1. प्रांतों की कार्यकारिणी सरकार में द्वैध शासन की व्यवस्था
2. मुसलमानों के लिए पृथक सांप्रदायिक निर्वाचक-मंडलों की व्यवस्था
3. केंद्र द्वारा प्रांतों को विधायिनी शक्ति का हस्तांतरण
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :
Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Solution:भारत शासन अधिनियम, 1919 ब्रिटिश संसद के द्वारा पारित अधिनियम था, जिसका उद्देश्य भारतीय शासन में भारतीयों की भागीदारी को बढ़ाना था। इस अधिनियम को भारत सचिव एडविन मॉन्टेग्यू एवं वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल में पारित किया गया। इस अधिनियम के द्वारा राज्यों में द्वैध शासन (Dyarchy) की स्थापना की गई, जिसके तहत प्रत्येक राज्य में राज्य के प्रशासनिक विषयों को दो श्रेणियों में बांटा गया (अ) आरक्षित एवं (ब) हस्तांतरित। आरक्षित विषय प्रांतीय गवर्नर एवं उसकी कार्यकारी परिषद के तहत रखे गए, जबकि हस्तांतरित विषयों का उत्तरदायित्व प्रांतीय विधायिका के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों को सौंपा गया। साथ ही केंद्र और प्रांतों के मध्य भी शक्तियों का बंटवारा संघीय एवं प्रांतीय विषयों के रूप में किया गया। जहां तक मुसलमानों के लिए पृथक सांप्रदायिक निर्वाचन व्यवस्था का प्रश्न है, तो यह प्रावधान 1909 के अधिनियम में ही कर दिया गया था। 1919 के अधिनियम में यह व्यवस्था न केवल जारी रही बल्कि इसे सिक्खों, यूरोपियों, भारतीय ईसाइयों एवं एंग्लो-इंडियनों के लिए भी विस्तारित किया गया।