दिल्ली सल्तनत : प्रशासन (UPPCS)

Total Questions: 28

1. इतिहासकार बरनी ने दिल्ली के सुल्तानों के अधीन भारत में शासन को वास्तव में इस्लामी नहीं माना; क्योंकि- [I.A.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (a) अधिकतर आबादी इस्लाम का अनुसरण नहीं करती थी।
Note:

इतिहासकार बरनी ने दिल्ली के सुल्तानों के अधीन भारत में शासन को वास्तव में इस्लामी नहीं माना है; क्योंकि सल्तनत काल में अधिकतर आबादी इस्लाम का अनुसरण नहीं करती थी।

 

2. सल्तनत काल के अधिकांश अमीर एवं सुल्तान किस वर्ग के थे? [U.P. P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (a) तुर्क
Note:

सल्तनत काल के अधिकांश अमीर एवं सुल्तान तुर्क वर्ग के थे। सुल्तान केंद्रीय शासन का प्रधान था। इसी तरह सल्तनत काल में प्रायः सभी प्रभावशाली पदों पर नियुक्त व्यक्तियों को अमीर की संज्ञा दी जाती थी। इन अमीरों का प्रभाव उस समय अधिक होता था, जब सुल्तान अयोग्य और निर्बल अथवा अल्पवयस्क होता था।

 

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2019]

1. दिल्ली सल्तनत के राजस्व प्रशासन में राजस्व वसूली के प्रभारी को 'आमिल' कहा जाता था।

2. दिल्ली के सुल्तानों की इक्ता प्रणाली एक प्राचीन देशी संस्था थी।

3. 'मीर बख्शी' का पद दिल्ली के खलजी सुल्तानों के शासनकाल में अस्तित्व में आया।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

 

 

Correct Answer: (a) केवल 1
Note:

दिल्ली सल्तनत के राजस्व प्रशासन में प्रत्येक परगना (ग्रामों का समूह) पर एक आमिल या अमलगुजार की नियुक्ति की जाती थी, जो परगने के राजस्व संग्रह का कार्य करता था। इक्ता प्रणाली भारत की प्राचीन देशी संस्था न होकर अरब की मौलिक प्रणाली थी, जिसका उद्भव पश्चिमी एशिया (ईरान) में हुआ था। इसे दिल्ली सल्तनत में इल्तुतमिश द्वारा लागू किया गया था। मीर बख्शी (सैन्य विभाग का प्रमुख और मनसबदारों का प्रमुख) मुगल काल का पद है, न कि सल्तनत काल का। सल्तनत काल में सैन्य विभाग का प्रमुख दीवान-ए-अर्ज कहलाता था।

 

4. निम्नलिखित में से कौन-सी एक विशिष्टता 'इक्ता व्यवस्था' की नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (c) इक्ता से एकत्रित राजस्व सीधा सुल्तान के खाते में जाती थी।
Note:

भारत में सल्तनत काल के दौरान इल्तुतमिश द्वारा 'इक्ता प्रणाली' का प्रचलन किया गया था। इक्ता व्यवस्था के तहत इक्ता के धारक (इक्तादार या मुक्ती) को उस भू-क्षेत्र से राजस्व और करों को एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी जाती थी। इक्ता से एकत्रित राजस्व सीधा सुल्तान के खाते में नहीं जाता था, बल्कि इसी राजस्व से मुक्ती अपने सैन्य और प्रशासनिक व्यय पूरे करता था तथा उसे इस राजस्व से सुल्तान की सेवा हेतु सैनिक रखने पड़ते थे। खालिसा (खालसा) भूमि से प्राप्त आय सीधे सुल्तान के खाते में जाती थी। अबू अली हसन इब्न अली तुसी 'निजाम अल-मुल्क' की फारसी पुस्तक 'सियासतनामा' में प्रारंभिक इक्ता व्यवस्था का विवरण मिलता है।

 

5. मध्यकालीन भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा आकार की दृष्टि से आरोही क्रम में सही अनुक्रम है? [I.A.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (a) परगना-सरकार-सूबा
Note:

