प्रकाश

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31. प्रकाश तंतु (Optical Fiber) जिस सिद्धांत पर काम करता है, वह है [I.A.S. (Pre) 1995, U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010, U.P.P.C.S (Spl)(Pre) 2008]

Correct Answer: (a) पूर्ण आभ्यंतर (आंतरिक) परावर्तन
Note:

प्रकाश तंतु (Optical Fiber) कांच (सिलिका) या प्लास्टिक से निर्मित अत्यधिक पतली बेलनाकार खोखली नलिकाएं होती हैं, जो प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करती हैं। इनमें प्रकाश ऊर्जा का किसी प्रकार का क्षय नहीं होता है।

32. प्रकाश ऊर्जा का ऑप्टिकल फाइबर में संचरण निम्नांकित घटना के अनुप्रयोग द्वारा किया जाता है - [U.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
Note:

प्रकाश तंतु (Optical Fiber) कांच (सिलिका) या प्लास्टिक से निर्मित अत्यधिक पतली बेलनाकार खोखली नलिकाएं होती हैं, जो प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करती हैं। इनमें प्रकाश ऊर्जा का किसी प्रकार का क्षय नहीं होता है।

33. निम्नलिखित में से किस परिघटना का उपयोग ऑप्टिकल फ़ाइबर में किया जाता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
Note:

प्रकाश तंतु (Optical Fiber) कांच (सिलिका) या प्लास्टिक से निर्मित अत्यधिक पतली बेलनाकार खोखली नलिकाएं होती हैं, जो प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करती हैं। इनमें प्रकाश ऊर्जा का किसी प्रकार का क्षय नहीं होता है।

34. तंतु प्रकाशिकी संचार में संकेत किस रूप में प्रवाहित होता है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (a) प्रकाश तरंग
Note:

तंतु प्रकाशिकी संचार एक प्रणाली है, जिसमें सूचनाओं की जानकारी एक स्थान से दूसरे स्थान तक ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से प्रकाश बिंदुओं के रूप में भेजी जाती है।

35. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre.) 2002, U.P. P.C.S. (Pre.) 2001, U.P. P.C.S. (Pre.) 2003]

1. तंतु प्रकाशिकीय पूर्ण आंतरिक परावर्तन सिद्धांत पर आधारित है।

2. प्रकाशिक तंतु संचार-तंत्र में ऊर्जा उपभोग अत्यधिक कम होता है।

3. प्रकाशिक तंतु संचार रेडियो आवृत्ति अवरोध से मुक्त है।

4. भारत में प्रकाशिक तंतु के निर्माण में रिलायंस उद्योग समूह सन्नद्ध है।

इन कथनों में से कौन-सा सही है?

Correct Answer: (a) 1, 2 और 3
Note:

प्रकाश तंतु या ऑप्टिकल फाइबर सिलिका से बनी पतली बेलनाकार नलिकाएं होती हैं, जो प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करती हैं। इसमें प्रकाश ऊर्जा का किसी प्रकार क्षय नहीं होता है। प्रकाशिक तंतु संचार तंत्र में ऊर्जा उपभोग अत्यधिक कम होता है। ये वैद्युत चुंबकीय अवरोध और रेडियो आवृत्ति अवरोध से मुक्त होते हैं। वर्ष 2000 में स्टरलाइट कंपनी समूह द्वारा भारत में प्रकाशिक तंतु का निर्माण प्रारंभ किया गया, न कि रिलायंस उद्योग समूह द्वारा।

36. मरीजों के पेट के अंदर का परीक्षण करने हेतु डॉक्टरों द्वारा प्रयुक्त "एंडोस्कोप" निम्नलिखित में से किस सिद्धांत पर कार्य करता है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]

Correct Answer: (d) प्रकाश का सकल आंतरिक परावर्तन
Note:

एंडोस्कोप में फाइबर ऑप्टिक्स तकनीक का प्रयोग होता है तथा यह प्रकाश के सकल आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है।

37. डॉक्टरों द्वारा मरीजों के उदर के अंदर का परीक्षण 'एंडोस्कोप' द्वारा किया जाता है, जो निम्न में किस सिद्धांत पर कार्य करता है? [I.A.S. (Pre) 1999, U.P.P.C.S. (Mains) 2009, U.P.P.C.S. (Pre) 2010, U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (c) प्रकाश का सकल आंतरिक परावर्तन।
Note:

पेट या शरीर के अन्य आंतरिक अंगों के अन्वेषण के लिए प्रयुक्त तकनीक एंडोस्कोपी (Endoscopy) पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) पर आधारित है, क्योंकि यह आप्टिकल फाइबर माध्यम पर कार्य करता है, जिसमें सूचनाएं आंतरिक परावर्तन के माध्यम से संचारित होती हैं।

38. मृगमरीचिका का कारण है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2012, U.P.P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (d) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन
Note:

मृगमरीचिका (Mirage) एक प्रकार का वायुमंडलीय दृष्टिभ्रम है, जिसमें प्रेक्षक अस्तित्वहीन जलाशय एवं दूरस्थ वस्तु के उल्टे या बड़े आकार के प्रतिबिंब तथा अन्य अनेक प्रकार के विरूपण देखता है। वस्तु और प्रेक्षक के बीच की दूरी कम होने पर प्रेक्षक का भ्रम दूर होता है और वह विरूपित प्रतिबिंब नहीं देख पाता। मरीचिका वायुमंडलीय अपवर्तन का एक अनोखा एवं आश्चर्यजनक प्रभाव है, जो आमतौर पर गर्म रेगिस्तान में दिखाई पड़ती है। रेगिस्तान में दिन के समय जब भूमि के निकट की वायु की परतें गर्म हो जाती हैं, तब वह विरल हो जाती हैं और ऊपर की ठंडी परतों की अपेक्षा कम अपवर्तक होती हैं। अतः किसी सुदूर वस्तु से आने वाला प्रकाश ज्यों-ज्यों हवा की परतों से अपवर्तित होता है, त्यों-त्यों वह अभिलंब से अधिकाधिक विचलित होता जाता है और अंत में पूर्णतः आंतरिक रूप से परावर्तित हो जाता है। फलतः प्रेक्षक वस्तु का काल्पनिक और उल्टा प्रतिबिंब देखता है।

39. मरीचिका का बनना उदाहरण है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2014, U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]

Correct Answer: (c) कुल आंतरिक परावर्तन का
Note:

मृगमरीचिका (Mirage) एक प्रकार का वायुमंडलीय दृष्टिभ्रम है, जिसमें प्रेक्षक अस्तित्वहीन जलाशय एवं दूरस्थ वस्तु के उल्टे या बड़े आकार के प्रतिबिंब तथा अन्य अनेक प्रकार के विरूपण देखता है। वस्तु और प्रेक्षक के बीच की दूरी कम होने पर प्रेक्षक का भ्रम दूर होता है और वह विरूपित प्रतिबिंब नहीं देख पाता। मरीचिका वायुमंडलीय अपवर्तन का एक अनोखा एवं आश्चर्यजनक प्रभाव है, जो आमतौर पर गर्म रेगिस्तान में दिखाई पड़ती है। रेगिस्तान में दिन के समय जब भूमि के निकट की वायु की परतें गर्म हो जाती हैं, तब वह विरल हो जाती हैं और ऊपर की ठंडी परतों की अपेक्षा कम अपवर्तक होती हैं। अतः किसी सुदूर वस्तु से आने वाला प्रकाश ज्यों-ज्यों हवा की परतों से अपवर्तित होता है, त्यों-त्यों वह अभिलंब से अधिकाधिक विचलित होता जाता है और अंत में पूर्णतः आंतरिक रूप से परावर्तित हो जाता है। फलतः प्रेक्षक वस्तु का काल्पनिक और उल्टा प्रतिबिंब देखता है।

40. निम्नलिखित प्राकृतिक तथ्यों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2002]

1. स्थलीय तापन

2. प्रकाश परावर्तन

3. प्रकाश अपवर्तन

4. प्रकाश विवर्तन

इनमें से किस तथ्य के कारण मरीचिका बनती है?

Correct Answer: (c) 1 और 3
Note:

मृगमरीचिका (Mirage) एक प्रकार का वायुमंडलीय दृष्टिभ्रम है, जिसमें प्रेक्षक अस्तित्वहीन जलाशय एवं दूरस्थ वस्तु के उल्टे या बड़े आकार के प्रतिबिंब तथा अन्य अनेक प्रकार के विरूपण देखता है। वस्तु और प्रेक्षक के बीच की दूरी कम होने पर प्रेक्षक का भ्रम दूर होता है और वह विरूपित प्रतिबिंब नहीं देख पाता। मरीचिका वायुमंडलीय अपवर्तन का एक अनोखा एवं आश्चर्यजनक प्रभाव है, जो आमतौर पर गर्म रेगिस्तान में दिखाई पड़ती है। रेगिस्तान में दिन के समय जब भूमि के निकट की वायु की परतें गर्म हो जाती हैं, तब वह विरल हो जाती हैं और ऊपर की ठंडी परतों की अपेक्षा कम अपवर्तक होती हैं। अतः किसी सुदूर वस्तु से आने वाला प्रकाश ज्यों-ज्यों हवा की परतों से अपवर्तित होता है, त्यों-त्यों वह अभिलंब से अधिकाधिक विचलित होता जाता है और अंत में पूर्णतः आंतरिक रूप से परावर्तित हो जाता है। फलतः प्रेक्षक वस्तु का काल्पनिक और उल्टा प्रतिबिंब देखता है।