जनजातियां एवं उनकी गतिविधियां : (छत्तीसगढ़)

Total Questions: 49

21. सूची-1 में दिए आभूषणों को सूची-II के मदों से सुमेलित कीजिए। कूट का प्रयोग करें। [Chhattisgarh. P.C.S. (Pre), 2023]

सूची-Iसूची-II
(A) सूटिया(i) कलाई
(B) खोंचनी(ii) बाल
(C) ऐंठी(iii) कान
(D) लुरकी(iv) गला

 

(A)(B)(C)(D)
(a)(iv)(ii)(i)(iii)
(b)(iv)(i)(ii)(iii)
(c)(iv)(iii)(ii)(i)
(d)(iv)(i)(iii)(ii)

Correct Answer: (a)
Solution:सुमेलित है-
सूची-Iसूची-II
(A) सूटिया(i) गला
(B) खोंचनी(ii) बाल
(C) ऐंठी(iii) कलाई
(D) लुरकी(iv) कान

22. 'गहिरा गुरु' किस जनजाति के थे? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2019]

Correct Answer: (c) कंवर
Solution:रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकास खंड के ग्राम गहिरा में वर्ष 1905 में जन्मे रामेश्वर कंवर, 'गहिरा गुरु' के नाम से प्रसिद्ध हुए। गहिरा गुरु द्वारा गांव में स्थापित 'धान मेला' से ग्रामीणों को आवश्यकता पड़ने पर पैसा, अन्न तथा बीज मिलने लगा। उन्होंने गहिरा ग्राम, सामरबार, कैलाश गुफा तथा श्रीकोट को एक तीर्थ के रूप में विकसित करने का प्रयास किया। 92 वर्ष की आयु में 21 नवंबर, 1996 को इनका निधन हो गया।

23. निम्न कथनों को पढ़कर सही विकल्प चुनिए - [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2021]

(i) राजमाता फुलवा देवी कांगे का संबंध प्रसिद्ध आदिवासी व्यक्तित्व कंगला मांझी से है।

(ii) संत गहिरा गुरु का वास्तविक नाम महेश्वर था।

Correct Answer: (c) केवल (i) सत्य है
Solution:हीरा सिंह देव कांगे उर्फ कंगला मांझी छत्तीसगढ़ के कांकेर क्षेत्र के एक गोंड आदिवासी थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस से प्रेरित होकर उन्होंने बस्तर क्षेत्र में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एक समानांतर सरकार की स्थापना की। कंगला मांझी ने वर्ष 1951 में 'मांझी अंतरराष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था' की स्थापना की। राजमाता फुलवा देवी कांगे का संबंध कंगला मांझी की दूसरी पत्नी के रूप में है। संत गहिरा गुरु छत्तीसगढ़ के एक संत और समाज सुधारक थे, जिन्होंने सरगुजा क्षेत्र के वनवासियों के बीच काम किया। उनका वास्तविक नाम रामेश्वर राम था। उत्तरी छत्तीसगढ़ में वे सामाजिक चेतना के प्रणेता थे। उन्होंने वर्ष 1943 में सनातन धर्म संत समाज का गठन किया था।

24. सरहुल त्योहार कौन-सी जनजाति मनाते हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (a) उरांव
Solution:सरहुल त्योहार, झारखंड क्षेत्र के उरांव, मुंडा और हो जनजातियों द्वारा मनाया जाता है, यह प्रत्येक वर्ष हिंदू कैलेंडर के प्रथम माह 'चैत्र' में मनाया जाता है। सरहुल से तात्पर्य वृक्षों की पूजा से है। यह जनजातियों की प्रकृति से समीपता को प्रकट करता है।

25. छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, 2022 में प्रस्तुत नृत्य एवं संबंधित राज्यों को सुमेलित कीजिए- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2022]

नृत्यराज्य
(A) चिराग(i) उत्तराखंड
(B) हारून(ii) लक्षद्वीप
(C) ढोलू कुनिया(iii) मिजोरम
(D) लावा(iv) कर्नाटक

कूट:

