आधुनिक इतिहास : विविध (UPPCS)

Total Questions: 50

11. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित है? [I.A.S. (Pre) 2004]

सूची-Iसूची-II
1. 1767-69 ई.प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध
2. 1790-92 ई.तृतीय मैसूर युद्ध
3. 1824-26 ई.प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध
4. 1845-46 ई.द्वितीय सिख युद्ध

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

कूट :

Correct Answer: (d) 2 और 3
Solution:प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-82) - प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध का कारण मराठों के आपसी झगड़े तथा अंग्रेजों की महत्वाकांक्षाएं थीं। जिस प्रकार क्लाइव ने बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा में द्वैध शासन प्रणाली स्थापित की थी, उसी प्रकार की द्वैध शासन प्रणाली कंपनी महाराष्ट्र में भी स्थापित करना चाहती थी। 1782 ई. में सालबाई की संधि (अंग्रेज तथा महादजी सिंधिया के बीच) से प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध समाप्त हो गया तथा एक-दूसरे के विजित क्षेत्र लौटा दिए गए। अगले लगभग दो दशक तक शांति बनी रही।

तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1790-92) - यह युद्ध अंग्रेजों तथा टीपू सुल्तान के मध्य हुआ। अंग्रेजों ने मरारों तथा निजाम के सहयोग से श्रीरंगपट्टनम पर आक्रमण किया। मिडोज के नेतृत्व में टीपू पराजित हुआ। मार्च,

1792 ई. में अंग्रेजों और टीपू के बीच श्रीरंगपट्टनम की संधि हुई। संधि की शर्तों के अनुसार, टीपू को अपने राज्य का आधा हिस्सा अंग्रेजों तथा उसके सहयोगियों को देना था, साथ ही युद्ध के हर्जाने के रूप में टीपू को तीन करोड़ रुपये अंग्रेजों को देना था।

प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध (1824-26) - प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध लॉर्ड एमहर्स्ट के काल (1823-28 ई.) में लड़ा गया। यह युद्ध ब्रिटिश औपनिवेशिक स्वार्थ के कारण लड़ा गया। 1825 ई. में ब्रिटिश सेना के सैनिक कमांडर ने बर्मा सेना को परास्त कर 1826 ई. में यांडबू की संधि की। इस संधि के बाद अंग्रेजी अधिकार वाले क्षेत्र का विस्तार हो गया तथा इनके प्रभाव में भी वृद्धि हुई।

द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध (1848-49) - इस युद्ध का तात्कालिक कारण मुल्तान के सूबेदार मूलराज का विद्रोह था। मूलराज, शेरसिंह और छत्तर सिंह ने पंजाब को ब्रिटिश प्रभाव से मुक्त कराने के लिए विद्रोह किया। द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध के समय भारत का गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी था। 1845-46 ई. में प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध हुआ था।

इस प्रकार, 2 और 3 के युग्म सही सुमेलित हैं।

12. निम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिए और उनको कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए। [U.P.P.C.S. (Pre) 2022]

I. मुदकी का युद्ध                            П. पोर्टो नोवो का युद्ध

III. शकरखेड़ा का युद्ध                 IV.बेदारा का युद्ध

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए -

कूट :

Correct Answer: (a) III, IV, II, I
Solution:प्रश्नगत घटनाओं का कालानुक्रम है-

शकरखेड़ा का युद्ध                -     1724 ई.

बेदारा का युद्ध                      -     1759 ई.

पोर्टो नोवो का युद्ध               -     1781 ई.

मुदकी का युद्ध                   -     1845 ई.

