Correct Answer: (b) दारूल-इस्लाम
Solution:औरंगजेब एक सुन्नी मुसलमान था। उसकी धार्मिक नीति सांसारिक लाभ के किसी विचार से प्रभावित नहीं थी। उदार दारा के विरुद्ध सुन्नी कट्टरता के समर्थक के रूप में राजसिंहासन प्राप्त करने वाले की हैसियत से उसने कुरान के कानून को कठोरता से लागू करने का प्रयत्न किया। इस कानून के अनुसार, प्रत्येक धार्मिक मुसलमान को 'अल्लाह की राह में मेहनत करनी चाहिए', या दूसरे शब्दों में तब तक गैर-मुसलमानी देशों (दारूल-हर्ब) के विरुद्ध धर्म-युद्ध (जिहाद) करना चाहिए, जब तक कि वे इस्लाम के राज्य (दारूल-इस्लाम) के रूप में परिवर्तित नहीं हो जाते।