उत्तर वैदिक काल

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21. निम्नलिखित दिए गए कथनों में से अश्वमेघ यज्ञ के संदर्भ में कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

कथन 1- इसमें एक घोड़ा राजा के लोगों की देख-रेख में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ दिया जाता था।

कथन 2- राजा स्वयं इस यज्ञ को संपन्न करता था।

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:अश्वमेघ यज्ञ एक ऐसा आयोजन था, जिसमें एक घोड़े को राजा के लोगों की देखरेख में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ दिया जाता था। यदि कोई दूसरे राजा ने इस घोड़े को रोका, तो उसे अश्वमेघ यज्ञ करने वाले राजा से युद्ध करना पड़ता था। अतः कथन 1 सत्य है। यह यज्ञ विशिष्ट पुरोहितों के द्वारा संपन्न कराया जाता था, न कि राजा स्वयं करता था; अतः कथन (2) असत्य है।

22. उत्तर वैदिक काल में 'भाग' नामक कर किस पर लगाया जाता था?

Correct Answer: (c) उपज
Solution:उत्तर वैदिक काल में उपज का 1/6 वां हिस्सा कर के रूप में निर्धारित किया जाता था, जिसे भाग कहा जाता था।

23. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-

कथन 1- राजसूय यज्ञ में रथदौड़ का आयोजन किया जाा था, जिसमें राजा का रथ उसके अन्य सभी बंधुओं से आगे निकलता था।

कथन 2- वाजपेय यज्ञ में यह समझा जाता था कि राजा को दिव्य शक्ति मिल गई है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा / से कथन सत्य है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2
Solution:वाजपेय यज्ञ में रथदौड़ का आयोजन किया जाता था, जिसमें राजा का रथ उसके अन्य सभी बंधुओं से आगे निकलता था तथा राजसूय यज्ञ में यह समझा जाता था कि उसे दिव्य शक्ति मिल गई है। अतः दोनों कथन सत्य हैं।

24. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-

कथन 1- ग्राम सभाओं पर कुलों के प्रधानों का नियंत्रण होता था।

कथन 2- ग्राम सभाएं स्थानीय वाद-विवादों का फैसला करती थीं।

उपर्युक्त कथनों में से उत्तर वैदिक कालीन ग्राम सभाओं के संदर्भ में कौन-सा/से कथन सत्य है / हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2
Solution:निचले स्तर में प्रशासन का भार संभवतः ग्राम सभाओं पर रहता • था, जिन पर प्रमुख कुलों के प्रधानों का नियंत्रण रहता था। ये ग्राम सभाएं स्थानीय वाद-विवादों का फैसला भी करती थीं।

25. निम्नलिखित में से किस वेद में 'एकराट' शब्द की परिभाषा, सर्वोपरिसत्ताधारी शासक के रूप में की गई है?

Correct Answer: (c) अथर्ववेद
Solution:राजा को ईश्वर का प्रतिनिधि माना जाने लगा था। साथ ही 'राजाओं का राजा' की संकल्पना अस्तित्व में आने लगी थी। अथर्ववेद एकराट शब्द की परिभाषा सर्वोपरिसत्ताधारी के रूप में करता है।

26. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

1. उत्तर वैदिक काल में सभा एक संसद के रूप में कार्य करती थी।

2.  सभा का प्रधान सभापति होता था।

3. वाजसनेयी संहिता में कहा गया है सभा के संचालन के बाकायदा नियम थे।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:सभा एक संसद के रूप में कार्य करती थी और वाद-विवाद तथा चर्चा के द्वारा काम-काज निपटाती थी। सभा का प्रधान सभापति कहालाता था, उसके सदस्यों को सभेय सभाषद या सभानीन कहा | जाता था। सभा के संचालन के विषय में बाकायदा नियम बने हुए थे और वाजसनेयी संहिता में कहा गया है कि गलती करने वाले सदस्यों की भर्त्सना की जाती थी। इस प्रकार सभी कथन सत्य हैं।

27. गोत्र शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम हुआ था-

Correct Answer: (b) ऋग्वेद में
Solution:गोत्र शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में हुआ था। गोत्र का मूल अर्थ है- 'गोष्ठ' अथवा वह स्थान जहां समूचे कुल का गोधन पाला जाता था।

28. वैदिक काल में 'सूत' से तात्पर्य है-

Correct Answer: (b) रथ हांकने वाले
Solution:वैदिक काल में 'सूत' से तात्पर्य रथ हांकने वाले से है।

29. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए।

सूची-I (पदनाम)सूची-II (कार्य)
(A) भागदुधला(1) मुख्य न्यायाधीश
(B) स्थपति(2) खजांची
(C) क्षत्ता(3) कर समाहर्ता
(D) संग्रहित्री(4) कंचुकी

 

 A B C D
(a)3142
(b)2143
(c)2314
(d)4213
Correct Answer: (a)
Solution:विकलप में दिए गए वैदिक काल के पदनाम व उनसे संबंधित कार्यों का सुमेलन निम्न प्रकार से है-
पदनाम कार्य 
भागदुधकर समाहर्ता
स्थपतिमुख्य न्यायाधीश
क्षत्ताकंचुकी
संग्रहित्रीखजांची

30. वैदिक काल में छोटे-मोटे अपराधों का निपटारा किसके द्वारा किया जाता है?

Correct Answer: (c) पंच
Solution:वैदिक काल में छोटे-मोटे अपराधों का निपटारा ग्राम न्यायाधीश (पंच) द्वारा किया जाता था। प्रत्यक्षदर्शी को सूचना देने वाले की तुलना में अधिक महत्व दिया जाता था।