छन्द (Part-2)

Total Questions: 37

21. निम्न में से कौन वर्णिक छन्द है? [T.G.T. परीक्षा, 2013]

Correct Answer: (c) सवैया
Solution:सवैया वर्णिक समवृत्त छन्द है। इसके एक चरण में 22 से लेकर 26 तक अक्षर होते हैं। इसके 14 भेद हैं। यथा-मत्तगयन्द, सुन्दरी, मदिरा, दुर्मिल, सुमुखि, किरीट, गंगोदक, मुक्तहरा, वाम, अरविन्द, मानिनी, महाभुजंगप्रयात, अरसात तथा सुखी आदि।

22. बरवै छन्द है- [P.G.T. परीक्षा-2021 (यू.पी.)]

Correct Answer: (b) अर्धसम मात्रिक
Solution:बरवै अर्धसम मात्रिक छन्द हैं। इस छन्द के विषम चरणों में 12 और सम चरणों में 7 मात्राएँ होती हैं। सम चरणों के अन्त में जगण या तगण आने से इस छन्द में निखार आ जाता है। यह अवधी बोली का प्रमुख छन्द है।

23. जिस छन्द के प्रथम तथा तृतीय चरण में 12-12 मात्राएँ एवं द्वितीय तथा चतुर्थ चरण में 7-7 मात्राएँ होती हैं, साथ ही सम चरणों के अन्त में जगण (151) होता है, वह छन्द है- [T.G.T. परीक्षा, 2005, G.I.T. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2012]

Correct Answer: (b) बरवै
Solution:'बरवै' अर्धसम मात्रिक छन्द है। इस छन्द के विषम चरणों (प्रथम और तृतीय) में 12-12 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय और चतुर्थ) में 7-7 मात्राएँ हैं। सम चरणों के अन्त में जगण या तगण आने से इस छन्द में मिठास बढ़ती है। यति प्रत्येक चरण के अन्त में होती है।

24. अवधी का निजी छन्द है- [T.G.T. पुनर्परीक्षा, 2004]

Correct Answer: (a) बरवै
Solution:अवधी का प्राणप्रिय छन्द 'बरवै' है। बरवै बड़ा सुन्दर छन्द है, किन्तु आधुनिक कविता में इसका प्रयोग बहुत कम हो गया है। यह मात्रिक छन्द है।

25. 'अवधि-शिला का उर पर, था गुरु भार। तिल-तिल काट रही थी, दृग जल धार।। इस उद्धरण में प्रयुक्त छन्द है- [G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2015]

Correct Answer: (c) बरवै
Solution:उपर्युक्त पंक्तियों के प्रथम एवं तृतीय चरण में 12-12 तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरण में 7-7 मात्राएँ हैं। अतः यह 'बरवै' छन्द है।

26. 'सरसी' छन्द में होता है- [P.G.T. परीक्षा, 2000]

Correct Answer: (d) 27 मात्राएँ, 16, 11 पर यति, अन्त में गुरु-लघु
Solution:'सरसी' छन्द के प्रत्येक चरण में 27 मात्राएँ होती हैं। 16 और 11 पर यति होती है और छन्द के अन्त में (सम चरणान्त) गुरु-लघु होता है। पहली 16 मात्राओं की लय चौपाई की तरह तथा शेष 11 मात्राओं की लय दोहे के दूसरे चरण की तरह होती है।

27. अनुष्टुप है- [T.G.T. परीक्षा, 2009]

Correct Answer: (a) एक छन्द
Solution:'अनुष्टुप' एक छन्द है। जिस छन्द में पंचम अक्षर प्रत्येक चरण में लघु हो, परन्तु सप्तम अक्षर केवल दूसरे तथा चौथे चरण में लघु हो, षष्ठम अक्षर प्रत्येक चरण में गुरु हो, उसे पद्य कहते हैं। पद्य को ही श्लोक या अनुष्टुप भी कहते हैं।

28. घनाक्षरी कौन-सा छन्द है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (b) वार्णिक
Solution:'घनाक्षरी' वार्णिक छन्द है तथा यह मुक्तक दण्डक छन्द का एक भेद है। घनाक्षरी को 'मनहरण कवित्त' भी कहते हैं, इसमें 31 वर्ण होते हैं तथा अन्त में गुरु होता है।

29. घनाक्षरी छन्द है- [P.G.T. परीक्षा, 2005]

Correct Answer: (b) वर्णिक
Solution:घनाक्षरी वर्णिक छन्द है। घनाक्षरी में 31 वर्णों का एक चरण होता है और 16-15 वर्णों पर प्रधान यति तथा समस्त चरण में 8,8, 8,7 वर्णों पर साधारण यति होता है। अन्तिम वर्ण गुरु और चारों चरणों में समान तुक आवश्यक है।

30. निम्नलिखित में से कौन-सा छन्द-प्रकार नहीं है? [UPSSSC कनिष्ठ सहायक परीक्षा, 2016]

Correct Answer: (a) दृष्टान्त
Solution:दृष्टान्त छन्द नहीं, बल्कि अलंकार का प्रकार है। शेष छन्द के प्रकार हैं।