उद्योग क्षेत्र (आर्थिक विकास)

Total Questions: 50

41. निम्नांकित भारतीय अधिनियमों का सही कालानुक्रमिक अनुक्रम क्या है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2017]

1. एम.आर.टी.पी. एक्ट

2. इंडस्ट्रीज (डेवलपमेंट एवं रेगुलेशन) एक्ट

3. फेरा (एफ.ई.आर.ए.)

4. न्यूनतम मजदूरी अधिनियम

नीचे दिए गए कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए-

कूटः

Correct Answer: (c) 4, 2, 1, 3
Solution:न्यूनतम मजदूरी अधिनियम- 1948

इंटस्ट्रीज (डेवलपमेंट एवं रेगुलेशन) एक्ट-1951

एम.आर.टी.पी. एक्ट-1969

फेरा (FERA)-1973

42. निम्न कथनों पर विचार कीजिए : [U.P.P.C.S. (Mains) 2004]

कथन (A): पिछले कुछ वर्षों से भारतीय औद्यौगिक क्षेत्र में सम्विलय तथा अधिग्रहण की घटनाएं हो रही हैं।

कारण (R) : भारत में एकाधिकार एवं प्रतिबंधित व्यापार अधिनियम में पर्याप्त ढील दी गई है।

सही उत्तर निम्न कूट में से चुनिए :

कूट :

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:प्रश्नकाल के संदर्भ में विकल्प (a) सही उत्तर है। भारत में एकाधिकार और प्रतिबंधित व्यापार व्यवहार आयोग (MRTPC) की स्थापना, एकाधिकार और प्रतिबंधित व्यापार व्यवहार अधिनियम, 1969 की धारा 5 के तहत की गई। इस आयोग का मुख्य कार्य अनुचित व्यापार और प्रतिबंधात्मक व्यापार के संबंध में पूछताछ और उचित कार्रवाई करना था। ध्यातव्य है कि MRTP एक्ट को समाप्त करके उसके स्थान पर वर्ष 2002 में संसद द्वारा प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 पारित किया गया तथा जनवरी, 2003 में इसे राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी प्रदान की गई। इसी अधिनियम के अनुसार, 14 अक्टूबर, 2003 को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) का गठन हुआ। कालान्तर में 'प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002' को 'प्रतिस्पर्धा (संशोधन) अधिनियम, 2007' द्वारा संशोधित किया गया था। इस संशोधित अधिनियम के प्रावधानों के अनुसरण में, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग तथा प्रतिस्पर्धा अपील अधिकरण की स्थापना की गई। प्रतिस्पर्धा-रोधी करारों तथा प्रभुत्व की स्थिति के दुरुपयोग से संबंधित प्रतिस्पर्धा अधिनियम के प्रावधान 20 मई, 2009 को अधिसूचित किए गए थे। 'प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002' में और संशोधन करने हेतु अप्रैल, 2023 में 'प्रतिस्पर्धा (संशोधन) अधिनियम, 2023' लाया गया।

43. भारत में, निम्नलिखित में कौन एक, उन फैक्टरियों में जिनमें कामगार नियुक्त हैं, औद्योगिक विवादों, समापनों, छंटनी और कामबंदी के विषय में सूचनाओं को संकलित करता है? [I.A.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (c) श्रम ब्यूरो
Solution:भारत में श्रम ब्यूरो वर्ष 1920 में अपनी स्थापना के बाद से अखिल भारत और राज्य स्तर पर श्रम संबंधित सांख्यिकी के संकलन, विश्लेषण और प्रसार में संलग्न है। यह श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक संलग्न कार्यालय है। यह फैक्टरियों में नियुक्त कामगारों के औद्योगिक विवादों, समापनों, छंटनी और कामबंदी इत्यादि के विषय में सूचनाओं को संकलित करता है।