मध्यकालीन भारत के संदर्भ में संपूर्ण साम्राज्य को सूबा (प्रांत) में बांटा गया था। 'सूबेदार' सूबे के शासन का प्रमुख अधिकारी था। प्रशासन की दृष्टि से प्रत्येक सूबे को अनेक इकाइयों में बांटा गया था। इन इकाइयों को 'सरकार' कहा जाता था। प्रत्येक सरकार का प्रमुख अधिकारी 'फौजदार' होता था। प्रत्येक सरकार को पुनः 'परगना या 'महल' में विभाजित किया गया था। यहां का प्रमुख अधिकारी 'शिकदार' होता था। परगनों के अंतर्गत गांव होते थे, जिन्हें 'मावदा' या 'दीह' कहा जाता था। मावदा के अंतर्गत बहुत छोटी-छोटी बस्तियां होती थीं, जिन्हें 'नागला' कहा जाता था। शाहजहां के शासनकाल में परगना तथा सरकार के बीच एक और इकाई का निर्माण किया गया, जिसे 'चकला' कहते थे तथा जिसके अंतर्गत कुछ परगने आते थे। अतः मध्यकालीन भारत में आकार की दृष्टि से सही आरोही अनुक्रम इस प्रकार है-परगना-सरकार सूबा। इस प्रक…

6. दिल्ली सल्तनत में दीवान-ए-अर्ज विभाग की स्थापना किसने की? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (a) बलबन
Note:

दिल्ली सल्तनत में गुलाम वंश के शासक बलबन ने सैन्य व्यवस्था सुदृढ़ करने के उद्देश्य से दीवान-ए-अर्ज विभाग की स्थापना की। सर्वप्रथम बलबन ने ही तत्पर सेना रखने की शुरुआत की। बलबन ने इमादुलमुल्क को दीवान-ए-आरिज (सैन्य मंत्री) नियुक्त किया तथा उसे रावत-ए-अर्ज की उपाधि दी। दीवान-ए-अर्ज विभाग का मुख्य कार्य सैन्य भर्ती, सेना को अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित करना व वेतन वितरण आदि था।

 

7. निम्नलिखित में से कौन एक युग्म सुमेलित नहीं है? [U. P. P. C. S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (d) दीवान-ए-रियासत बलबन
Note:

दिए गए विकल्पों में प्रशासनिक विभागों को प्रारंभ करने वाले शासक है

दीवान-ए-मुस्तखराज                 - अलाउद्दीन खिलजी (राजस्व विभाग)

दीवान-ए-अमीर-ए-कोही          - मुहम्मद बिन तुगलक (कृषि विभाग)

दीवान-ए-खैरात                       -फिरोज तुगलक (दान विभाग)

दीवान-ए-रियासत                   -अलाउद्दीन खिलजी (बाजार नियंत्रण विभाग)

 

 

 

8. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा सही रूप में सुमेलित है? [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (a) दीवान-ए-बंदगान फिरोज तुगलक
Note:

'दीवान-ए-बंदगान' विभाग का गठन फिरोज शाह तुगलक ने किया। यह विभाग दासों की देखरेख करता था। फिरोज के शासनकाल में दासों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। अफीफ के लेखानुसार राजधानी तथा प्रांतों में दासों की संख्या बढ़कर एक लाख 80 हजार हो गई। अलाउद्दीन खिलजी ने राजस्व व्यवस्था से भ्रष्टाचार और लूट को समाप्त करने के लिए एक नए विभाग 'दीवान-ए-मुस्तखराज' की व्यवस्था की। मुहम्मद बिन तुगलक ने संकट की स्थिति में कृषकों को सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र में कृषि विभाग (दीवान-ए-अमीर-ए-कोही) की स्थापना की। दीवान-ए-अर्ज (सैन्य विभाग) की स्थापना बलबन ने की थी।

 

9. सल्तनत काल में 'दीवान-ए-अमीर-ए-कोही' विभाग निम्नलिखित में से किससे संबंधित था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2017]

Correct Answer: (c) कृषि
Note:

मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि की उन्नति के लिए एक नया विभाग 'दीवान-ए-अमीर-ए-कोही' की स्थापना की। इस विभाग का मुख्य कार्य कृषकों को प्रत्यक्ष सहायता देकर अधिक भूमि कृषि कार्य के अधीन लाना था।

 

10. निम्नलिखित में से किस शासक ने 'दीवान-ए-अमीर-कोही' विभाग की स्थापना की थी? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2017]

Correct Answer: (c) मुहम्मद बिन तुगलक
Note:

मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि की उन्नति के लिए एक नया विभाग 'दीवान-ए-अमीर-ए-कोही' की स्थापना की। इस विभाग का मुख्य कार्य कृषकों को प्रत्यक्ष सहायता देकर अधिक भूमि कृषि कार्य के अधीन लाना था।