ऐतिहासिक परिदृश्य (बिहार)

Total Questions: 65

51. सन् 1931 में 'बिहार समाजवादी पार्टी' का गठन किसने किया? [65ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 2019]

Correct Answer: (a) फूलन प्रसाद वर्मा
Solution:वर्ष 1931 में गंगाशरण सिन्हा, जयप्रकाश नारायण, फूलन प्रसाद वर्मा, अब्दुल बारी, राहुल सांकृत्यायन तथा अंबिका सिन्हा ने बिहार सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया, जबकि मई, 1934 में पटना में आचार्य नरेंद्र देव की अध्यक्षता में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना हुई थी।

52. बिहार सोशलिस्ट पार्टी कब गठित हुई? [64ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 2018]

Correct Answer: (c) 1931
Solution:वर्ष 1931 में गंगाशरण सिन्हा, जयप्रकाश नारायण, फूलन प्रसाद वर्मा, अब्दुल बारी, राहुल सांकृत्यायन तथा अंबिका सिन्हा ने बिहार सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया, जबकि मई, 1934 में पटना में आचार्य नरेंद्र देव की अध्यक्षता में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना हुई थी।

53. किस अधिनियम के तहत बिहार एक अलग राज्य बना? [63ʳᵈ B.P.S.C. (Pre), 2017]

Correct Answer: (a) भारत सरकार अधिनियम, 1935
Solution:भारत सरकार अधिनियम, 1919 के अंतर्गत 29 दिसंबर, 1920 को बिहार और उड़ीसा को गवर्नर का प्रांत घोषित किया गया। भारत सरकार अधिनियम, 1935 के अधीन बिहार और उड़ीसा प्रांत को अलग करके दोनों को नया प्रांत बनाया गया।

54. बिहार कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन हुआ- [40ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 1995]

Correct Answer: (c) 1934 में
Solution:वर्ष 1934 में गांधीजी ने पटना में एक वक्तव्य द्वारा सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करने का सुझाव दिया। 18 मई को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसका पूरा समर्थन किया और बिहार में यह आंदोलन रुक गया। इस आंदोलन के परिणामस्वरूप राजनीतिक चेतना प्रखर हुई। आंदोलन के क्रम में पुलिस एवं प्रशासन से संबद्ध भारतीय अधिकारियों और कर्मचारियों के मध्य भी राष्ट्रीय आंदोलन के प्रति सहानुभूति जगी। बिहार में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन इसी समय वर्ष 1934 में हुआ। इसके गठन में जयप्रकाश नारायण की प्रमुख भूमिका थी।

55. 1934 में बनी बिहार सोशलिस्ट पार्टी के सचिव थे- [63ʳᵈ B.P.S.C. (Pre), 2017]

Correct Answer: (b) जयप्रकाश नारायण
Solution:प्रथम अखिल भारतीय समाजवादी कांग्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन बिहार समाजवादी पार्टी की ओर से मई, 1934 में पटना में जयप्रकाश नारायण द्वारा हुआ। इस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता आचार्य नरेंद्र देव ने की। अखिल भारतीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी का प्रथम वार्षिक अधिवेशन अक्टूबर, 1934 में संपूर्णानंद की अध्यक्षता में बंबई में हुआ। इस मीटिंग में समाजवादी कांग्रेस की राष्ट्रीय एक्जीक्यूटिव (कार्यकारिणी) का गठन हुआ, जिसके जनरल सेक्रेटरी (महासचिव) जयप्रकाश नारायण थे।

56. 1908 के छोटानागपुर काश्त अधिनियम ने रोक लगाई- [42ⁿᵈ B.P.S.C. (Pre), 1997]

Correct Answer: (c) बेठ बेगारों पर
Solution:वर्ष 1902-10 के बीच सर्वेक्षण और भूमि प्रबंध तथा वर्ष 1908 के छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम ने आदिवासियों के खुटकट्टी अधिकारों को मान लिया तथा बेठ-बेगारी या बलात् श्रम प्रथा का उन्मूलन कर दिया। इससे आदिवासियों को अपनी भूमि पर कानूनी संरक्षण मिल गया।

57. छोटानागपुर काश्तकारी कानून कब पारित हुआ? [41ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 1996]

Correct Answer: (a) 1908
Solution:वर्ष 1902-10 के बीच सर्वेक्षण और भूमि प्रबंध तथा वर्ष 1908 के छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम ने आदिवासियों के खुटकट्टी अधिकारों को मान लिया तथा बेठ-बेगारी या बलात् श्रम प्रथा का उन्मूलन कर दिया। इससे आदिवासियों को अपनी भूमि पर कानूनी संरक्षण मिल गया।

58. 1866-86 के नील खेतिहरों के बिहार में हुए विद्रोह के क्षेत्र की पहचान करें- [40ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 1995]

Correct Answer: (d) चंपारण एवं मुजफ्फरपुर
Solution:उत्तर बिहार के नीलहे (नील की खेती करने वाले किसान) रैय्यतों के अत्याचारों से त्रस्त होकर एवं अपने दुःखमय जीवन से ऊबकर 1866-67 ई. में विद्रोह कर दिया। विद्रोह की आग पहले-पहल 'लाल सरैया' कोठी में फूटी। वहां से होता हुआ यह विद्रोह चंपारण और मुजफ्फरपुर में फैल गया।

59. बिहार का 'चौरी विद्रोह' किस वर्ष हुआ? [67ᵗʰ B.P.S.C. Re. Exam (Pre), 2022]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
Solution:किसी भी प्रमाणित स्रोत में बिहार में 'चौरी विद्रोह' का कोई उल्लेख प्राप्त नहीं होता है। सम्भवतः यहां आयोग 'चुआर विद्रोह' (Chuar Revolt) पूछना चाहता है। ज्ञातव्य है कि 'चुआर विद्रोह' तत्कालीन बंगाल, बिहार (वर्तमान पश्चिम बंगाल और झारखंड) में 1769-70 तथा 1798 में बड़े पैमाने पर हुआ था। इस आधार पर इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (c) हो सकता है।

60. बिहार में तिनकठिया पद्धति में नील की खेती के भूमि का कितना भाग अमानत रखा जाता था? [66ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 2020]

Correct Answer: (c) 03/20
Solution:बिहार के तत्कालीन चंपारण के किसानों को जमीन के 03/20 वें हिस्से पर नील की खेती करना अनिवार्य था, जिसे 'तिनकठिया पद्धति' कहते थे। वर्ष 1916 में लखनऊ में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान चंपारण के राजकुमार शुक्ल के आमंत्रण पर महात्मा गांधी चंपारण आए। बाद में सरकार ने विवश होकर किसानों की स्थिति का सर्वेक्षण करने के लिए 'चंपारण एग्रेरियन कमेटी' का गठन किया, जिसमें महात्मा गांधी स्वयं एक सदस्य थे। इस कमेटी की सलाह पर सरकार ने 'तिनकठिया पद्धति' को समाप्त कर दिया और किसानों से अवैध रूप से वसूले गए धन का 25 प्रतिशत भाग वापस कर दिया।