कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (भाग – 3) (आर्थिक विकास)

Total Questions: 50

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2018]

1. खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 ने खाद्य अपमिश्रण की रोकथाम (प्रिवेंशन ऑफ फूड एडल्टरेशन) अधिनियम, 1954 को प्रतिस्थापित किया।

2. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) (एफ.एस. एस.ए.आई) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक के प्रभार में है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है / हैं?

 

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:खाद्य से संबंधित विधियों को समेकित करने (Consolidate), खाद्य पदार्थों के लिए विज्ञान आधारित मानक निर्धारित करने तथा उनके विनिर्माण, भंडारण, वितरण, विक्रय और आयात को विनियमित करने, मानव उपभोग के लिए सुरक्षित तथा स्वास्थ्यप्रद खाद्य की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 23 अगस्त, 2006 को 'खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006' (The Food Safety and Standard bill, 2006) संसद द्वारा अधिनियमित किया गया। साथ ही इस अधिनियम में 'भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण' (FSSAI) की स्थापना करने तथा उनसे संबंधित या उनके आनुषंगिक विषयों के उपबंध भी अधिनियमित किए गए हैं। इस अधिनियम ने 'खाद्य अपमिश्रण की रोकथाम अधिनियम, 1954' (Prevention of Food Adulter- ation Act, 1954) को प्रतिस्थापित किया। 'खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006' के तहत ही केंद्र सरकार द्वारा' भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण' (FSSAI) का गठन किया गया। इसका संचालन भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत किया जाता है। इस संस्था का मुख्यालय नई दिल्ली में है।

2. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एन.एफ.एस.एम.) का उद्देश्य निम्नलिखित में से कौन नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (c) साख सुविधाओं को सुदृढ़ करना।
Solution:राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अक्टूबर, 2007 में प्रारंभ किया गया था। मिशन के निम्न उद्देश्य हैं-

1. देश के अभिज्ञात जिलों में क्षेत्र विस्तार और सतत रीति से उत्पादकता वर्धन के माध्यम से धान, गेहूं और दलहन के उत्पादन में बढ़ोत्तरी।

2.मृदा उत्पादकता और उर्वरता का संरक्षण।

3. खेत के स्तर पर आर्थिक लाभ को बढ़ाना, ताकि किसानों में आत्मविश्वास पैदा हो सके।

अतः उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए विकल्प (c) अर्थात साख सुविधाओं को बढ़ाना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का उद्देश्य नहीं है।

3. निम्नलिखित में से कौन-सी फसल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन से आच्छादित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2010]

Correct Answer: (d) मोटे अनाज
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (d) सही उत्तर था। जबकि वर्तमान में विकल्पगत सभी फसलें इसमें शामिल हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM : प्रारंभ वर्ष 2007-08 रबी सीजन से) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2011-12 तक (11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक) गेहूं, चावल और दलहन का क्रमशः 10, 8 और 2 मिलियन टन अतिरिक्त उत्पादन (कुल 20 मिलियन टन खाद्यान्न का अतिरिक्त उत्पादन) प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया था। वर्तमान स्थिति आच्छादित फसलें - चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज व वाणिज्यिक फसलें। 12वीं योजना के अंत तक 10 मिलियन टन चावल, 8 मिलियन टन गेहूं, 4 मिलियन टन दलहन और 3 मिलियन टन मोटे अनाज समेत कुल 25 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य था। पूर्व अनुभवों तथा प्रदर्शन के आधार पर इस योजना को आगे के वर्षों में भी जारी रखने का निर्णय लेते हुए वर्ष 2019-20 तक 13 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन (चावल 5 मिलियन टन, गेहूं 3 मिलियन टन, दाल 3 मिलियन टन तथा मोटे अनाज 2 मिलियन टन) का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

