Correct Answer: (d) 1931 में कराची के कांग्रेस अधिवेशन में गांधी-इर्विन समझौते का विरोध हुआ था।
Solution:नवंबर, 1930 से जनवरी, 1931 के मध्य में लंदन में हुए प्रथम गोलमेज सम्मेलन का कांग्रेस ने विरोध किया और इसमें भाग नहीं लिया, जिससे यह सम्मेलन निष्फल ही रहा। तेज बहादुर सप्रू, बी. एस. शास्त्री तथा एम.आर. जयकर जैसे कुछ उदारवादी नेताओं के प्रयास से गांधी-इर्विन समझौता हुआ। वर्ष 1931 के कांग्रेस के कराची अधिवेशन में गांधी-इर्विन समझौते को स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे संबंधित प्रस्ताव गांधीजी ने जवाहरलाल नेहरू से प्रस्तुत कराया तथा यह प्रस्ताव निर्विरोध पारित हो गया। अतः कथन (d) असत्य है। अन्य तीनों कथन सही हैं।