छन्द (Part-2)

Total Questions: 37

1. 'सुनि केवट के बैन, प्रेम लपेटे अटपटे। बिहसे करुनाऐन जानकी लखन तन।।" में कौन-सा छन्द है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (b) सोरठा
Solution:उपर्युक्त काव्य-पंक्तियों में सोरठा छन्द है, जो भक्तिकालीन कवि तुलसीदास द्वारा रचित है।

2. 'सोरठा' के प्रथम चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल परीक्षा 19 जून, 2018 (I-पॉली)]

Correct Answer: (b) 11
Solution:'सोरठा' मात्रिक अर्धसम छन्द है और दोहे का उल्टा होता है। इसके प्रथम एवं तृतीय चरण में 11 मात्राएँ होती हैं तथा द्वितीय एवं चतुर्थ में 13-13 मात्राएँ होती हैं।

3. सोरठा के द्वितीय और चतुर्थ चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल (निरस्त परीक्षा), 2024]

Correct Answer: (b) 13
Solution:सोरठा मात्रिक अर्धसम छन्द है, जो दोहे का उल्टा होता है। इस छन्द के विषम चरणों में 11-11 मात्राएँ और सम चरणों में 13-13 मात्राएँ होती हैं। अर्थात् प्रथम और तीसरे चरण में 11-11 तथा दूसरे और चौथे चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं।

4. शिल्पगत आधार पर दोहे से उल्टा छन्द है- [उ.प्र.पुलिस कांस्टेबिल (निरस्त परीक्षा), 2024]

Correct Answer: (c) सोरठा
Solution:मात्रा या शिल्पगत आधार पर दोहे का ठीक उल्टा छन्द 'सोरठा' है। यह अर्धसम मात्रिक छन्द है। इसके विषम पदों में 11-11 तथा सम पदों में 13-13 मांत्राएँ होती हैं। दोहा भी अर्धसम मात्रिक छन्द है, किन्तु इसके विषम पदों में 13-13 तथा सम पदों में 11-11 मात्राएँ होती हैं।

5. मात्रा की दृष्टि से दोहा के ठीक विपरीत होता है- [P.G.T. परीक्षा, 2011, 2002 T.G.T. पुर्नपरीक्षा, 2004 / T.G.T. परीक्षा, 2001]

Correct Answer: (d) सोरठा
Solution:मात्रा की दृष्टि से दोहा के ठीक विपरीत 'सोरठा' होता है। सोरठा अर्धसम मात्रिक छन्द है। इस छन्द के विषम चरणों में 11 मात्राएँ और सम चरणों में 13 मात्राएँ होती हैं। तुक प्रथम और तृतीय चरणों में होती है।

6. किस अर्धसम मात्रिक छन्द के विषम पदों में 11-11 तथा सम पदों में 13-13 मात्राएँ होती हैं? [G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2017]

Correct Answer: (a) सोरठा
Solution:सोरठा अर्धसम मात्रिक छन्द है इसके विषम पदों में 11-11 तथा सम पदों में 13-13 मात्राएँ होती हैं।

7. निम्न पंक्ति में छन्द है- [UPSSSC सम्मिलित सहा.लेखाकार व लेखा परीक्षक (सा.च.) परीक्षा, 2016]

जानि गौरि अनुकूल, सिय-हिय हरषु न जाइ कहि।

मंजुल मंगल मूल, वाम अंग फरकन लगे।।

Correct Answer: (a) सोरठा
Solution:प्रस्तुत पंक्ति में सोरठा छन्द है। यह दोहे का ठीक उल्टा होता है।

8. "जिहि सुमिरत सिधि होइ, गननायक करिवर बदन । करहु अनुग्रह सोइ, बुद्धि रासि सुभ गुन सदन।।" उपर्युक्त पंक्तियों में छन्द है- [P.G.T. परीक्षा, 2000]

Correct Answer: (b) सोरठा
Solution:प्रस्तुत पंक्तियों में सोरठा छन्द है। सोरठा छन्द के विषम चरणों में 11 मात्राएँ और सम चरणों में 13 मात्राएँ होती हैं।

9. इनमें से किस छन्द में प्रथम व अन्तिम शब्द समान होता है? [दिल्ली केन्द्रीय विद्यालय (P.G.T.) परीक्षा, 2015 UPSSSC चकबन्दी लेखपाल (सा.च) परीक्षा, 2015]

Correct Answer: (b) कुण्डलिया
Solution:'कुण्डलिया' विषम मात्रिक संयुक्त छन्द है। दोहा और रोला छन्दों को मिलाने से यह छन्द बनता है। इसमें 6 चरण होते हैं। इस छन्द में प्रथम दो पंक्तियाँ दोहा की एवं अन्तिम चार पंक्तियाँ रोला की होती हैं। दोहे का अन्तिम चरण अर्थात् चौथा चरण रोले के प्रथम चरण में दुहराया जाता है तथा दोहे के प्रारम्भ का शब्द रोले के अन्त में आता है। प्रत्येक चरण में 24-24 मात्राएँ होती हैं।

10. दोहा और रोला छन्द को क्रम से मिलाने पर कौन-सा छन्द बनता है? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल निरस्त परीक्षा, 2024]

Correct Answer: (b) कुण्डलिया
Solution:दोहा तथा रोला छन्द को मिलाने से 'कुण्डलिया' छन्द बनता है। इस छन्द का आरम्भ जिस शब्द से होता है, अन्त भी उसी शब्द से होता है।