कांग्रेस : बनारस, कलकत्ता एवं सूरत अधिवेशन (UPPCS)

Total Questions: 26

1. '18 वर्ष की आयु में स्नातक, 20 वर्ष की आयु में प्रोफेसर तथा सुधारक के सह संपादक, 25 वर्ष की आयु में सार्वजनिक सभा और प्रांतीय सम्मेलन के मंत्री, 29 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय कांग्रेस के मंत्री, 31 वर्ष की आयु में महत्वपूर्ण रॉयल कमीशन के समक्ष अग्रणी प्रवाह, 34 वर्ष की आयु में प्रांतीय विधायक, 36 वर्ष की आयु में इम्पीरियल विधायक, 39 वर्ष की आयु में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष..एक देश भक्त, जिसे महात्मा गांधी ने स्वयं अपना गुरु माना है।" इन शब्दों में एक जीवनीकार ने वर्णन किया है- [I.A.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (c) गोपाल कृष्ण गोखले का
Solution:गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई, 1866 को रत्नागिरि (महाराष्ट्र) के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। 1884 ई. में बी.ए. पास करने के बाद (18 वर्ष में) वह रानाडे द्वारा स्थापित दक्कन शिक्षा सभा (Daccan Education Society) में सम्मिलित हो गए। उन्होंने 20 वर्ष तक इस सभा की सेवा भिन्न-भिन्न रूपों में की; अर्थात विद्यालय के मुख्य अध्यापक, फर्ग्यूसन कॉलेज पूना के प्राध्यापक के रूप में और फिर प्रिंसिपल के रूप में। पहली बार 1889 ई. में बंबई कांग्रेस अधिवेशन के मंच से राजनीति में भाग लिया, 1897 ई. में उन्हें और दिनशा वाचा को भारतीय व्यय के लिए नियुक्त वेल्बी आयोग के साक्ष्य देने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। वर्ष 1899 में वह बाम्बे में विधान परिषद के लिए और कालांतर में Imperial Legislative Council (Council of the

2. गोपाल कृष्ण गोखले ने कांग्रेस के लिए अधिवेशन में अध्यक्षता की? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2003 U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

Correct Answer: (b) 1905
Solution:गोपाल कृष्ण गोखले ने कांग्रेस के बनारस अधिवेशन (1905) की अध्यक्षता की।

3. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1905 के बनारस अधिवेशन का अध्यक्ष कौन था? [U.P. P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (c) गोपाल कृष्ण गोखले
Solution:गोपाल कृष्ण गोखले ने कांग्रेस के बनारस अधिवेशन (1905) की अध्यक्षता की।

4. निम्नलिखित में से किस नेता ने वर्ष 1906 में कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी? [44th B.P.S.C. (Pre) 2000]

Correct Answer: (d) दादाभाई नौरोजी
Solution:वर्ष 1906 के कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी में विभाजन की नौबत आ गई थी, लेकिन दादाभाई नौरोजी के अध्यक्ष बनने से संभावित विभाजन उस समय टल गया। दादाभाई नौरोजी को लगभग सभी राष्ट्रवादी एक सच्चा देशभक्त मानते थे। राजनीतिक विचारों से दादाभाई पूर्ण राजभक्त थे। वह समझते थे कि भारत में अंग्रेजी राज्य से बहुत लाभ हुआ है और वह इस साहचर्य (Association) के सदा बने रहने में अभिरुचि रखते थे। राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में ही पहली बार दादाभाई ने स्वराज्य की मांग की।

5. 1906 में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई.एन.सी.) के कलकत्ता अधिवेशन में भारत के लिए स्वराज का झंडा किसके द्वारा फहराया गया था? [68th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (c) दादाभाई नौरोजी
Solution:वर्ष 1906 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता दादाभाई नौरोजी ने की थी और इसी अधिवेशन में स्वशासन, स्वदेशी, बहिष्कार एवं राष्ट्रीय शिक्षा संबंधी प्रस्ताव पारित किए गए तथा इसी अधिवेशन में स्वराज का झंडा दादाभाई नौरोजी द्वारा फहराया गया था।

6. कांग्रेस ने 'स्वराज' प्रस्ताव वर्ष 1905 में पारित किया। प्रस्ताव का उद्देश्य था- [53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]

Correct Answer: (b) स्व-शासन सुनिश्चित करना
Solution:कांग्रेस ने 'सेल्फ रूल (स्व-शासन)' संबंधी प्रस्ताव पर सर्वप्रथम वर्ष 1905 में बनारस अधिवेशन में चर्चा हुई एवं वर्ष 1906 में कलकत्ता के अधिवेशन में स्वराज का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इस प्रस्ताव के साथ स्वदेशी, बहिष्कार तथा राष्ट्रीय शिक्षा संबंधी प्रस्ताव भी पारित किए गए।

7. स्वराज को बतौर राष्ट्रीय मांग के रूप में सर्वप्रथम रखा था- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (c) दादाभाई नौरोजी ने
Solution:वर्ष 1906 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में कांग्रेस के मंच से स्वराज की मांग पहली बार करने का श्रेय दादाभाई नौरोजी को है।

8. कांग्रेस के मंच से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में प्रथम बार 'स्वराज' शब्द व्यक्त किया गया था? [U.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (b) कलकत्ता अधिवेशन, 1906
Solution:कांग्रेस के मंच से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन, 1906 में प्रथम बार 'स्वराज' शब्द दादाभाई नौरोजी द्वारा व्यक्त किया गया था। दादाभाई नौरोजी ने 'स्वराज' शब्द की व्याख्या करते हुए इसे कलकत्ता अधिवेशन, 1906 में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लक्ष्य बताया था। प्रारंभ में उ.प्र. लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (b) माना था; परंतु संशोधित उत्तर-पत्रक में इस प्रश्न के उत्तर को निरस्त कर दिया गया। स्वराज शब्द को अभिव्यक्त करने की तिथियों में भिन्नता मिलती है। इसलिए उत्तर निरस्त कर दिया गया।

9. 'स्वराज' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया ? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

Correct Answer: (a) बाल गंगाधर तिलक ने
Solution:बाल गंगाधर तिलक का कथन था कि "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा।" हालांकि 'स्वराज' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग दयानंद सरस्वती ने किया था, किंतु दिए गए विकल्पों के अनुसार तिलक ने ही पहली बार स्वराज की मांग का समर्थन किया।

10. दादाभाई नौरोजी आमतौर पर किस नाम से जाने जाते थे? [U.P. P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (d) ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया
Solution:दादाभाई नौरोजी को लोग श्रद्धा से 'भारत के वयोवृद्ध नेता' (Grand Old Man of India) के नाम से स्मरण करते हैं। 1892 ई. में वे पहले भारतीय थे, जो उदारवादी दल की ओर से सेंट्रल फिंसबरी चुनाव क्षेत्र से ब्रिटिश संसद के सदस्य चुने गए। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1886 ई., 1893 ई. और वर्ष 1906 में अध्यक्ष भी रहे। सी.वाई. चिंतामणि ने दादाभाई नौरोजी के विषय में कहा था कि "भारत के सार्वजनिक जीवन को अनेक बुद्धिमान और निःस्वार्थ नेताओं ने सुशोभित किया है; परंतु हमारे युग में कोई भी दादाभाई नौरोजी जैसा नहीं था।" दूसरी ओर गोखले ने कहा था-"यदि मनुष्य में कहीं देवत्व है, तो वह दादाभाई में है।"