4. भारत में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन कब से प्रभावी हुआ? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (a) 2007-08 की रबी फसल से
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (d) सही उत्तर था। जबकि वर्तमान में विकल्पगत सभी फसलें इसमें शामिल हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM : प्रारंभ वर्ष 2007-08 रबी सीजन से) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2011-12 तक (11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक) गेहूं, चावल और दलहन का क्रमशः 10, 8 और 2 मिलियन टन अतिरिक्त उत्पादन (कुल 20 मिलियन टन खाद्यान्न का अतिरिक्त उत्पादन) प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया था। वर्तमान स्थिति आच्छादित फसलें - चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज व वाणिज्यिक फसलें। 12वीं योजना के अंत तक 10 मिलियन टन चावल, 8 मिलियन टन गेहूं, 4 मिलियन टन दलहन और 3 मिलियन टन मोटे अनाज समेत कुल 25 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य था। पूर्व अनुभवों तथा प्रदर्शन के आधार पर इस योजना को आगे के वर्षों में भी जारी रखने का निर्णय लेते हुए वर्ष 2019-20 तक 13 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन (चावल 5 मिलियन टन, गेहूं 3 मिलियन टन, दाल 3 मिलियन टन तथा मोटे अनाज 2 मिलियन टन) का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

5. "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन" की शुरुआत किस/किन, वस्तु/ वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए की गई थी? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) यह सभी
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (d) सही उत्तर था। जबकि वर्तमान में विकल्पगत सभी फसलें इसमें शामिल हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM : प्रारंभ वर्ष 2007-08 रबी सीजन से) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2011-12 तक (11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक) गेहूं, चावल और दलहन का क्रमशः 10, 8 और 2 मिलियन टन अतिरिक्त उत्पादन (कुल 20 मिलियन टन खाद्यान्न का अतिरिक्त उत्पादन) प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया था। वर्तमान स्थिति आच्छादित फसलें - चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज व वाणिज्यिक फसलें। 12वीं योजना के अंत तक 10 मिलियन टन चावल, 8 मिलियन टन गेहूं, 4 मिलियन टन दलहन और 3 मिलियन टन मोटे अनाज समेत कुल 25 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य था। पूर्व अनुभवों तथा प्रदर्शन के आधार पर इस योजना को आगे के वर्षों में भी जारी रखने का निर्णय लेते हुए वर्ष 2019-20 तक 13 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन (चावल 5 मिलियन टन, गेहूं 3 मिलियन टन, दाल 3 मिलियन टन तथा मोटे अनाज 2 मिलियन टन) का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

6. निम्नलिखित में से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत कौन-सी फसलें सम्मिलित हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (d) गेहूं, चावल व दालें
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (d) सही उत्तर था। जबकि वर्तमान में विकल्पगत सभी फसलें इसमें शामिल हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM : प्रारंभ वर्ष 2007-08 रबी सीजन से) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2011-12 तक (11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक) गेहूं, चावल और दलहन का क्रमशः 10, 8 और 2 मिलियन टन अतिरिक्त उत्पादन (कुल 20 मिलियन टन खाद्यान्न का अतिरिक्त उत्पादन) प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया था। वर्तमान स्थिति आच्छादित फसलें - चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज व वाणिज्यिक फसलें। 12वीं योजना के अंत तक 10 मिलियन टन चावल, 8 मिलियन टन गेहूं, 4 मिलियन टन दलहन और 3 मिलियन टन मोटे अनाज समेत कुल 25 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य था। पूर्व अनुभवों तथा प्रदर्शन के आधार पर इस योजना को आगे के वर्षों में भी जारी रखने का निर्णय लेते हुए वर्ष 2019-20 तक 13 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन (चावल 5 मिलियन टन, गेहूं 3 मिलियन टन, दाल 3 मिलियन टन तथा मोटे अनाज 2 मिलियन टन) का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

