एल.डी.ए. (प्रीलिम्स) परीक्षा, 2003 सामान्य अध्ययन (Part-I)

Total Questions: 75

1. सिन्धु घाटी सभ्यता जानी जाती है-

1. अपने नगर नियोजन के लिए

2. मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के लिए

3. अपने कृषि सम्बन्धी कार्य के लिए

4. अपने उद्योगों के लिए

नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:व्याख्या- सुमेरियन, बेबीलोनियन तथा मिस्त्र की सभ्यताओं की समकालीन सिन्धु सभ्यता अपने नगर-नियोजन एवं जल-निकास प्रणाली के लिए विख्यात थी। मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा इस सभ्यता के विशिष्ट नगर थे जो क्रमशः सिन्धु तथा रावी के तट पर स्थित थे। सैन्धव निवासियों के जीवन का मुख्य उद्यम कृषि व्यापार था, जिसके प्रमाण लोथल और कालीबंगा से प्राप्त हुए हैं। हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख उद्योगों में वस्त्र उद्योग, मनका उद्योग व कांस्य से बनी वस्तुएँ थीं।

2. बाबर के साम्राज्य में सम्मिलित थे-

1. काबुल का क्षेत्र

2. पंजाब का क्षेत्र

3. आधुनिक उत्तर प्रदेश का क्षेत्र

4. आधुनिक राजस्थान का क्षेत्र

नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (c) 1, 2 और 3
Solution:व्याख्या- सम्भवतः बाबर कुषाणों के बाद पहला शासक था जिसने काबुल एवं कंधार को अपने कब्जे में रखा। इसने मुगल साम्राज्य की स्थापना की। आलम खां के आत्मसमर्पण के बाद पूरा पंजाब बाबर के कब्जे में आ गया था। मई, 1529 में बाबर एवं महमूद लोदी के बीच घाघरा का युद्ध हुआ। इस युद्ध में बाबर विजयी हुआ तथा यह बाबर का अंतिम युद्ध था। बाबर के साम्राज्य में काबुल, पंजाब आधुनिक उत्तर प्रदेश क्षेत्र सम्मिलित था।

3. शेरशाह सूरी द्वारा किये गये सुधारों में सम्मिलित थे-

1. राजस्व सुधार

2. प्रशासनिक सुधार

3. सैनिक सुधार

4. करेंसी प्रणाली में सुधार

नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:व्याख्या- शेरशाह को व्यवस्था के सुधारक के रूप में जाना जाता है। शेरशाह की वित्त व्यवस्था के अन्तर्गत सरकारी आय का सबसे बड़ा स्त्रोत जमीन पर लगने वाला कर था। शेरशाह ने भूमि की माप के लिए 32 इंच या 39 अंगुल वाला सिंकदरी गज व सन की डंडी का प्रयोग किया। करेन्सी सुधार शेरशाह का दूसरा महत्वपूर्ण सुधार था। इसने सोने, चाँदी एवं ताँबे के आकर्षक सिक्के चलवाये। शेरशाह ने प्रशासनिक सुधारों के अन्तर्गत केन्द्रीयकरण को वरीयता दी। सूबों को सरकारों तथा सरकारों को परगनों में बाँटकर सैन्य तथा प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त किया। सैनिक सुधारों में घोड़ों को दागने तथा सैनिकों की हुलिया लिखने के साथ ही उन्हें नकद वेतन देकर उसने अलाउद्दीन खिलजी की पद्धति को पुनर्जीवित किया।

4. अकबर का शासन जाना जाता है-

1. क्षेत्रों को जीतने के लिए

2. अपनी प्रशासनिक व्यवस्था के लिए

3. न्यायिक प्रशासन के लिए

4. उसकी धार्मिक कट्टरता के लिए

नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (b) 1, 2 और 3
Solution:व्याख्या- अकबर एक साम्राज्यवादी शासक था। उसने 1561 ई. में मालवा, 1564 ई. में गोंडवाना, 1568 ई. में मेवाड़, 1569 ई. में रणथम्भौर तथा कालिंजर, 1572-73 ई. में गुजरात, 1581 ई. में काबुल, 1586 ई. में कश्मीर, 1595 ई. में कन्धार, 1600 ई. में अहमदनगर और 1601 ई. में असीरगढ़ को विजित किया। अकबर एक कुशल प्रशासक था। उसकी केन्द्रीय शासन व्यवस्था, बादशाह के अधिकार एवं कर्त्तव्य, प्रान्तीय शासन, लगान व्यवस्था, मुद्रा व्यवस्था, मनसबदारी व्यवस्था, धार्मिक नीति आदि उसकी प्रशासनिक निपुणता के परिचायक हैं। अकबर का न्याय प्रशासन मुस्लिम न्यायिक प्रणाली पर आधारित था। यद्यपि उसने हिन्दुओं के न्याय के लिए पंडितों की नियुक्ति की व्यवस्था की। अकबर का शासन धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता है उसने सभी धर्मो को महत्व देते हुए दीन-ए-इलाही की स्थापना 1582 ई. में की थी।

5. निम्नलिखित में से कौन एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से कभी सम्बद्ध नहीं रहे?

Correct Answer: (d) सर सैय्यद अहमद खाँ
Solution:व्याख्या- सर सैय्यद अहमद खाँ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से कभी सम्बद्ध नहीं रहे तथा 1857 के विद्रोह और 19वीं सदी के अन्य जनांदोलनों का उनके द्वारा विरोध किया गया था। फिरोजशाह मेहता, हकीम अजमल खाँ और खान अब्दुल गफ्फार खाँ कांग्रेस से जुड़े थे तथा अनेक आंदोलनों में भाग लिया।

6. प्रान्तों में द्वैध शासन प्रणाली (Dyarchy) किस अधिनियम के अन्तर्गत लागू की गयी थी?