अतः इसका अभीष्ट उत्तर विकल्प (a) होगा।

13. कालक्रम की दृष्टि से निम्नलिखित घटनाओं में से कौन-सी अंतिम थी? [U.P.P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (a) मोपला विद्रोह
Solution:प्रश्नगत घटनाओं का कालक्रम इस प्रकार है -

होमरूल आंदोलन                      -   वर्ष 1916

जलियांवाला बाग हत्याकांड       -   13 अप्रैल, 1919

खिलाफत आंदोलन                  -    अक्टूबर, 1919

मोपला विद्रोह                          -    वर्ष 1921

14. यूनाइटेड किंगडम की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? [69th B.P.S.C. (Pre) 2023]

Correct Answer: (a) उन्होंने 70 वर्षों तक शासन किया और 96 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।
Solution:8 सितंबर, 2022 को यूनाइटेड किंगडम की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की 96 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई। वर्ष 1952 में एलिजाबेथ द्वितीय ने यूनाइटेड किंगडम की सत्ता संभाली थी। इस प्रकार उन्होंने 70 वर्षों तक शासन किया।

15. निम्नलिखित को सही कालानुक्रम में व्यवस्थित कीजिए और नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनिए- [U.P.P.C.S (Mains) 2016]

A. ड्रैमेटिक परफॉर्मेंस

B. वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट

C. नॉर्थ-वेस्टर्न प्रोविंसेज एंड अवध एक्ट

D. बंगाल टेनेंसी एक्ट

कूट :

Correct Answer: (a) ABDC
Solution:ड्रैमेटिक परफॉर्मेंस एक्ट                  -         1876 ई.

वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट                       -          1878 ई.

बंगाल टेनेंसी एक्ट                         -          1885 ई.

नॉर्थ-वेस्टर्न प्रोविंसेज एंड अवध एक्ट    -   1890 ई.

अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

16. सुमेल कीजिए- [U.P.P.C.S. (Pre) 1990]

                        सूची-1

                              सूची-II

A. बाल विवाह  

1. ईश्वरचंद्र विद्यासागर

B. ठगी प्रथा का अंत

2. कर्नल स्लीमैन

C. विधवा पुनर्विवाह

3. एम.जी. रानाडे

D. पिंडारियों का दमन

4. लॉर्ड हेस्टिंग्स

      A

        B

        C

        D

(a)

3

2

1

4

(b)

4

2

1

3

(c)

1

4

3

2

(d)

2

3

1

4

Correct Answer: (a)
Solution:पश्चिमी भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत कहे जाने वाले एम. जी. रानाडे ने बाल विवाह, स्त्रियों की परतंत्रता तथा विधवा विवाह का निषेध आदि कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई। ठगी प्रथा का अंत लॉर्ड विलियम बेंटिक के काल (1828-1835) में हुआ। बेंटिक ने कर्नल स्लीमैन को ठगों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए नियुक्त किया था। 1837 ई. के पश्चात संगठित रूप से ठगों का अंत हो गया। सती प्रथा और शिशु हत्या को बंद करने से ही स्त्रियों की अवस्था नहीं सुधरी अपितु उनके लिए विधवा विवाह की अनुमति और विवाह की आयु बढ़ाने जैसे सकारात्मक कार्य करना भी आवश्यक था। इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण कार्य ईश्वरचंद्र विद्यासागर का था। इन्हीं के प्रयासों के फलस्वरूप हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 पारित हुआ, जिसके अंतर्गत विधवा विवाह को वैध मान लिया गया और उस विवाह से उत्पन्न हुई संतान वैध घोषित की गई। पिंडारियों का दमन लॉर्ड हेस्टिंग्स ने किया। वस्तुतः पिंडारियों का पहला उल्लेख मुगलों के महाराष्ट्र पर 1689 ई. के आक्रमण के समय आता है। बाजीराव प्रथम के काल में ये अवैतनिक रूप में मराठों की ओर से लड़ते थे और केवल लूट में भाग लेते थे। 19वीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में पिंडारियों के तीन प्रमुख नेता थे-चीतू, बासिल मुहम्मद तथा करीम खां। पिंडारियों का दमन करने के उद्देश्य से लॉर्ड हेस्टिंग्स ने 113,000 सैनिक तथा 300 तोपें एकत्रित कीं। उत्तरी सेना की कमान उसने स्वयं संभाली तथा दक्षिणी सेना की कमान सर टॉमस हिस्लॉप को दी। 1817 ई. तक पिंडारी चंबल नदी के पार तक खदेड़ दिए गए तथा जनवरी, 1818 तक उनका संगठित दल छिन्न-भिन्न हो गया। अंततः 1824 ई. तक पिंडारियों का पूरी तरह से सफाया हो गया।

