गांधी-इर्विन समझौता (UPPCS)

Total Questions: 11

1. 1. गांधी-इर्विन समझौता हुआ मुख्य रूप से - [U.P. Lower Sub.(Pre) 1998]

Correct Answer: (a) गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सहज करने के लिए
Solution:गांधी जी ने फरवरी, 1931 में वायसराय लॉर्ड इर्विन से भेंट की और उनकी बातचीत पंद्रह दिनों (आठ बार वार्ता) तक चली, जिसके परिणामस्वरूप 5 मार्च, 1931 को एक समझौता हुआ, जिसे गांधी-इर्विन समझौते के नाम से जाना गया। इस समझौते के तहत कांग्रेस को सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करना पड़ा। कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गई। वस्तुतः प्रथम गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी। यह समझौता मुख्य रूप से गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सहज करने के लिए हुआ था।

2. प्रसिद्ध 'गांधी-इर्विन समझौता' किस वर्ष हुआ था? [67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam), 2021]

Correct Answer: (c) वर्ष 1931
Solution:गांधी जी ने फरवरी, 1931 में वायसराय लॉर्ड इर्विन से भेंट की और उनकी बातचीत पंद्रह दिनों (आठ बार वार्ता) तक चली, जिसके परिणामस्वरूप 5 मार्च, 1931 को एक समझौता हुआ, जिसे गांधी-इर्विन समझौते के नाम से जाना गया। इस समझौते के तहत कांग्रेस को सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करना पड़ा। कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गई। वस्तुतः प्रथम गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी। यह समझौता मुख्य रूप से गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस की भागीदारी सहज करने के लिए हुआ था।

3. गांधी-इर्विन समझौते में निम्नलिखित में से क्या सम्मिलित था/थे? [I.A.S. (Pre) 2020]

1. राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए कांग्रेस को आमंत्रित करना।

2. असहयोग आंदोलन के संबंध में जारी किए गए अध्यादेशों को वापस लेना

3. पुलिस की ज्यादतियों की जांच करने हेतु गांधीजी के सुझाव की स्वीकृति

4. केवल उन्हीं कैदियों की रिहाई जिन पर हिंसा का अभियोग नहीं था

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

 

Correct Answer: (b) केवल 1, 2 और 4
Solution:गांधी-इर्विन समझौता जिसे 'दिल्ली समझौता' के नाम से जानते हैं, 5 मार्च, 1931 को दिल्ली में संपन्न हुआ। इसके तहत निम्नलिखित प्रावधान थे-

1. गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए कांग्रेस को आमंत्रित करना;

2. असहयोग आंदोलन (सविनय अवज्ञा आंदोलन) के संबंध में जारी किए गए अध्यादेशों को वापस लेना;

3. जिन राजनीतिक बंदियों पर हिंसा के आरोप थे, उन्हें छोड़कर बाकी को रिहा करना।

जबकि पुलिस की ज्यादतियों की जांच करने हेतु गांधीजी के सुझाव पर स्वीकृति को इसमें शामिल नहीं किया गया था। इस प्रकार इसका अभीष्ट उत्तर विकल्प (b) होगा।

4. गांधी-इर्विन समझौते पर हस्ताक्षर हुए- [44th B.P.S.C. (Pre) 2000]

Correct Answer: (a) 1931 में
Solution:गांधी-इर्विन समझौता 5 मार्च, 1931 को संपन्न हुआ, इस समझौते के अनुसार-

(i) गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करने के लिए तैयार हो गई।

(ii) सभी युद्ध बंदियों, जिनके विरुद्ध हिंसा का आरोप नहीं था, को रिहा करने का आदेश।

(iii) विदेशी कपड़ों और शराब की दुकानों पर शांतिपूर्ण धरना देने का अधिकार।

(iv) समुद्र तटीय प्रदेशों में बिना नमक कर दिए नमक बनाने की अनुमति ।

(v) कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गई। परंतु इस समझौते ने जनता को निराश किया क्योंकि भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को फांसी न दिए जाने की जनता की मांग को इसमें सम्मिलित नहीं किया गया था।

5. गांधी-इर्विन समझौता हुआ था- [53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]

Correct Answer: (b) 1931 में
Solution:गांधी-इर्विन समझौता 5 मार्च, 1931 को संपन्न हुआ, इस समझौते के अनुसार-

(i) गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करने के लिए तैयार हो गई।

(ii) सभी युद्ध बंदियों, जिनके विरुद्ध हिंसा का आरोप नहीं था, को रिहा करने का आदेश।

(iii) विदेशी कपड़ों और शराब की दुकानों पर शांतिपूर्ण धरना देने का अधिकार।

(iv) समुद्र तटीय प्रदेशों में बिना नमक कर दिए नमक बनाने की अनुमति ।

(v) कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गई। परंतु इस समझौते ने जनता को निराश किया क्योंकि भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को फांसी न दिए जाने की जनता की मांग को इसमें सम्मिलित नहीं किया गया था।

6. 5 मार्च, 1931 को निम्न में से कौन समझौता हुआ? [46th B.P.S.C. (Pre) 2004]

