दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड परीक्षा, 2023 PGT अंग्रेज़ी (पुरुष) 21-06-2023 (Shift – II)

Total Questions: 100

91. उपयुक्त शब्द का चयन करके वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति करें -

'कृषि हमारी अर्थव्यवस्थ ..........।'

Correct Answer: (c) का आधार
Solution:दिये गये वाक्य के रिक्त स्थान पर 'का आधार' शब्द उपयुक्त होगा।

अतः पूर्ण वाक्य होगा- कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है।

92. उपयुक्त शब्द का चयन करके वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति करें-

'महात्मा बुद्ध ने लोगों को अहिंसा का ........दिया।'

Correct Answer: (a) उपदेश
Solution:दिये गये वाक्य के रिक्त स्थान पर 'उपदेश' शब्द उपयुक्त होगा।

अतः पूर्ण वाक्य होगा- महात्मा बुद्ध ने लोगों को अहिंसा का उपदेश दिया।

93. निम्नलिखित में से उचित क्रम में व्यवस्थित वाक्य का चयन करें-

Correct Answer: (c) यह शाश्वत सत्य है कि सूर्य पूर्व से उदय होता है।
Solution:दिये गये वाक्यों में पद क्रम की दृष्टि से व्यवस्थित वाक्य है- यह शाश्वत सत्य है कि सूर्य पूर्व से उदय होता है।

94. निम्नलिखित वाक्य में उसका प्रथम अंश संख्या (1) के रूप में दिया गया है, शेष अंशों का क्रमानुसार व्यवस्थित विकल्प चुनें-

1. बिना राष्ट्रभाषा के

(क) राष्ट्रव्यापी,

(ख) राजनीति

(ग) करना असंभव है

(घ) कोई भी

Correct Answer: (c) घ क ख ग
Solution:दिये गये वाक्य अंशों को क्रमानुसार व्यवस्थित करने पर विकल्प (c) उपयुक्त होगा।

अतः क्रमानुसार व्यवस्थित वाक्य होगा-बिना राष्ट्रभाषा के कोई भी राष्ट्रव्यापी, राजनीति करना असंभव है।

95. पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

'पानी बिच मीन, मीन पियासी।

मोहि सुनि-सुनि, आवै हाँसी।'

Correct Answer: (d) विशेषोक्ति
Solution:उपर्युक्त पंक्तियों में विशेषोक्ति अलंकार है। जहाँ कारण के होने पर भी कार्य न हो, वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है।

जैसे - पानी बिच मीन, मीन पियासी।

मोहि सुनि-सुनि, आवै हाँसी।।

यहाँ पर 'मीन' (मछली) पानी के बीच भी प्यासी है, यहाँ 'कारण' पानी होते हुए भी कार्य (प्यास बुझाना) नहीं हो रहा है।

96. 'संकुचित' के लिए कौन-सा विलोम शब्द अनुच्छेद में प्रयुक्त है?

गाँधी जी विश्वास करते थे कि भारत में उन सब लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार है, जो अपने हाथ पैरों का उपयोग करते हैं और ईमानदारी से काम करते हैं। उनके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति में काम करने की क्षमता है और वह अपने प्रतिदिन के भोजन से अधिक धनोपार्जन करता है, इस क्षमता का उपयोग करना निश्चित रूप में कार्य प्राप्त करना है। जो ईमानदारी से धनोपार्जन करना चाहता है, उसके लिए कोई काम तुच्छ नहीं होता है। सामान्यतः बेरोजगारी का अर्थ शिक्षित वर्ग की बेरोजगारी समझी जाती है। गाँधी जी ने इसको व्यापक महत्व प्रदान किया। शिक्षित वर्ग कारखानों, दफ्तरों तथा खेती तक सीमित है, जो रोजगार-प्राप्त व्यक्तियों का अल्पांश है। दयनीय स्थिति तो यह है कि तथाकथित शिक्षित वर्ग श्रम को महत्व नहीं देता और दस्तकारी से घृणा करता है। देश में व्याप्त निर्धनता और बेरोजगारी का यही कारण है। यदि ग्राम-उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें ईमानदारी से चलाया जाएगा, तो देश से अल्पकाल में बेरोजगारी दूर हो जाएगी।

Correct Answer: (a) व्यापक
Solution:
शब्दविलोम
संकुचितव्यापक
क्षमताअक्षमता
पर्याप्तअपर्याप्त
उपयोगअनुपयोग

97. दयनीय स्थिति क्या है?

गाँधी जी विश्वास करते थे कि भारत में उन सब लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार है, जो अपने हाथ पैरों का उपयोग करते हैं और ईमानदारी से काम करते हैं। उनके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति में काम करने की क्षमता है और वह अपने प्रतिदिन के भोजन से अधिक धनोपार्जन करता है, इस क्षमता का उपयोग करना निश्चित रूप में कार्य प्राप्त करना है। जो ईमानदारी से धनोपार्जन करना चाहता है, उसके लिए कोई काम तुच्छ नहीं होता है। सामान्यतः बेरोजगारी का अर्थ शिक्षित वर्ग की बेरोजगारी समझी जाती है। गाँधी जी ने इसको व्यापक महत्व प्रदान किया। शिक्षित वर्ग कारखानों, दफ्तरों तथा खेती तक सीमित है, जो रोजगार-प्राप्त व्यक्तियों का अल्पांश है। दयनीय स्थिति तो यह है कि तथाकथित शिक्षित वर्ग श्रम को महत्व नहीं देता और दस्तकारी से घृणा करता है। देश में व्याप्त निर्धनता और बेरोजगारी का यही कारण है। यदि ग्राम-उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें ईमानदारी से चलाया जाएगा, तो देश से अल्पकाल में बेरोजगारी दूर हो जाएगी।

Correct Answer: (b) शिक्षित वर्ग का श्रम को महत्व न देना और दस्तकारी से घृणा करना
Solution:उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार दयनीय स्थिति तो यह है कि तथाकथित शिक्षित वर्ग श्रम को महत्त्व नहीं देता और दस्तकारों से घृणा करता है। देश में व्याप्त निर्धनता और बेरोजगारी का यही कारण है।

98. शिक्षित वर्ग कहाँ तक सीमित है?