44. 1929 का व्यापार विवाद अधिनियम (ट्रेड डिस्प्यूट्स एक्ट) निम्नलिखित में से किसका उपबंध करता है? [I.A.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (d) अधिकरणों (ट्रिब्यूनल्स) की प्रणाली तथा हड़तालों पर रोक
Solution:वर्ष 1929 का व्यापार विवाद अधिनियम प्रायोगिक तौर पर पांच वर्ष के लिए लागू किया गया था। इस अधिनियम द्वारा व्यापार विवादों के जांच एवं समाधान हेतु समझौता बोर्ड (Board of Conciliation) तथा जांच न्यायालय (Court of inquiry) के गठन का प्रावधान किया गया। अधिनियम द्वारा रेलवे, डाक, टेलीग्राफ तथा टेलीफोन जैसी सार्वजनिक रूप से उपयोगी सेवाओं में बिना पूर्व सूचना के हड़ताल अथवा तालाबंदी को निषिद्ध कर दिया गया।

45. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre), 2019]

औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) केंद्रीय (संशोधन) नियम, 2018 के अनुसार

1. यदि नियत अवधि रोजगार के लिए नियमों को कार्यान्वित किया जाता है, तो फर्म/कंपनियों के लिए कामगारों की छंटनी करना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है।

2. अस्थायी कामगारों के मामलों में रोजगार समाप्त करने के लिए कोई नोटिस देना आवश्यक नहीं होगा।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है / हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:16 मार्च, 2018 को अधिसूचित और उसी के साथ प्रभावी औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) केंद्रीय (संशोधन) नियम, 2018 के तहत 1946 के नियमों में संशोधन कर 'नियत अवधि रोजगार' (Fixed term employment) को वस्त्र निर्माण क्षेत्र से विस्तारित कर सभी क्षेत्रों पर लागू किया गया। इस प्रकार अब नियत अवधि रोजगार के रूप में कामगारों का एक अन्य वर्गीकरण (स्थायी और अस्थायी कामगार के अतिरिक्त) सभी क्षेत्रों में होगा। वस्तुतः देश में व्यवसाय सुगमता (Ease of doing business) में अभिवृद्धि हेतु यह परिवर्तन किया गया है। इस संशोधन के तहत नियत अवधि रोजगार कामगारों को नवीनीकरण न होने पर या पहले भी (नियोजन को समाप्त किए जाने पर) बगैर नोटिस के हटाया जा सकता है। इस प्रकार कंपनियों के लिए ऐसे कामगारों की छंटनी अपेक्षाकृत आसान होगी। अतः कथन 1 सही है।

इसके अतिरिक्त संशोधित नियमों के तहत अस्थायी कामगार, चाहे मासिक दर से, साप्ताहिक दर से या नकद दर से और परिवीक्षाधीन या बदली कर्मकार हो, की दशा में नियोजन समाप्ति का नोटिस आवश्यक नहीं होगा। अतः कथन (2) भी सही है।

46. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2017]

1. फैक्टरी एक्ट, 1881 औद्योगिक कामगारों की मजदूरी नियत करने के लिए और कामगारों को मजदूर संघ बनाने देने की दृष्टि से पारित किया गया था।

2. एन. एम. लोखंडे ब्रिटिश भारत में मजदूर आंदोलन संगठित करने में अग्रगामी थे।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:प्रथम कारखाना अधिनियम, 1881 में पारित किया गया था। इसमें केवल ऐसे मजदूर जो बच्चे थे, उन्हीं की सुरक्षा से संबंधित प्रावधान बनाया गया था। इस अधिनियम में महिला मजदूर से संबंधित कोई प्रावधान नहीं बनाया गया था। अतः इस अधिनियम से मजदूर सामान्यतः निराश थे। एन.एम. लोखंडे (Narayan Meghaji Lokhande) भारत में मजदूर आंदोलन संगठित करने में अग्रग्रामी थे। 19वीं शताब्दी में वे न केवल हथकरघा एवं कपड़े के मिल की दयनीय स्थिति को सुधार करने के लिए याद किए जाते हैं, बल्कि जाति एवं संप्रदाय जैसे मुद्दे पर भी उन्होंने साहसिक पहल किया। अतः केवल कथन (2) सत्य है।

47. निम्न में से कौन-से श्रम संबंधी अधिनियमों को 'मजदूरी संहिता, 2019' में सम्मिलित किया गया है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2021]

I. न्यूनतम मजदूरी अधिनियम

II. बोनस भुगतान अधिनियम

III. संविदा श्रम अधिनियम

IV. समान पारिश्रमिक अधिनियम

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

कूट :