Correct Answer: (c) 1919
Solution:व्याख्या- प्रान्तों में द्वैध शासन व्यवस्था भारत शासन अधिनियम, 1919 के द्वारा लागू किया गया था जबकि केन्द्र में द्वैध शासन, भारत शासन अधिनियम, 1935 के तहत् लागू किया गया। ध्यातव्य है कि 1935 के अधिनियम द्वारा प्रान्तों में द्वैध शासन व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी। इस प्रणाली के अंतर्गत प्रान्तीय विषयों को आरक्षित और हस्तांतरित दो वर्गों में बाँटा गया। आरक्षित विषयों का प्रशासन गवर्नर द्वारा तथा हस्तांतरित विषयों का प्रशासन मंत्रियों के द्वारा किया जाना था।

7. सूची । को सूची II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए-

सूची Iसूची II
A. दि रेग्यूलेटिंग एक्ट, 17731. प्रदेशों की स्वायत्तता के लिए प्रावधान
B. भारत परिषद् अधिनियम, 19092. द्वैध शासन का प्रारम्भ
C. भारत सरकार अधिनियम, 19193. साम्प्रदायिक निर्वाचन मण्डल का प्रारम्भ
D. भारत सरकार अधिनियम, 19354. सुप्रीम कोर्ट की स्थापना
Correct Answer: (b)
Solution:व्याख्या- रेग्युलेटिंग एक्ट, 1773- सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना (बंगाल का गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स), भारत शासन अधिनियम, 1909 साम्प्रदायिक निर्वाचक मंडल का प्रारम्भ (वायसराय लार्ड मिंटो), भारत शासन अधिनियम, 1919- प्रांतों में द्वैध शासन का प्रारम्भ (वायसराय चेम्सफोर्ड) तथा भारत शासन अधिनियम, 1935- प्रांतों में स्वायत्तता के लिए प्रावधान (वायसराय लार्ड वेलिंगटन) था।

8. नीचे दो वक्तव्य दिए हैं :

कथन (A) : भारत छोड़ो आन्दोलन को लोगों को जागृत करने और साहस दिलाने में सफलता मिली।

कारण (R) : करो या मरो' का नारा लोगों के मन में प्रवेश कर गया

उपर्युक्त के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा एक सही है?

Correct Answer: (a) A और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है
Solution:व्याख्या- भारत छोड़ो आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष का अंतिम और सबसे सशक्त आन्दोलन था। इस आंदोलन से लोगों में जुझारूपन और आन्दोलन में बढ़चढ़कर भाग लेने के लिए बढ़ावा मिला। गाँधीजी ने आन्दोलन प्रारंभ होने के पूर्व ग्वालिया टैंक मैदान में 'करो या मरो' का नारा दिया। अतः उपर्युक्त प्रश्न में कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है। तथा कारण (R) कथन (A) का उचित स्पष्टीकरण है।

9. सूची । तथा सूची ।। को सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए-

सूची I (List I)सूची II (List II)
(A) मदन मोहन मालवीय1. होमरूल लीग के संस्थापक
(B) मोतीलाल नेहरू2. सर्वेन्ट्स ऑफ इण्डिया सोसाइटी को प्रारम्भ किया
(C) श्रीमती एनी बेसेन्ट3. हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक
(D) गोपालकृष्ण गोखले4. स्वराज पार्टी का अन्य लोगों के साथ गठन किया
ABCD
(a)3412
(b)4321
(c)1234
(d)2143
Correct Answer: (a)
Solution:व्याख्या- होमरूल लीग की स्थापना (सितम्बर, 1916 ई. में) श्रीमती ऐनी बेसेंट द्वारा, भारत सेवक समाज की स्थापना (1905 ई. में) गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा, स्वराज पार्टी का गठन (जनवरी 1923 ई. में) मोतीलाल नेहरू व चितरंजन दास द्वारा तथा हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1916 में पं. मदन मोहन मालवीय द्वारा की गयी।

10. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में 'सूरत की फूट' (Surat Splits) हुई थी-

Correct Answer: (c) 1907 में
Solution:व्याख्या- कांग्रेस में उदारवादी तथा उग्रवादी विचारधारा के नेताओं में गंभीर मतभेद 1904 से ही स्पष्ट होने लगे थे। 1906 के कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन में यह मतभेद एकदम स्पष्ट हो गया। सूरत के 1907 के कांग्रेस अधिवेशन में उग्रपंथी विचार धारा वाले नेताओं द्वारा लाला लाजपत राय को तथा उदारवादी विचार धारा वाले नेता डॉ. रासबिहारी घोष को अध्यक्ष बनाना चाहते थे। तिलक ने निर्वाचन के बारे में आपत्तियां उठानी चाही तो उदारवादियों ने उन्हें कुछ बोलने नहीं दिया। इसके बाद अधिवेशन में अव्यवस्था फैल गयी और कांग्रेस उदारवादी और उग्रवादी दो गुटों में बंट गयी। इस विभाजन के बाद 1916 के लखनऊ कांग्रेस अधिवेशन में श्रीमती एनी बेसेन्ट, तिलक तथा अन्य नेताओं के प्रयास से दोनों गुट एक मंच पर आये।