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मगध पर शिशुनाग वंश के पश्चात नंद वंश का वर्चस्व स्थापित हुआ। नंद वंश का संस्थापक महापद्मनंद था।
1. नंद वंश
2. हर्यक वंश
3. मौर्यवंश
4. नाग वंश
उत्तर निम्न कूटों में से चुनिए
विकल्पों में दिए गए राजवंशों का क्रम इस प्रकार है-
हर्यक वंश - 544-412 ई.पू.
नागवंश - 412-344 ई.पू.
नंद वंश - 344-321 ई.पू.
मौर्य वंश - 321-184 ई.पू.
आरम्भिक ऐतिहासिक काल का प्रारंभ 600 ई. पू. माना जाता है। 1000 ई. पू. को आरम्भिक लौहकाल माना जाता है।
यमुना नहीं अपितु गंगा और इसकी उपनदियों से आवागमन सस्ता व सुलभ होता था।
प्रारंभ में राजगृह मगध की राजधानी हुआ करती थी। राजगृह का अर्थ है "राजाओं का घर"। पहाड़ियों के बीच बसा राजगृह एक किलेबन्द शहर था। चौथी शताब्दी ई.पू. पाटलिपुत्र मगध की राजधानी बना।
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से युग्म सुमेलित है / हैं?
(A)
(B)
(C)
(D)
(a)
(i)
(ii)
(iii)
(b)
(iv)
(c)
(d)
(1) छठीं शताब्दी ई.पू. में कुल 15 महाजनपदों (राज्य) के अस्तित्व का साक्ष्य प्राप्त होता है।
(2) बौद्ध और जैन दोनों ग्रंथों से महाजनपदों की सूचना मिलती है।
उपर्युक्त में से कौन-सा असत्य है?
छठीं शताब्दी ई.पू. में कुल 16 महाजनपदों का अस्तित्व विद्यमान था। इसकी सूचना बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तरनिकाय और जैनग्रंथ भगवती सूत्र से प्राप्त होती है। यद्यपि दोनों ग्रंथों में महाजनपदों की सूची में एकरूपता नहीं है।
महाजनपद काल में फसलों पर लगाए गए कर सबसे महत्वपूर्ण थे, क्योंकि अधिकांश लोग कृषक ही थे। प्रायः उपज का 1/6वां हिस्सा, कर के रूप में निर्धारित किया जाता था, जिसे 'भाग' कहा जाता था।
(i) गंगा
(ii) सोन
(iii) यमुना
उपयुक्त विकल्प का चुनाव करें -
गंगा और सोन नदी मगध से होकर प्रवाहित होती थीं। ये यातायात, जल- वितरण और जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण थीं।