बौद्ध धर्म (UPPCS) (PART) 3

Total Questions: 38

31. भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2017]

1. सौत्रांतिक और सम्मितीय जैन मत के संप्रदाय थे।

2. सर्वास्तिवादियों की मान्यता थी कि दृग्विषय (फिनोमिना) के अवयव पूर्णतः क्षणिक नहीं हैं, अपितु अव्यक्त रूप से सदैव विद्यमान रहते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2
Note:

सौत्रांतिक और सम्मितीय जैन मत के संप्रदाय नहीं, अपितु बौद्ध मत के संप्रदाय हैं। अतः कथन (1) असत्य है। सर्वास्तिवाद में 3 शब्द हैं-सर्व + अस्ति + वाद। सर्व अर्थात सभी तत्व, अस्ति अर्थात है। इस प्रकार तृतीय बौद्ध संगीति में जिन भिक्षुओं ने सभी तत्वों का अस्तित्व सभी कालों में स्वीकार किया वे संगीति छोड़कर कश्मीर चले गए और सर्वास्तिवादी कहलाए। कनिष्क के काल में चौथी बौद्ध संगीति कश्मीर में सर्वास्तिवादियों द्वारा ही आयोजित थी, अब इनका प्रभाव लगभग पूरे देश में फैल गया।

 

32. निम्नांकित कथनों पर विचार करें एवं 'चैत्य' तथा 'विहार' में क्या अंतर है, इसे चुनें- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) चैत्य पजा स्थल होता है, जबकि विहार निवास स्थान है।
Note:

'चैत्य' का शाब्दिक अर्थ है-चिता संबंधी। शवदाह के पश्चात बचे हुए अवशेषों को भूमि में गाड़कर उनके ऊपर जो समाधियां बनाई गईं, उन्हीं को प्रारंभ में चैत्य या स्तूप कहा गया। इन समाधियों में महापुरुषों के धातु अवशेष सुरक्षित थे, अतः चैत्य उपासना के केंद्र बन गए। कालांतर में बौद्धों ने इन्हें अपनी उपासना का केंद्र बना लिया। चैत्यगृहों के समीप ही भिक्षुओं के रहने के लिए आवास बनाए गए, जिन्हें 'विहार' कहा गया।

 

33. भारतीय कला में 'स्तूप', 'चैत्य' और 'विहार' का निर्माण निम्नलिखित में से किससे संबंधित है? [69th B.P.S.C (Pre) 2023]

Correct Answer: (c) बौद्ध धर्म
Note:

'चैत्य' का शाब्दिक अर्थ है-चिता संबंधी। शवदाह के पश्चात बचे हुए अवशेषों को भूमि में गाड़कर उनके ऊपर जो समाधियां बनाई गईं, उन्हीं को प्रारंभ में चैत्य या स्तूप कहा गया। इन समाधियों में महापुरुषों के धातु अवशेष सुरक्षित थे, अतः चैत्य उपासना के केंद्र बन गए। कालांतर में बौद्धों ने इन्हें अपनी उपासना का केंद्र बना लिया। चैत्यगृहों के समीप ही भिक्षुओं के रहने के लिए आवास बनाए गए, जिन्हें 'विहार' कहा गया।

 

34. कुछ शैलकृत बौद्ध गुफाओं को चैत्य कहते हैं, जबकि अन्य को विहार। दोनों में क्या अंतर है? [I.A.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) चैत्य पूजा स्थल होता है, जबकि विहार बौद्ध भिक्षुओं का निवास स्थान है।
Note:

'चैत्य' का शाब्दिक अर्थ है-चिता संबंधी। शवदाह के पश्चात बचे हुए अवशेषों को भूमि में गाड़कर उनके ऊपर जो समाधियां बनाई गईं, उन्हीं को प्रारंभ में चैत्य या स्तूप कहा गया। इन समाधियों में महापुरुषों के धातु अवशेष सुरक्षित थे, अतः चैत्य उपासना के केंद्र बन गए। कालांतर में बौद्धों ने इन्हें अपनी उपासना का केंद्र बना लिया। चैत्यगृहों के समीप ही भिक्षुओं के रहने के लिए आवास बनाए गए, जिन्हें 'विहार' कहा गया।

35. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [U.P.P.C.S. (Pre) 2017]

1. पश्चिम गोदावरी जिले के गुंटुपल्ली में प्रारंभिक चैत्यगृह और विहार चट्टानों को काटकर बनाए गए हैं।

2. पूर्वी दक्कन के चैत्य और विहार साधारणतया चट्टानों को काटकर बनाए गए हैं।

इन कथनों में से-

Correct Answer: (c) 1 तथा 2 दोनों सही हैं।
Note:

गुंटुपल्ली में चट्टानों को काटकर प्रारंभिक चैत्यगृह एवं विहारों का निर्माण किया गया है। ध्यातव्य है कि प्रश्नकाल में गुंटुपल्ली, आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में स्थित था। यद्यपि वर्तमान में यह एनटीआर जिले का भाग है। अतः प्रश्नकाल के अनुसार कथन 1 सही है। पूर्वी दक्कन के चैत्य और विहार सामान्यतः चट्टानों को काटकर बनाए गए हैं। अतः कथन 2 भी सही है।

 

36. धान्यकटक, जो महासांघिकों के अधीन एक प्रमुख बौद्ध केंद्र के रूप में समृद्ध हुआ, निम्नलिखित में से किस एक क्षेत्र में अवस्थित था? [I.A.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (a) आंध्र
Note:

धान्यकटक (अमरावती के निकट) आंध्र प्रदेश के पलनाडु जिले में एक विश्वप्रसिद्ध बौद्ध स्थल है। पुरातत्व उत्खनन के फलस्वरूप यहां से विहारों के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यह सातवाहनों की राजधानी के रूप में विकसित हुआ है।

 

37. सुल्तानी युग में बौद्धों की कौन-सी शाखा सबसे प्रभावशाली थी? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (c) वज्रयान
Note:

सुल्तानी युग (मध्य काल) में बौद्धों की वज्रयान शाखा सबसे अधिक प्रभावशाली थी। वज्रयान का सबसे अधिक विकास आठवीं शताब्दी ई. में हुआ था तथा इसके सिद्धांत 'आर्य मंजुश्रीमूलकल्प' तथा 'गुह्यसमाज' नामक ग्रंथों में मिलते हैं।

38. हीनयान अवस्था का विशालतम एवं सर्वाधिक विकसित शैलकृत चैत्यगृह स्थित है- [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) कार्ले में
Note:

हीनयान अवस्था का विशालतम एवं सर्वाधिक विकसित शैलकृत चैत्यगृह कार्ले में स्थित है। यह पुणे (महाराष्ट्र) के मावल तालुका में स्थित है।