कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (आर्थिक विकास)

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31. एन.एस.एस.ओ. के 70वें चक्र द्वारा संचालित “कृषक-कुटुम्बों की स्थिति आकलन सर्वेक्षण" के अनुसार निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2018]

1. राजस्थान में ग्रामीण कुटुम्बों में कृषि कुटुम्बों का प्रतिशत सर्वाधिक है।

2. देश के कुल कृषि कुटुम्बों में 60 प्रतिशत से कुछ अधिक ओ. बी.सी. के हैं।

3. केरल में 60 प्रतिशत से कुछ अधिक कृषि कुटुम्बों ने यह सूचना दी कि उन्होंने अधिकतम आय गैर-कृषि स्रोतों से प्राप्त की है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Solution:सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ने अपने 70वें दौर (जनवरी-दिसंबर, 2013) में कृषक परिवारों की स्थिति का मूल्यांकन सर्वेक्षण के प्रमुख संकेतकों को दिसंबर, 2014 में जारी किए। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य भारत सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के संदर्भ में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषक परिवारों की स्थिति की जानकारी हासिल करना था। इस सर्वेक्षण के अनुसार -

1. उत्तर प्रदेश में अनुमानित 18.05 मिलियन कृषक परिवार थे और यह देश में कृषक परिवारों का 20 प्रतिशत था।

2. राजस्थान के ग्रामीण परिवारों में सबसे अधिक प्रतिशत (78.4 %) कृषक परिवारों का है उसके बाद यह आंकड़ा क्रमशः उत्तर प्रदेश (74.8%) तथा मध्य प्रदेश (70.8%) में दर्ज है। केरल में ग्रामीण परिवारों में कृषक परिवारों का सबसे कम प्रतिशत (27.3%) था।

3. देश में कुल अनुमानित कृषक परिवारों में लगभग 45 (45.4%) प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्गों के थे। लगभग 16 (16.3%) प्रतिशत कृषक परिवार अनुसूचित जाति के तथा लगभग 13 (13.3%) प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के थे।

4. कृषक परिवार की आय का मुख्य स्रोत इस बात से निर्धारित होता है कि परिवार के पास कितनी जमीन है।

5. केरल को छोड़कर सभी प्रमुख राज्यों में कृषक परिवारों ने अपनी आय का मुख्य स्रोत खेती-बाड़ी गतिविधि (जुताई, पशुधन तथा अन्य कृषि गतिविधियां) बताया। केरल में लगभग 61 प्रतिशत कृषक परिवारों ने कृषि को छोड़ दूसरे स्रोतों से अपनी अधिकतम आय की जानकारी दी।

6. देश में लगभग 52 प्रतिशत कृषक परिवार ऋणग्रस्त थे। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में, एनएसएस के 77वें दौर (जनवरी-दिसंबर, 2019) के सर्वेक्षण पर आधारित "परिवारों की भूमि एवं पशुधन धारिता तथा कृषक परिवारों की स्थिति के आकलन" संबंधित प्रमुख तथ्य निम्न हैं-

• ग्रामीण परिवारों की आकलित संख्या 172.44 मिलियन

• ग्रामीण परिवारों में कृषक परिवारों की आकलित संख्या 93.09 मिलियन

• ग्रामीण परिवारों में गैर-कृषक परिवारों की आकलित संख्या 79.35 मिलियन

• ग्रामीण परिवारों के प्रतिशत के रूप में कृषक परिवार - 54 प्रतिशत

• ग्रामीण परिवारों के प्रतिशत के रूप में गैर-कृषक परिवार - 46 प्रतिशत

• कृषक परिवारों की संख्या के संदर्भ में शीर्ष राज्य हैं - क्रमशः

• उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार तथा पश्चिम बंगाल

• सबसे कम कृषक परिवार हैं क्रमशः सिक्किम तथा मिजोरम में

• प्रतिशतता के संदर्भ में सर्वाधिक कृषक परिवारों वाले राज्य हैं - क्रमशः नगालैंड, जम्मू एवं कश्मीर, मिजोरम, राजस्थान तथा मेघालय

• अनुसूचित जनजाति (ST) के संदर्भ में सर्वाधिक कृषक परिवार

• नगालैंड (99.2%) में तथा न्यूनतम हरियाणा (0.5%) में हैं

• अनुसूचित जाति (SC) के संदर्भ में सर्वाधिक कृषक परिवार पंजाब (33.1%) में तथा न्यूनतम नगालैंड (0.5%) में हैं।

• अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के संदर्भ में सर्वाधिक कृषक परिवार तमिलनाडु (78.3%) में तथा न्यूनतम अरुणाचल प्रदेश (0.2%) में हैं।

32. राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय के 2014 के अनुमानानुसार, ग्रामीण परिवारों में कृषि में विनियोजित ग्रामीण परिवारों का प्रतिशत है- [U.P. P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (c) 57.8%
Solution:राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय के वर्ष 2014 के अनुमानानुसार, कृषि वर्ष जुलाई, 2012- जून, 2013 के दौरान ग्रामीण भारत में अनुमानित कुल 90.2 मिलियन कृषक परिवार थे। यह इसी अवधि के दौरान कुल अनुमानित ग्रामीण परिवारों का लगभग 57.8 प्रतिशत था। इसी अवधि में उत्तर प्रदेश में अनुमानित 18.05 मिलियन कृषक परिवार थे, जो कि देश में कृषक परिवारों का 20 प्रतिशत है। राजस्थान के ग्रामीण परिवारों में सबसे अधिक (78.4 प्रतिशत) कृषक परिवार हैं। इसके बाद क्रमशः उत्तर प्रदेश (74.8 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (70.8 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (68.3 प्रतिशत) तथा गुजरात (66.9 प्रतिशत) में कृषक परिवारों का प्रतिशत है। केरल के ग्रामीण परिवारों में कृषक परिवारों का प्रतिशत (27.3% प्रतिशत) सबसे कम था। देश में कुल अनुमानित कृषक परिवारों में लगभग 45.4 प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्गों से, लगभग 16.3 प्रतिशत कृषक परिवार अनुसूचित जाति से, लगभग 13.3 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति से तथा लगभग 25 प्रतिशत अन्य हैं।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में, एनएसएस के 77वें दौर (जनवरी-दिसंबर, 2019) के सर्वेक्षण पर आधारित "परिवारों की भूमि एवं पशुधन धारिता तथा कृषक परिवारों की स्थिति के आकलन" संबंधित प्रमुख तथ्य निम्न हैं-

• ग्रामीण परिवारों की आकलित संख्या 172.44 मिलियन

• ग्रामीण परिवारों में कृषक परिवारों की आकलित संख्या 93.09 मिलियन

• ग्रामीण परिवारों में गैर-कृषक परिवारों की आकलित संख्या 79.35 मिलियन

• ग्रामीण परिवारों के प्रतिशत के रूप में कृषक परिवार - 54 प्रतिशत

• ग्रामीण परिवारों के प्रतिशत के रूप में गैर-कृषक परिवार - 46 प्रतिशत

• कृषक परिवारों की संख्या के संदर्भ में शीर्ष राज्य हैं - क्रमशः उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार तथा पश्चिम बंगाल

• सबसे कम कृषक परिवार हैं- क्रमशः सिक्किम तथा मिजोरम में

• प्रतिशतता के संदर्भ में सर्वाधिक कृषक परिवारों वाले राज्य हैं - क्रमशः नगालैंड, जम्मू एवं कश्मीर, मिजोरम, राजस्थान तथा मेघालय

• अनुसूचित जनजाति (ST) के संदर्भ में सर्वाधिक कृषक परिवार नगालैंड (99.2%) में तथा न्यूनतम हरियाणा (0.5%) में हैं।

• अनुसूचित जाति (SC) के संदर्भ में सर्वाधिक कृषक परिवार पंजाब (33.1%) में तथा न्यूनतम नगालैंड (0.5%) में हैं।

• अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के संदर्भ में सर्वाधिक कृषक परिवार तमिलनाडु (78.3%) में तथा न्यूनतम अरुणाचल प्रदेश (0.2%) में हैं।

33. निम्न में से किस प्रांत में 'सोयाबीन' खेती के अंतर्गत क्षेत्र सर्वाधिक है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (c) मध्य प्रदेश
Solution:प्रश्नकाल तथा 'सोपा' (SOPA: The soyban Processors Association of India) द्वारा जारी खरीफ, 2023 के आंकड़ों के अनुसार भी विकल्प (c) सही उत्तर है। द सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के खरीफ, 2023 के आंकड़ों के अनुसार, क्षेत्रफल के संदर्भ में शीर्ष तीन राज्यों का क्रम निम्न है- मध्य प्रदेश (52.050 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (45.640 लाख हेक्टेयर) तथा राजस्थान (10.945 लाख हेक्टेयर)। इसी अवधि के संदर्भ में उत्पादकता के आधार पर शीर्ष तीन राज्यों का क्रम निम्न हैं- महाराष्ट्र (1028 किग्रा./हे.), मध्य प्रदेश (1008 किग्रा./हे.) तथा कर्नाटक (950 किग्रा./ हे.)। इसी अवधि में अनुमानित उत्पादन के संदर्भ में शीर्ष तीन राज्य क्रमशः मध्य प्रदेश (5.23 मिलियन टन), महाराष्ट्र (4.69 मिलियन टन) तथा राजस्थान (1.01 मिलियन टन) हैं।

34. निम्नलिखित देशों में से किसमें कपास का प्रति हेक्टेयर उत्पादन (2014) विश्व में सर्वाधिक है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]