17. निम्न कथनों का परीक्षण करें- [U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]

1. कुंवर सिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध बिहार में संघर्ष का नेतृत्व किया, जबकि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में खान बहादुर खान ने रुहेलखंड में नेतृत्व किया।

2. मुस्लिम लीग ने 22 दिसंबर, 1939 को मुक्ति दिवस मनाया था।

3. तात्या टोपे ने नाना साहब की सहायता हेतु कानपुर में फौजों का नेतृत्व संभाला था एवं जीनत महल ने फैजाबाद में इसकी कमान संभाली।

4. गदर पार्टी सरदार भगत सिंह द्वारा स्थापित की गई थी। नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

कूट :

Correct Answer: (a) 1 एवं 2
Solution:गदर पार्टी की स्थापना लाला हरदयाल ने सैन फ्रांसिस्को शहर संयुक्त राज्य अमेरिका में की थी। इन्होंने 'गदर' नामक एक पत्र भी निकाला, जिसका प्रथम अंक 1 नवंबर, 1913 को निकला। मार्च, 1914 में इन्हें सं.रा. अमेरिका को छोड़कर स्विट्जरलैंड जाना पड़ा, जहां इन्होंने एक अन्य ब्रिटिश-विरोधी समाचार-पत्र 'वंदे मातरम' निकाला। अन्य कथन 1 व 2 सही हैं। तृतीय कथन का यह भाग गलत है कि जीनत महल ने फैजाबाद में इसकी कमान संभाली थी। अतः दिए गए कूटों में कोई भी कूट सही नहीं है।

18. निम्नलिखित विज्ञापन [I.A.S. (Pre) 1996]

THE MARVEL OF THE CENTURY

THE WONDER OF THE WORLD

LIVING PHOTOGRAPHIC PICTURES

IN

LIFE-SIZED REPRODUCTIONS

CINEMATOGRAPHIE

A FEW EXHIBITIONS WILL BE GIVEN

AT

WATSON'S HOTEL

TONIGHT

7 जुलाई के टाइम्स ऑफ इंडिया में छपा था-

Correct Answer: (d) 1896 में
Solution:यह प्रथम भारतीय सिनेमा का विज्ञापन था जो 7 जुलाई, 1896 को टाइम्स ऑफ इंडिया (बंबई) में छपा था। इसी दिन बंबई के वाटसन होटल में 'दि मार्वेल ऑफ दि सेंचुरी' के नाम से ल्युमिएरे बंधुओं (फ्रांस) द्वारा भारत में पहला सिनेमा शो आयोजित हुआ था।

19. "ब्रिटिश सरकार भारत के विभाजन के लिए उत्तरदायी नहीं है।" उपर्युक्त कथन का श्रेय दिया जाता है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (b) लॉर्ड एटली को
Solution:ब्रिटेन में श्रमिक दल के प्रधानमंत्री एटली ने हाउस ऑफ कॉमन्स में 20 फरवरी, 1947 को भारत को शीघ्र स्वतंत्रता प्रदान करने की ऐतिहासिक घोषणा की थी। उन्होंने ही कहा था "ब्रिटिश सरकार भारत के विभाजन के लिए उत्तरदायी नहीं है।"

20. "राजनैतिक स्वतंत्रता राष्ट्र का जीवन श्वास है" कहा था- [U.P.P.C.S. (Mains) 2004]

Correct Answer: (b) अरबिंद घोष ने
Solution:20 जुलाई, 1905 को बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा हुई। अरबिंद घोष (1872-1950) लगभग दस वर्षों तक (1901-10), विशेषकर बंगाल विभाजन के दौरान, राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय बने रहे तथा स्वदेशी और बहिष्कार के कार्यक्रमों का प्रतिपादन करने वालों में शामिल रहे। इन्होंने यह विचार व्यक्त किया कि "राजनीतिक स्वतंत्रता हमारे राष्ट्र का जीवन और प्राण है।"