का सर्वाधिक प्रसिद्ध आदिवासी विद्रोह था। मुंडों की पारंपरिक सामूहिक खेती वाली भूमि व्यवस्था खूंटकट्टी या मुंडारी के जमींदारी या व्यक्तिगत भू-स्वामित्व वाली भूमि व्यवस्था में परिवर्तन के विरुद्ध मुंडा विद्रोह की शुरुआत हुई। लेकिन कालांतर में बिरसा ने इसे धार्मिक, राजनीतिक आंदोलन का रूप प्रदान किया। मुंडा आदिवासियों का विद्रोह 1899-1900 ई. के बीच हुआ। 1895 ई. में बिरसा ने अपने आप को 'भगवान का दूत' घोषित किया और हजारों मुंडाओं का नेता बन गया। उसने कहा कि "दिकुओं (गैर-आदिवासियों) से हमारी लड़ाई होगी और उनके खून से जमीन इस तरह लाल होगी जैसे लाल झंडा।" 1899 ई. में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बिरसा ने मुंडा जाति का शासन स्थापित करने के लिए विद्रोह का एलान किया। लगभग 6000 मुंडा तीर-तलवार तथा कुल्हाड़ी लेकर बिरसा के साथ हो लिए। लेकिन बिरसा को 3 मार्च, 1900 को चक्रधरपुर के जामकोपई जंगल में गिरफ्तार कर लिया गया और 9 जून, 1900 को जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई। विद्रोह कुचल दिया गया पर बिरसा अमर हो गए।

50. भारत के इतिहास के संदर्भ में, 'उलगुलान' अथवा महान उपद्रव निम्नलिखित में से किस घटना का विवरण था? [I.A.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) 1899-1900 के बिरसा मुंडा विद्रोह का
Solution:मुंडा विद्रोह के नेता बिरसा मुंडा को धरती आबा (जगत पिता) और इनके विद्रोह को 'उलगुलान' (महाविद्रोह या महान हलचल) के नाम से जाना गया। यह विद्रोह इस अवधि का सर्वाधिक प्रसिद्ध आदिवासी विद्रोह था। मुंडों की पारंपरिक सामूहिक खेती वाली भूमि व्यवस्था खूंटकट्टी या मुंडारी के जमींदारी या व्यक्तिगत भू-स्वामित्व वाली भूमि व्यवस्था में परिवर्तन के विरुद्ध मुंडा विद्रोह की शुरुआत हुई। लेकिन कालांतर में बिरसा ने इसे धार्मिक, राजनीतिक आंदोलन का रूप प्रदान किया। मुंडा आदिवासियों का विद्रोह 1899-1900 ई. के बीच हुआ। 1895 ई. में बिरसा ने अपने आप को 'भगवान का दूत' घोषित किया और हजारों मुंडाओं का नेता बन गया। उसने कहा कि "दिकुओं (गैर-आदिवासियों) से हमारी लड़ाई होगी और उनके खून से जमीन इस तरह लाल होगी जैसे लाल झंडा।" 1899 ई. में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बिरसा ने मुंडा जाति का शासन स्थापित करने के लिए विद्रोह का एलान किया। लगभग 6000 मुंडा तीर-तलवार तथा कुल्हाड़ी लेकर बिरसा के साथ हो लिए। लेकिन बिरसा को 3 मार्च, 1900 को चक्रधरपुर के जामकोपई जंगल में गिरफ्तार कर लिया गया और 9 जून, 1900 को जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई। विद्रोह कुचल दिया गया पर बिरसा अमर हो गए।