गाँधी जी विश्वास करते थे कि भारत में उन सब लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार है, जो अपने हाथ पैरों का उपयोग करते हैं और ईमानदारी से काम करते हैं। उनके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति में काम करने की क्षमता है और वह अपने प्रतिदिन के भोजन से अधिक धनोपार्जन करता है, इस क्षमता का उपयोग करना निश्चित रूप में कार्य प्राप्त करना है। जो ईमानदारी से धनोपार्जन करना चाहता है, उसके लिए कोई काम तुच्छ नहीं होता है। सामान्यतः बेरोजगारी का अर्थ शिक्षित वर्ग की बेरोजगारी समझी जाती है। गाँधी जी ने इसको व्यापक महत्व प्रदान किया। शिक्षित वर्ग कारखानों, दफ्तरों तथा खेती तक सीमित है, जो रोजगार-प्राप्त व्यक्तियों का अल्पांश है। दयनीय स्थिति तो यह है कि तथाकथित शिक्षित वर्ग श्रम को महत्व नहीं देता और दस्तकारी से घृणा करता है। देश में व्याप्त निर्धनता और बेरोजगारी का यही कारण है। यदि ग्राम-उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें ईमानदारी से चलाया जाएगा, तो देश से अल्पकाल में बेरोजगारी दूर हो जाएगी।

Correct Answer: (c) कारखानों, दफ्तरों तथा खेती तक
Solution:उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार शिक्षित वर्ग कारखानों, दफ्तरों तथा खेती तक सीमित है, जो रोजगार प्राप्त व्यक्तियों का अल्पांश है।

99. किनके लिए पर्याप्त रोजगार मिलना संभव है?

गाँधी जी विश्वास करते थे कि भारत में उन सब लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार है, जो अपने हाथ पैरों का उपयोग करते हैं और ईमानदारी से काम करते हैं। उनके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति में काम करने की क्षमता है और वह अपने प्रतिदिन के भोजन से अधिक धनोपार्जन करता है, इस क्षमता का उपयोग करना निश्चित रूप में कार्य प्राप्त करना है। जो ईमानदारी से धनोपार्जन करना चाहता है, उसके लिए कोई काम तुच्छ नहीं होता है। सामान्यतः बेरोजगारी का अर्थ शिक्षित वर्ग की बेरोजगारी समझी जाती है। गाँधी जी ने इसको व्यापक महत्व प्रदान किया। शिक्षित वर्ग कारखानों, दफ्तरों तथा खेती तक सीमित है, जो रोजगार-प्राप्त व्यक्तियों का अल्पांश है। दयनीय स्थिति तो यह है कि तथाकथित शिक्षित वर्ग श्रम को महत्व नहीं देता और दस्तकारी से घृणा करता है। देश में व्याप्त निर्धनता और बेरोजगारी का यही कारण है। यदि ग्राम-उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें ईमानदारी से चलाया जाएगा, तो देश से अल्पकाल में बेरोजगारी दूर हो जाएगी।

Correct Answer: (a) जो परिश्रम करते हैं और ईमानदारी से काम करते हैं।
Solution:उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार गाँधी जी विश्वास करते थे कि भारत में उन सब लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार है, जो अपने हाथ-पैरों का उपयोग करते हैं और ईमानदारी से काम करते हैं।

100. बेरोजगारी दूर होने का क्या उपाय है?

गाँधी जी विश्वास करते थे कि भारत में उन सब लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार है, जो अपने हाथ पैरों का उपयोग करते हैं और ईमानदारी से काम करते हैं। उनके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति में काम करने की क्षमता है और वह अपने प्रतिदिन के भोजन से अधिक धनोपार्जन करता है, इस क्षमता का उपयोग करना निश्चित रूप में कार्य प्राप्त करना है। जो ईमानदारी से धनोपार्जन करना चाहता है, उसके लिए कोई काम तुच्छ नहीं होता है। सामान्यतः बेरोजगारी का अर्थ शिक्षित वर्ग की बेरोजगारी समझी जाती है। गाँधी जी ने इसको व्यापक महत्व प्रदान किया। शिक्षित वर्ग कारखानों, दफ्तरों तथा खेती तक सीमित है, जो रोजगार-प्राप्त व्यक्तियों का अल्पांश है। दयनीय स्थिति तो यह है कि तथाकथित शिक्षित वर्ग श्रम को महत्व नहीं देता और दस्तकारी से घृणा करता है। देश में व्याप्त निर्धनता और बेरोजगारी का यही कारण है। यदि ग्राम-उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें ईमानदारी से चलाया जाएगा, तो देश से अल्पकाल में बेरोजगारी दूर हो जाएगी।

Correct Answer: (d) ग्राम-उद्योगों को ईमानदारी से कार्य करने को प्रोत्साहित करना
Solution:उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार यदि ग्राम-उद्योगों को प्रोत्साहित किया जायेगा और उन्हें ईमानदारी से चलाया जाएगा, तो देश से अल्पकाल में बेरोजगारी दूर हो जाएगी।