1. क्षेत्रों को जीतने के लिए
2. अपनी प्रशासनिक व्यवस्था के लिए
3. न्यायिक प्रशासन के लिए
4. उसकी धार्मिक कट्टरता के लिए
नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर चुनिए-
Correct Answer: (b) 1, 2 और 3
Solution:व्याख्या- अकबर एक साम्राज्यवादी शासक था। उसने 1561 ई. में मालवा, 1564 ई. में गोंडवाना, 1568 ई. में मेवाड़, 1569 ई. में रणथम्भौर तथा कालिंजर, 1572-73 ई. में गुजरात, 1581 ई. में काबुल, 1586 ई. में कश्मीर, 1595 ई. में कन्धार, 1600 ई. में अहमदनगर और 1601 ई. में असीरगढ़ को विजित किया। अकबर एक कुशल प्रशासक था। उसकी केन्द्रीय शासन व्यवस्था, बादशाह के अधिकार एवं कर्त्तव्य, प्रान्तीय शासन, लगान व्यवस्था, मुद्रा व्यवस्था, मनसबदारी व्यवस्था, धार्मिक नीति आदि उसकी प्रशासनिक निपुणता के परिचायक हैं। अकबर का न्याय प्रशासन मुस्लिम न्यायिक प्रणाली पर आधारित था। यद्यपि उसने हिन्दुओं के न्याय के लिए पंडितों की नियुक्ति की व्यवस्था की। अकबर का शासन धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता है उसने सभी धर्मो को महत्व देते हुए दीन-ए-इलाही की स्थापना 1582 ई. में की थी।