7. निम्नलिखित फसलों में से कौन एक फसल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) में सम्मिलित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (d) मोटा अनाज
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (d) सही उत्तर था। जबकि वर्तमान में विकल्पगत सभी फसलें इसमें शामिल हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM : प्रारंभ वर्ष 2007-08 रबी सीजन से) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2011-12 तक (11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक) गेहूं, चावल और दलहन का क्रमशः 10, 8 और 2 मिलियन टन अतिरिक्त उत्पादन (कुल 20 मिलियन टन खाद्यान्न का अतिरिक्त उत्पादन) प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया था। वर्तमान स्थिति आच्छादित फसलें - चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज व वाणिज्यिक फसलें। 12वीं योजना के अंत तक 10 मिलियन टन चावल, 8 मिलियन टन गेहूं, 4 मिलियन टन दलहन और 3 मिलियन टन मोटे अनाज समेत कुल 25 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य था। पूर्व अनुभवों तथा प्रदर्शन के आधार पर इस योजना को आगे के वर्षों में भी जारी रखने का निर्णय लेते हुए वर्ष 2019-20 तक 13 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन (चावल 5 मिलियन टन, गेहूं 3 मिलियन टन, दाल 3 मिलियन टन तथा मोटे अनाज 2 मिलियन टन) का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

8. निम्न में से कौन राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा मिशन में सम्मिलित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015 56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015 U.P.P.C.S. (Pre) 2010 U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (b) तिलहन
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (b) सही उत्तर था। जबकि वर्तमान में विकल्पगत सभी फसलें इसमें शामिल हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM : प्रारंभ वर्ष 2007-08 रबी सीजन से) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2011-12 तक (11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक) गेहूं, चावल और दलहन का क्रमशः 10, 8 और 2 मिलियन टन अतिरिक्त उत्पादन (कुल 20 मिलियन टन खाद्यान्न का अतिरिक्त उत्पादन) प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया था। वर्तमान स्थिति आच्छादित फसलें - चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज व वाणिज्यिक फसलें। 12वीं योजना के अंत तक 10 मिलियन टन चावल, 8 मिलियन टन गेहूं, 4 मिलियन टन दलहन और 3 मिलियन टन मोटे अनाज समेत कुल 25 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य था। पूर्व अनुभवों तथा प्रदर्शन के आधार पर इस योजना को आगे के वर्षों में भी जारी रखने का निर्णय लेते हुए वर्ष 2019-20 तक 13 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन (चावल 5 मिलियन टन, गेहूं 3 मिलियन टन, दाल 3 मिलियन टन तथा मोटे अनाज 2 मिलियन टन) का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

9. सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वितरित अनाज पर कीमत बढ़ाने का उद्देश्य है- [U.P.P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (c) इस योजना में निहित उपादान का भार कम हो सके।
Solution:सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System: PDS) के माध्यम से सरकार गरीब परिवारों को उचित मूल्य पर खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। PDS से जारी खाद्यान्नों पर सरकार सब्सिडी प्रदान करती है। PDS द्वारा जारी खाद्यान्नों की कीमतें बाजार कीमतों की अपेक्षा कम होती हैं। अतः यदि सरकार PDS से वितरित अनाजों की कीमत में वृद्धि करती है, तो इसका सीधा प्रभाव यह होगा कि PDS पर दी जाने वाली सब्सिडी (उपादान) का भार कम होगा।

10. ऑपरेशन फ्लड का निम्न में किससे संबंध है? [U.P.P.C.S. (Pre) 1992* R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (b) दुग्ध आपूर्ति
Solution:श्वेत क्रांति की गति तेज करने के उद्देश्य से ऑपरेशन फ्लड चलाया गया। इसका संबंध 'दुग्ध उत्पादन' से है। इसकी शुरुआत वर्ष 1970 में 'राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड' ने की थी, जिसके सूत्रधार डॉ. वर्गीज कुरियन थे। ऑपरेशन फ्लड के कारण ही भारत विश्व दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। Basic Animal Husbandry Statistics, 2023' के अनुसार, विश्व में दुग्ध उत्पादन में भारत शीर्ष पर है। वर्ष 2022-23 में दुग्ध उत्पादक शीर्ष 5 राज्य निम्न हैं- क्रमशः उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात तथा आंध्र प्रदेश। वर्ष 2022-23 में देश में कुल दुग्ध उत्पादन 230.58 मिलियन टन तथा प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता 459 ग्राम/प्रतिदिन है।