Correct Answer: (c) केवल I, II और IV
Solution:'मजदूरी संहिता, 2019' (The Code of Wage, 2019) मजदूरी और बोनस संबंधी विधियों का समेकन तथा संशोधन करने और उससे संशक्त या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने हेतु विधेयक है। यह संहिता चार श्रम कानूनों को समाहित करता है-

न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 (Minimum Wages Act, 1948) मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936 (Payment of Wages Act, 1936) बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 (Payment of Bonus Act, 1965) समान पारितोषिक अधिनियम, 1976 (Equal Remuneration Act, 1976) मजदूरी संहिता, 2019 में पूरे देश में एक समान वेतन एवं उसका सभी कर्मचारियों का समय पर भुगतान किए जाने का प्रावधान किया गया है।

इस संहिता में न्यूनतम मजदूरी का आकलन न्यूनतम जीवन-यापन की स्थिति के आधार पर किए जाने का प्रावधान है।

48. भारत में नियोजित अनियत मजदूरों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2021]

1. सभी अनियत मजदूर, कर्मचारी भविष्य निधि सुरक्षा के हकदार हैं।

2. सभी अनियत मजदूर नियमित कार्य समय एवं समयोपरि भुगतान के हकदार हैं।

3. सरकार अधिसूचना के द्वारा यह विनिर्दिष्ट कर सकती है कि कोई प्रतिष्ठान या उद्योग केवल अपने बैंक खातों के माध्यम से मजदूरी का भुगतान करेगा।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Solution:एक अस्थायी कर्मचारी एक अस्थायी रोजगार अनुबंध पर काम करने वाला कर्मचारी होता है जिसके पास आम तौर पर लाभ के लिए सीमित अधिकार होते हैं और रोजगार की बहुत कम या कोई सुरक्षा नहीं होती है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जो कर्मचारी किसी कंपनी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मजदूरी या वेतन लेते हैं, वे कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) अधिनियम के तहत भविष्य निधि लाभ के हकदार हैं। अतः कथन 1 सही है।

वेतन संहिता के अनुसार, केंद्र या राज्य सरकार एक सामान्य कार्य दिवस बनाने वाले घंटों की संख्या तय कर सकती है। यदि कर्मचारी सामान्य कार्य दिवस से अधिक काम करते हैं, तो वे ओवरटाइम वेतन के हकदार होंगे, जो कि मजदूरी की सामान्य दर से कम-से-कम दोगुना होना चाहिए। अतः कथन 2 सही है।

वेतन भुगतान (संशोधन) अधिनियम 2017, के अनुसार, नियोक्ता द्वारा एक कर्मचारी के वेतन भुगतान चेक द्वारा या उनके बैंक खाते में जमा करके किया जाएगा। अतः कथन 3 भी सही है।

49. 1 अप्रैल, 2017 से प्रभावी उत्तर प्रदेश में अकुशल श्रमिक की न्यूनतम मजदूरी निश्चित की गई है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (b) रु. 7400 प्रतिमाह
Solution:न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अनुसार, प्रश्नकाल हेतु विकल्प (b) सही उत्तर है। 1 अप्रैल, 2024 से 30 सितंबर, 2024 तक प्रभावी न्यूनतम मजदूरी दरें क्रमशः निम्न हैं- अकुशल (10648 रुपये), अर्धकुशल (11713 रुपये) तथा कुशल (13120 रुपये)।

50. वर्ष 2006-07 में भारत की जी.डी.पी. में उद्योग का अंश था- [U.P.P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (c) 25-30 प्रतिशत के मध्य
Solution:प्रश्नकाल हेतु विकल्प (c) सही उत्तर है। 29 फरवरी, 2024 को जारी राष्ट्रीय आय के अग्रिम अनुमानों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था (GVA) में उद्योग क्षेत्र का अंशदान स्थिर (2011-12) कीमतों पर वर्ष 2023-24 (2nd A.E.) 30.82 प्रतिशत तथा वर्ष 2022-23 (1ª R.E.) में 30.22 प्रतिशत अनुमानित है। इसी अवधि के दौरान चालू कीमतों पर यह क्रमशः 27.55 प्रतिशत तथा 27.63 प्रतिशत अनुमानित है।