केंद्र-राज्य संबंध

Total Questions: 52

11. भारतीय संविधान में अवशिष्ट शक्तियां किसमें सन्निहित हैं? [U.P.P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (d) संसद
Note:

संविधान के अनुच्छेद 248 (1) के अनुसार, संसद को किसी ऐसे विषय के संबंध में, जो समवर्ती सूची या राज्य सूची में प्रगणित नहीं है, विधि बनाने की अनन्य शक्ति है। जबकि पूर्णतः संघीय व्यवस्था में अवशिष्ट विधायी शक्तियां प्रायः राज्यों को प्रदान की जाती हैं, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय प्रणाली में अवशिष्ट विधायी शक्तियां राज्यों को सौंपी गई हैं।

 

12. भारतीय संविधान ने अवशिष्ट अधिकारों को- [U.P.P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (a) संघीय सरकार को दिया है।
Note:

संविधान के अनुच्छेद 248 (1) के अनुसार, संसद को किसी ऐसे विषय के संबंध में, जो समवर्ती सूची या राज्य सूची में प्रगणित नहीं है, विधि बनाने की अनन्य शक्ति है। जबकि पूर्णतः संघीय व्यवस्था में अवशिष्ट विधायी शक्तियां प्रायः राज्यों को प्रदान की जाती हैं, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय प्रणाली में अवशिष्ट विधायी शक्तियां राज्यों को सौंपी गई हैं।

 

13. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 249 संबंधित है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (d) राज्य सूची के विषयों के संबंध में संसद की विधायी शक्तियों से।
Note:

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 249 राज्य सूची के विषयों के संबंध में संसद की विधायी शक्तियों से संबंधित है। इस अनुच्छेद के खंड (1) के अनुसार, यदि राज्य सभा ने उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों में से कम-से-कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा समर्थित संकल्प से यह घोषित किया है कि राष्ट्रीय हित में यह आवश्यक और समीचीन है कि संसद राज्य सूची के ऐसे विषय (या माल और सेवा कर) के संबंध में, जो उस संकल्प में विनिर्दिष्ट है, विधि बनाए तो संसद उस विषय के संबंध में भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि बना सकती है।

 

14. अनुच्छेद 249 के खंड (1) के अंतर्गत पारित प्रस्ताव निम्नलिखित में से किससे अधिक समय के लिए प्रवृत्त नहीं रहेगा? [U.P.P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) एक वर्ष
Note:

अनुच्छेद 249 के खंड (2) के अनुसार खंड (1) के अंतर्गत पारित प्रस्ताव एक वर्ष से अधिक समय के लिए प्रवृत्त नहीं रहेगा। परंतु यदि और जितनी बार किसी ऐसे संकल्प को बनाए रखने का अनुमोदन करने वाला संकल्प खंड (1) में उपबंधित रीति से पारित हो जाता है तो और उतनी बार ऐसा संकल्प उस तारीख से, जिसको वह इस खंड के अधीन अन्यथा प्रवृत्त नहीं रहता, एक वर्ष की और अवधि तक प्रवृत्त रहेगा।

 

15. राज्य सभा द्वारा संविधान के अनुच्छेद 249 के अंतर्गत पारित संकल्प जिसके द्वारा संसद को राज्य सूची के विषय पर राष्ट्रीय हित में विधि निर्मित करने का अधिकार दिया गया हो, प्रवृत्त रहेगा- [U.P.P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (c) एक वर्ष से अधिक नहीं
Note:

अनुच्छेद 249 के खंड (2) के अनुसार खंड (1) के अंतर्गत पारित प्रस्ताव एक वर्ष से अधिक समय के लिए प्रवृत्त नहीं रहेगा। परंतु यदि और जितनी बार किसी ऐसे संकल्प को बनाए रखने का अनुमोदन करने वाला संकल्प खंड (1) में उपबंधित रीति से पारित हो जाता है तो और उतनी बार ऐसा संकल्प उस तारीख से, जिसको वह इस खंड के अधीन अन्यथा प्रवृत्त नहीं रहता, एक वर्ष की और अवधि तक प्रवृत्त रहेगा।

 

16. निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के अनुसार भारतीय संविधान अंतरराज्यीय परिषद के संबंध में प्रावधान करता है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]

Correct Answer: (b) अनुच्छेद 263 के अनुसार
Note:

अनुच्छेद 263 केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति को एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना करने की शक्ति प्रदान करता है, यदि उसे यह प्रतीत हो कि उसकी स्थापना से लोक हितों की सिद्धि होगी। इनकी स्थापना राज्यों के बीच विवादों की जांच करने और उन पर सलाह देने, कुछ या सभी राज्यों के अथवा संघ और एक या अधिक राज्यों के सामान्य हित से संबंधित विषयों के अन्वेषण और उन पर विचार करने, या ऐसे किसी विषय पर सिफारिश करने और विशेष रूप से उस विषय के संबंध में नीति और कार्यवाही के अधिक अच्छे समन्वय के लिए सिफारिश करने के लिए, राष्ट्रपति के आदेश द्वारा की जाती है। अतः अंतरराज्यीय परिषदों का निर्माण स्रोत संवैधानिक है। संविधान में उल्लिखित प्रावधानों के तहत इसकी स्थापना होती है।

 

17. एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना की जा सकती है [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (b) राष्ट्रपति द्वारा
Note:

अनुच्छेद 263 केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति को एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना करने की शक्ति प्रदान करता है, यदि उसे यह प्रतीत हो कि उसकी स्थापना से लोक हितों की सिद्धि होगी। इनकी स्थापना राज्यों के बीच विवादों की जांच करने और उन पर सलाह देने, कुछ या सभी राज्यों के अथवा संघ और एक या अधिक राज्यों के सामान्य हित से संबंधित विषयों के अन्वेषण और उन पर विचार करने, या ऐसे किसी विषय पर सिफारिश करने और विशेष रूप से उस विषय के संबंध में नीति और कार्यवाही के अधिक अच्छे समन्वय के लिए सिफारिश करने के लिए, राष्ट्रपति के आदेश द्वारा की जाती है। अतः अंतरराज्यीय परिषदों का निर्माण स्रोत संवैधानिक है। संविधान में उल्लिखित प्रावधानों के तहत इसकी स्थापना होती है।

 

18. अंतरराज्यीय परिषदों का निर्माण स्रोत है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (a) संवैधानिक
Note:

अनुच्छेद 263 केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति को एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना करने की शक्ति प्रदान करता है, यदि उसे यह प्रतीत हो कि उसकी स्थापना से लोक हितों की सिद्धि होगी। इनकी स्थापना राज्यों के बीच विवादों की जांच करने और उन पर सलाह देने, कुछ या सभी राज्यों के अथवा संघ और एक या अधिक राज्यों के सामान्य हित से संबंधित विषयों के अन्वेषण और उन पर विचार करने, या ऐसे किसी विषय पर सिफारिश करने और विशेष रूप से उस विषय के संबंध में नीति और कार्यवाही के अधिक अच्छे समन्वय के लिए सिफारिश करने के लिए, राष्ट्रपति के आदेश द्वारा की जाती है। अतः अंतरराज्यीय परिषदों का निर्माण स्रोत संवैधानिक है। संविधान में उल्लिखित प्रावधानों के तहत इसकी स्थापना होती है।

 

19. निम्नलिखित में से कौन अंतरराज्यीय परिषद गठन करने के लिए अधिकृत है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (b) राष्ट्रपति
Note:

अनुच्छेद 263 केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति को एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना करने की शक्ति प्रदान करता है, यदि उसे यह प्रतीत हो कि उसकी स्थापना से लोक हितों की सिद्धि होगी। इनकी स्थापना राज्यों के बीच विवादों की जांच करने और उन पर सलाह देने, कुछ या सभी राज्यों के अथवा संघ और एक या अधिक राज्यों के सामान्य हित से संबंधित विषयों के अन्वेषण और उन पर विचार करने, या ऐसे किसी विषय पर सिफारिश करने और विशेष रूप से उस विषय के संबंध में नीति और कार्यवाही के अधिक अच्छे समन्वय के लिए सिफारिश करने के लिए, राष्ट्रपति के आदेश द्वारा की जाती है। अतः अंतरराज्यीय परिषदों का निर्माण स्रोत संवैधानिक है। संविधान में उल्लिखित प्रावधानों के तहत इसकी स्थापना होती है।

 

20. भारत में राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित संस्थाओं में कौन-सी संविधानेत्तर और विधित्तर संस्था/संस्थाएं हैं? [I.A.S. (Pre) 1995]

1. राष्ट्रीय विकास परिषद

2. राज्यपाल सम्मेलन

3. आंचलिक परिषदें

4. अंतरराज्यीय परिषद

नीचे दिए हुए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

 

Correct Answer: (a) 1 और 2
Note:

अंतरराज्यीय परिषद का उल्लेख संविधान के अनु. 263 में किया गया है अतः यह एक संवैधानिक संस्था है। आंचलिक या क्षेत्रीय परिषदें संसद के अधिनियम के प्रावधानों के तहत गठित की गई हैं, अतः ये विधिक संस्थाएं हैं, जबकि राष्ट्रीय विकास परिषद एवं राज्यपाल सम्मेलन संविधानेत्तर और विधित्तर संस्थाएं हैं।