गुप्त एवं गुप्तोत्तर युग (UPPCS) (Part-3)

Total Questions: 50

1. न्याय दर्शन के प्रवर्तक थे- [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

Correct Answer: (a) गौतम
Solution:
Darshan (Philosophy)Founder
न्याय (Nyaya)गौतम (Gautama)
सांख्य (Sankhya)कपिल (Kapila)
वैशेषिक (Vaisheshika)कणाद (Kanad)
पूर्व मीमांसा (Purva Mimamsa)जैमिनी (Jaimini)

2. मीमांसा के प्रणेता थे- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]

Correct Answer: (d) जैमिनी
Solution:
Darshan (Philosophy)Founder
न्याय (Nyaya)गौतम (Gautama)
सांख्य (Sankhya)कपिल (Kapila)
वैशेषिक (Vaisheshika)कणाद (Kanad)
पूर्व मीमांसा (Purva Mimamsa)जैमिनी (Jaimini)

3. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूची के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- [U.P.B.E.O. (Pre) 2019]

सूची-I (Darshan)सूची-II (मोक्ष प्राप्त करने के तरीके)
A. न्याय दर्शन1. वास्तविक ज्ञान का अभिग्रहण
B. मीमांसा दर्शन2. आत्मज्ञान
C. सांख्य दर्शन3. वैदिक अनुष्ठान करना
D. वेदांत दर्शन4. तार्किक चिंतन
ABCD
(a)2413
(b)4312
(c)1423
(d)3412

 

Correct Answer: (b)
Solution:सही सुमेलन इस प्रकार है-
सूची-I (Darshan)सूची-II (मोक्ष प्राप्त करने के तरीके)
न्याय दर्शनतार्किक चिंतन
मीमांसा दर्शनवैदिक अनुष्ठान करना
सांख्य दर्शनवास्तविक ज्ञान का अभिग्रहण
वेदांत दर्शनआत्मज्ञान

षड्दर्शन एवं उनके प्रवर्तक निम्नलिखित हैं-

दर्शनप्रवर्तक
न्याय दर्शन1. गौतम
पूर्व मीमांसा दर्शन2. जैमिनी
सांख्य दर्शन3. कपिल मुनि
वेदांत दर्शन/उत्तर मीमांसा4. बादरायण
वैशेषिक दर्शन5. उलूक कणाद मुनि
योग दर्शन6. पतंजलि

4. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म (दर्शन-प्रचारक) सही सुमेलित है? [U.P. P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (b) न्याय - गौतम
Solution:प्रश्नगत दर्शन-प्रचारक का सही सुमेलन निम्न है-
दर्शनप्रवर्तक
वैशेषिककणाद
न्यायगौतम
पूर्व मीमांसाजैमिनी
वेदांत दर्शन/उत्तर मीमांसाबादरायण

5. कर्म का सिद्धांत संबंधित है- [U.P.P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) मीमांसा से
Solution:कर्म का सिद्धांत मीमांसा दर्शन से संबंधित है। इसे पूर्व मीमांसा, कर्म मीमांसा या धर्म मीमांसा भी कहते हैं। मीमांसा के प्रखर आचार्य कुमारिल भट्ट को, जिनकी गणना भारतीय दर्शन के मूर्धन्य आचार्यों में की जाती है और जिन्होंने अपने प्रमुख तर्कों से बौद्ध धर्म तथा दर्शन का खंडन करके वैदिक धर्म तथा दर्शन की पुनः प्रतिष्ठा की, पूर्व मीमांसा और वेदांत के बीच की श्रृंखला माना जा सकता है।

6. निम्न में से किस दर्शन का मत है कि वेद शाश्वत सत्य हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (c) मीमांसा
Solution:मीमांसा दर्शन वेद को शाश्वत सत्य मानता है। पूर्व मीमांसा दर्शन में वेद के कर्मकांड भाग पर विचार किया गया है और उत्तर मीमांसा में वेद के ज्ञानकांड भाग पर विचार किया गया है।

7. अपूर्व का सिद्धांत संबंधित है- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (d) मीमांसा से
Solution:अपूर्व का सिद्धांत मीमांसा दर्शन से संबंधित है। मीमांसा दर्शन में एक अदृश्य शक्ति की कल्पना की गई है, जो कर्म तथा उसके परिणाम के बीच एक अलौकिक कड़ी है। वह इसे 'अपूर्व' कहता है। अपूर्व का शाब्दिक अर्थ है 'कोई नई वस्तु, जो पहले नहीं जानी गई अथवा वह जो पहले नहीं था।

8. निम्न में से किस भारतीय दर्शन ने परमाणु सिद्धांत का प्रतिपादन किया ? [66th B.P.S.C. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) वैशेषिक
Solution:वैशेषिक दर्शन के अनुसार, सृष्टि का निर्माण अणु से हुआ है। महर्षि कणाद इस दर्शन के प्रवर्तक हैं।

9. निम्न में से किसे भारतीय परमाणुवाद का जनक कहा जाता है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (c) महर्षि कणाद
Solution:भारतीय परमाणुवाद का जनक महर्षि कणाद को माना जाता है। इनके द्वारा प्रतिपादित दर्शन वैशेषिक दर्शन कहलाता है। महर्षि कणाद द्वारा वैशेषिक सूत्र नामक ग्रंथ की भी रचना की गई। पदार्थ धर्म संग्रह के लेखक प्रशस्तपाद इस दर्शन से संबंधित अन्य प्रमुख दार्शनिक थे।

10. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक भारतीय षड्दर्शन का भाग नहीं है? [I.A.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) लोकायत और कापालिक
Solution:'मीमांसा और वेदांत', 'न्याय और वैशेषिक' तथा 'सांख्य और योग' भारतीय षड्दर्शन के भाग हैं। वेदों को मान्यता देने के कारण ही सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, पूर्व मीमांसा और वेदांत षड्दर्शन 'आस्तिक दर्शन' कहे जाते हैं। इनके प्रणेता क्रमशः कपिल, पतंजलि, गौतम, कणाद, जैमिनी तथा बादरायण थे, जबकि चार्वाक दर्शन को ही लोकायत दर्शन भी कहा जाता है तथा कापालिक शैव धर्म का एक सम्प्रदाय है। अतः विकल्प (c) सत्य है।