Correct Answer: (c) इर्विन-गांधी समझौता
Solution:गांधी-इर्विन समझौता 5 मार्च, 1931 को संपन्न हुआ, इस समझौते के अनुसार-

(i) गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करने के लिए तैयार हो गई।

(ii) सभी युद्ध बंदियों, जिनके विरुद्ध हिंसा का आरोप नहीं था, को रिहा करने का आदेश।

(iii) विदेशी कपड़ों और शराब की दुकानों पर शांतिपूर्ण धरना देने का अधिकार।

(iv) समुद्र तटीय प्रदेशों में बिना नमक कर दिए नमक बनाने की अनुमति ।

(v) कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गई। परंतु इस समझौते ने जनता को निराश किया क्योंकि भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को फांसी न दिए जाने की जनता की मांग को इसमें सम्मिलित नहीं किया गया था।

7. निम्नलिखित में से किसका स्थगन गांधी-इर्विन समझौते में किया जाना प्रस्तावित था? [U.P. P.C.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (d) सविनय अवज्ञा आंदोलन
Solution:गांधी-इर्विन समझौता 5 मार्च, 1931 को संपन्न हुआ, इस समझौते के अनुसार-

(i) गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करने के लिए तैयार हो गई।

(ii) सभी युद्ध बंदियों, जिनके विरुद्ध हिंसा का आरोप नहीं था, को रिहा करने का आदेश।

(iii) विदेशी कपड़ों और शराब की दुकानों पर शांतिपूर्ण धरना देने का अधिकार।

(iv) समुद्र तटीय प्रदेशों में बिना नमक कर दिए नमक बनाने की अनुमति ।

(v) कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हो गई। परंतु इस समझौते ने जनता को निराश किया क्योंकि भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को फांसी न दिए जाने की जनता की मांग को इसमें सम्मिलित नहीं किया गया था।

8. गांधी-इर्विन समझौते के हस्ताक्षरित होने में किसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ? [47th B.P.S.C. (Pre) 2005]

Correct Answer: (c) तेज बहादुर सप्रू
Solution:सविनय अवज्ञा आंदोलन के विस्तारित होते स्वरूप को देखते हुए वायसराय इर्विन ने देश में सौहार्द्र का वातावरण उत्पन्न करने के उद्देश्य से 26 जनवरी, 1931 को गांधीजी को जेल से रिहा कर दिया। तेज बहादुर सप्रू तथा एम.आर. जयकर के प्रयत्नों से गांधी एवं इर्विन के मध्य फरवरी, 1931 में दिल्ली में वार्ता आरंभ हुई। 5 मार्च, 1931 को दोनों के मध्य एक समझौता हुआ, जो गांधी-इर्विन समझौते के नाम से जाना जाता है। इस समझौते के परिप्रेक्ष्य में सरोजिनी नायडू ने गांधी और इर्विन को 'दो महात्मा' (The Two Mahatmas) की संज्ञा दी थी।

9. गांधी-इर्विन समझौते में किसने मध्यस्थ की भूमिका अदा की? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) तेज बहादुर सप्रू
Solution:सविनय अवज्ञा आंदोलन के विस्तारित होते स्वरूप को देखते हुए वायसराय इर्विन ने देश में सौहार्द्र का वातावरण उत्पन्न करने के उद्देश्य से 26 जनवरी, 1931 को गांधीजी को जेल से रिहा कर दिया। तेज बहादुर सप्रू तथा एम.आर. जयकर के प्रयत्नों से गांधी एवं इर्विन के मध्य फरवरी, 1931 में दिल्ली में वार्ता आरंभ हुई। 5 मार्च, 1931 को दोनों के मध्य एक समझौता हुआ, जो गांधी-इर्विन समझौते के नाम से जाना जाता है। इस समझौते के परिप्रेक्ष्य में सरोजिनी नायडू ने गांधी और इर्विन को 'दो महात्मा' (The Two Mahatmas) की संज्ञा दी थी।

10. निम्नलिखित व्यक्तियों में किसने इर्विन तथा गांधी को 'दो महात्मा' कहा था? [U.P. P.C.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) सरोजिनी नायडू
Solution:सविनय अवज्ञा आंदोलन के विस्तारित होते स्वरूप को देखते हुए वायसराय इर्विन ने देश में सौहार्द्र का वातावरण उत्पन्न करने के उद्देश्य से 26 जनवरी, 1931 को गांधीजी को जेल से रिहा कर दिया। तेज बहादुर सप्रू तथा एम.आर. जयकर के प्रयत्नों से गांधी एवं इर्विन के मध्य फरवरी, 1931 में दिल्ली में वार्ता आरंभ हुई। 5 मार्च, 1931 को दोनों के मध्य एक समझौता हुआ, जो गांधी-इर्विन समझौते के नाम से जाना जाता है। इस समझौते के परिप्रेक्ष्य में सरोजिनी नायडू ने गांधी और इर्विन को 'दो महात्मा' (The Two Mahatmas) की संज्ञा दी थी।