(A)(B)(C)(D)
(a)(ii)(iv)(i)(iii)
(b)(i)(ii)(iv)(iii)
(c)(iii)(i)(iv)(ii)
(d)(iv)(ii)(i)(iii)

Correct Answer: (c)
Solution:छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, 2022 में मिजोरम के कलाकारों ने चिराग नृत्य, लक्षद्वीप के जनजातीय कलाकारों ने अपने प्रसिद्ध नृत्य लावा, कर्नाटक के कालाकारों ने ढोलू कुनिया नृत्य तथा उत्तराखंड के कलाकारों ने हारुन नृत्य का प्रदर्शन किया।

26. छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, 2022 में शामिल देशों के बारे में सही कथन कौन-कौन से हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2022]

(i) इसमें दस देशों के कलाकारों ने भाग लिया

(ii) टोगो, मोजाम्बिक, मंगोलिया, रवांडा, सर्विया

(iii) इंडोनेशिया, मालदीव, न्यूजीलैंड, रशिया, इजिप्ट

(iv) बुरुंडी, युगांडा, सेनेगल, इथियोपिया

Correct Answer: (d) केवल (ii), (iii)
Solution:छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, 2022 का आयोजन 1-3 नवंबर, 2022 के मध्य किया गया। इसमें भारत के अलावा अन्य देश टोगो, मोजाम्बिक, मंगोलिया, सर्बिया, इंडोनेशिया, मालद्वीव, इजिप्ट, न्यूजीलैंड, रवांडा और रशिया शामिल थे।

27. छत्तीसगढ़ में पहली बार 'राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव' का आयोजन कब किया गया? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (c) 27 से 29 दिसंबर, 2019
Solution:राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (छत्तीसगढ़ आदिवासी नृत्य महोत्सव 2019) 27 से 29 दिसंबर, 2019 तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित किया गया था। छत्तीसगढ़ 'राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव' का विषय 'देश आदिवासी ताल पर नाचेगा' था। वर्ष 2021, 2022 एवं 2023 में भी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा चुका है।

28. गोदना गोदने वाली अनुसूचित जनजाति कौन है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2019]

Correct Answer: (a) ओझा
Solution:छत्तीसगढ़ में कई जनजातियों में गोदना गोदने वाली महिलाएं होती हैं, जो गोदने की कला में निपुण हैं। जो जनजातियां इस कला में सबसे ज्यादा निपुण हैं, वे हैं-वादी, देवार, माट, ओझा। गोंड जनजाति गोदना को काला कुत्ता जैसे मानते हैं। काला कुत्ते को समाज बहुत अशुभ मानता है और उसे कोई चुराता नहीं। उसी तरह जिसके शरीर में गोदना का चिह्न है, उसे कोई नहीं चुराएगा। बैगा जनजाति संसार में सबसे अधिक गोदना प्रिय है। बैगा स्त्रियां गोदना को स्वर्गिक अलंकरण मानती हैं। बैगा स्त्रियों की मान्यता है कि स्वर्ग में यही गोदना बैगाओं की पहचान कायम रखते हैं। यदि कोई नारी यहां गोदना नहीं गोदवाती है, तो भगवान के सामने उसे सब्बल से गोदवाना पड़ेगा।

29. किस जनजाति के नाम पर 'नाट' प्रसिद्ध है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2018]

Correct Answer: (b) भतरा
Solution:बस्तर की भतरा जनजाति का 'भतरा नाट' प्रसिद्ध है। भतरा नाट में प्रमुख नाट गुरु होता है। नाट की कथावस्तु पौराणिक होती है। भतरा लोग श्रीराम के छोटे भाई भरत से अपने आपको संबद्ध करते हैं।

30. पाइक' किस जनजाति से संबंधित है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2018]

Correct Answer: (a) कंवर
Solution:रिजले ने कंवर जनजाति को 5 उपजातियों में विभाजित किया है-चेटरी, चरवा, दुध, पाइकर और रौतिया कंवर। दुध कंवर को कंवरों में सबसे अच्छा माना जाता है। 'पाइकर' शब्द की उत्पत्ति 'पाइक' शब्द से हुई है, जिसका अर्थ खाद्य सामग्री आपूर्ति करने वाले से है।