Correct Answer: (c) इन्सेलबर्ग-हिमनद
Note: कैनियन का निर्माण नदियों द्वारा होता है। यह V आकार की घाटी से विस्तृत होती है, जिनमें किनारे की दीवाल अत्यंत बड़े ढाल वाली होती है तथा चौड़ाई की अपेक्षा गहराई अधिक होती है। मोरेन का निर्माण हिमनद की निक्षेपजनित क्रिया द्वारा होता है। हिमनद अपने साथ बारीक कणों वाले पदार्थों से लेकर बड़े-बड़े शिलाखंडों का परिवहन करता है। इन पदार्थों को जब हिमनद बहाकर नहीं ले जा पाता है, तो उनका निक्षेप हो जाता है। इसी निक्षेप को हिमोढ़ या मोरेन कहते हैं। इसके अलावा ज्यूजेन तथा इन्सेलबर्ग का निर्माण पवन द्वारा किया जाता है। मरुस्थलों में अपक्षय तथा अपरदन से कोमल चट्टाने आसानी से कट जाती हैं, परंतु कठोर चट्टानें अवशेष के रूप में टीलों के रूप में बच जाती हैं, जिन्हें इन्सेलबर्ग कहा जाता है। मरुस्थल में मुलायम एवं कठोर चट्टानों के क्षैतिज अवस्था में उपस्थित होने पर पवन की अपरदन प्रक्रिया के फलस्वरूप मरुस्थलीय भाग में चट्टानों से ढक्कनदार दवात के समान आकृतियों का निर्माण होता है। ऐसे स्थलरूपों को 'ज्यूजेन' कहा जाता है। अतः स्पष्ट है कि विकल्प (c) सुमेलित नहीं है।