Correct Answer: (d) ऑस्ट्रेलिया
Solution:प्रश्नकाल तथा USDA द्वारा मार्च, 2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार भी दिए गए विकल्पों में विकल्प (d) सही उत्तर है। मार्च, 2024 में USDA द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 में उत्पादकता के संदर्भ में शीर्ष देश चीन है। चीन में कपास का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 2122 किग्रा./हे. है। दूसरे एवं तीसरे स्थान पर क्रमशः ऑस्ट्रेलिया तथा तुर्किए हैं। वर्ष 2021 में उत्पादकता के संदर्भ में शीर्ष पर ऑस्ट्रेलिया था। दूसरे स्थान पर चीन तथा तीसरे स्थान पर तुर्किए था।

35. भारत के किस राज्य में कपास का औसत उत्पादन सर्वाधिक है? [63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
Solution:प्रश्नकाल तथा वर्ष 2022-23 (अन. अनु.) के अनुसार भी विकल्प (e) सही उत्तर है। भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 (अन.अनु.) के संदर्भ में कपास की औसत उत्पादकता सर्वाधिक गुजरात (632 किग्रा./हे.) में है। उसके बाद राजस्थान (579 किग्रा./हे.) दूसरे स्थान पर है। ओडिशा (523 किग्रा./हे.) तीसरे तथा मध्य प्रदेश (492 किग्रा./हे.) चौथे स्थान पर है। विकल्पगत राज्यों में सर्वाधिक उत्पादकता आंध्र प्रदेश में है।

36. भारत की काली मिट्टी उत्पादन के लिए बहुत उपयुक्त होती है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (a) कपास की फसल के लिए
Solution:कपास की फसल के लिए सर्वोत्तम मिट्टी काली मिट्टी है, जो भारत के गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब तथा आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक पाई जाती है।

37. चतुर्थ अग्रिम अनुमान के अनुसार, वर्ष 2020-21 में भारत में गेहूं का कुल उत्पादन कितना है? [67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2021]

Correct Answer: (a) 109.5 मिलियन टन
Solution:आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, वर्ष 2020-21, चतुर्थ अग्रिम अनुमान में भारत में गेहूं का कुल उत्पादन 109.5 मिलियन टन है। वर्ष 2023-24 (2nd A.E.) में गेंहू का उत्पादन लगभग 112.02 मिलियन टन अनुमानित है, जबकि वर्ष 2022-23 के लिए यह 110.55 मिलियन टन दर्ज है।

38. देश में गेहूं उत्पादन की दृष्टि से निम्न राज्यों का अवरोही क्रम है [U.P.P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (a) हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार
Solution:प्रश्नकाल में विकल्पगत राज्यों में गेहूं उत्पादन का अवरोही क्रम निम्न था- हरियाणा > मध्य प्रदेश > राजस्थान > बिहार। RBI द्वारा सितंबर, 2023 में जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 (तृतीय अग्रिम अनुमान) में देश का शीर्ष गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश (34.91 मि. टन) है, जिसके बाद क्रमशः मध्य प्रदेश (23.99 मि.टन) एवं पंजाब (16.47 मि.टन) का स्थान है।

39. निम्नलिखित राज्यों पर विचार करें - [67th B.P.S.C. (Pre) 2022]

1. पंजाब                            2. उत्तर प्रदेश

3. आंध्र प्रदेश                    4. पश्चिम बंगाल

भारत में चावल उत्पादक राज्यों के रूप में उपर्युक्त के सही आरोही क्रम को चुनें।

Correct Answer: (d) आंध्र प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल
Solution:Agricultural Statistics at a Glance 2021 के अनुसार प्रश्न में दिए गए विकल्पगत राज्यों का वर्ष 2020-21 (4th A.E.) में चावल उत्पादन में आरोही क्रम (Ascending Order) निम्न है- आंध्र प्रदेश > पंजाब उत्तर प्रदेश > पश्चिमी बंगाल। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सितंबर, 2023 में जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 (3rd A.E.) के संदर्भ में भी विकल्प (d) सही उत्तर है। RBI द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 (3rd A.E.) में चावल उत्पादक शीर्ष 3 राज्य हैं क्रमशः तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश।

40. गेहूं की सिंचाई हेतु अति क्रांतिक अवस्था है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (a) ताज निकलने की अवस्था
Solution:ताज निकलने की अवस्था गेहूं की सिंचाई हेतु अति क्रांतिक अवस्था होती है। यदि किसी किसान को एक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो, तो उसे इसी अवस्था में सिंचाई करने की सलाह दी जाती है। विकल्प में दी गई अन्य अवस्थाएं भी सिंचाई की क्रांतिक अवस्था से संबंधित हैं, परंतु इन सबका संबंध एक से अधिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने पर है।