Correct Answer: (b) दूसरे गोलमेज सम्मेलन
Solution:गांधीजी ने फरवरी, 1931 में वायसराय लॉर्ड इर्विन से भेंट की और जिसके परिणामस्वरूप 5 मार्च, 1931 को एक समझौता हुआ, जिसे 'गांधी-इर्विन समझौता' के नाम से जाना गया। इस समझौते के तहत कांग्रेस को सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करना पड़ा। कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गई। वस्तुतः प्रथम गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी। यह समझौता मुख्य रूप से गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सहज करने के लिए हुआ था