Correct Answer: (d) धर्मचक्रप्रवर्तन सुत्त की विषयवस्तु का
Solution:गौतम बुद्ध ने चतुर्थ आर्य सत्य में दुःख निरोध का उपाय बताया। इसे 'दुःख निरोधगामिनी प्रतिपदा' कहा जाता है। इसे 'मध्यमा प्रतिपदा' या मध्यम मार्ग भी कहते हैं। इस मध्यमा प्रतिपदा में आठ सोपान हैं। इसलिए इसे 'अष्टांगिक मार्ग' भी कहते हैं। ये आठों सोपान हैं-सम्यक् दृष्टि, सम्यक् संकल्प, सम्यक् वाक्, सम्यक् कर्मांत, सम्यक् आजीव, सम्यक् व्यायाम, सम्यक् स्मृति एवं सम्यक् समाधि। अष्टांगिक मार्ग धर्मचक्रप्रवर्तन सुत्त की विषयवस्तु का अंग है।