प्रकाश

Total Questions: 50

21. जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे में जाता है, तो निम्न में से कौन- सी/सा नही बदलती/बदलता है? [66th B.P.S.C. (Pre)2020]

Correct Answer: (c) आवृत्ति
Note:

दिए गए विकल्पों में प्रकाश का वेग अधिकतम होगा। प्रकाश एक सीधी रेखा में संचरित होता है। प्रकाश तरंगें निर्वात से होकर गुजर सकती हैं, परंतु ध्वनि तरंगें ऐसा नहीं कर पातीं। भिन्न-भिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल भिन्न-भिन्न होती है। प्रकाश की चाल सबसे अधिक निर्वात में होती है।

22. प्रकाश तरंगों के वायु से कांच में जाने पर जो चर (Variables) प्रभावित होते हैं, वे हैं- [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (d) तरंगदैर्ध्य और वेग
Note:

जब कोई प्रकाश तरंग वायु से कांच या एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो प्रकाश की आवृत्ति वही रहती है, लेकिन उसका तरंगदैर्ध्य तथा वेग बदल जाता है।

23. जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है, तो निम्न में से कौन-सा एक अपरिवर्तित रहता है- [U.P.P.C.S.(Mains) 2003]

Correct Answer: (d) आवृति
Note:

जब कोई प्रकाश तरंग वायु से कांच या एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो प्रकाश की आवृत्ति वही रहती है, लेकिन उसका तरंगदैर्ध्य तथा वेग बदल जाता है।

24. जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में गमन करती है, तो [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (a) इसकी चाल बढ़ जाती है तथा यह अभिलंब से दूर हट जाती है।
Note:

जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में गमन करती है, तो इसकी चाल बढ़ जाती है तथा यह अभिलंब से दूर हट जाती है। ज्ञातव्य है कि जब कोई प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है, तो यह अभिलंब की ओर झुक जाती है।

25. साबुन के पतले झाग में चमकदार रंगों का बनना किस परिघटना का परिणाम है? [I.A.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (a) बहुलित परावर्तन और व्यतिकरण
Note:

साबुन के पतले झाग में चमकदार रंगों का बनना बहुलित परावर्तन और व्यतिकरण का परिणाम है। जब किसी पारदर्शक पतली परत (पानी की सतह पर तेल की पतली परत या साबुन के घोल के बुलबुले) पर श्वेत प्रकाश आपतित किया जाता है, तो परत के दोनों पृष्ठों से परावर्तित तथा अपवर्तित प्रकाश किरणों में व्यतिकरण (Interference) होता है। इस परिघटना के परिणामतः वह परत चमकदार दिखाई पड़ती है।

26. पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है, जब प्रकाश जाता है- [I.A.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (a) हीरे से कांच में
Note:

जब प्रकाश की किरण किसी सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है, तो आपतन कोण के क्रांतिक कोण से अधिक हो जाने पर अपवर्तित किरण सघन माध्यम में वापस लौट आती है, जिसे 'पूर्ण आंतरिक परावर्तन' कहते हैं। प्रश्नगत विकल्पों में हीरे का अपवर्तनांक कांच से अधिक होने के कारण हीरे से कांच में प्रकाश के जाने पर पूर्ण आंतरिक परावर्तन होगा।

27. एक कटा हुआ हीरा जगमगाहट के साथ चमकता है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2015, U.P. P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (b) पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण
Note:

हीरे के चमकने का प्रमुख कारण उसका पूर्ण आंतरिक परावर्तन ही है। चूंकि हीरे का अपवर्तनांक बहुत अधिक 2.42 होने के कारण इसका क्रांतिक कोण केवल 24° होता है। अतः जब विशेष रूप से काटे गए हीरे के अंदर प्रकाश पड़ता है, तो हीरे के पृष्ठों पर बार-बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता रहता है।

28. एक काटा हुआ हीरा क्यों जगमगाता है? [U.P. P.C.S. (Mains) 2012, U.P. P.C.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण
Note:

हीरे का अपवर्तनांक बहुत अधिक होता है। इसकी कटाई या तराशी इस प्रकार होती है कि कोई प्रकाश किरण यदि इसके अंदर चली जाए, तो बाहर निकलने से पहले उसका कई बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो। इस प्रकार कई बार किरणों का पूर्ण आंतरिक परावर्तन होने से हीरे चमकते हैं।

29. उचित रीति से कटे हीरे की असाधारण चमक का आधारभूत कारण यह है कि- [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (b) उसका अति उच्च अपवर्तन सूचकांक होता है।
Note:

हीरे का अपवर्तनांक बहुत अधिक होता है। इसकी कटाई या तराशी इस प्रकार होती है कि कोई प्रकाश किरण यदि इसके अंदर चली जाए, तो बाहर निकलने से पहले उसका कई बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो। इस प्रकार कई बार किरणों का पूर्ण आंतरिक परावर्तन होने से हीरे चमकते हैं।

30. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं, जिनमें से एक को कथन और दूसरे को कारण कहा गया है- [I.A.S. (Pre) 1995]

कथन (A) : हीरा अपने ही आकार के अनुकारी कांच से अधिक झिलमिलाता है।

कारण (R) : हीरे का अपवर्तनांक कांच के अपवर्तनांक से कम होता है।

उपर्युक्त दोनों क्क्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?

Correct Answer: (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
Note:

हीरे की झिलमिलाहट अधिक अपवर्तनांक (µ = 2.42) के कारण होती है। परिणामस्वरूप इसका क्रांतिक कोण कम हो जाता है तथा इसके विभिन्न बिंदुओं से प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो जाता है। यही कारण है कि हीरा अपने ही आकार के अनुकारी कांच से अधिक झिलमिलाता है। जबकि कांच का अपवर्तनांक µ = 1.51 होता है। इस प्रकार कथन (A) सही है, जबकि कारण (R) गलत है।