भारतीय राज्यव्यवस्था एवं शासन (Part-I)

Total Questions: 65

51. भारत के संविधान का अनुच्छेद 24 जोखिमपूर्ण कार्यों से संबंधित कारखानों में बालकों के नियोजन को निषेध करता है। ऐसा निषेध है- [M.P. P.C.S. (Pre), 2020]

Correct Answer: (a) पूर्ण निषेध
Solution:भारत के संविधान का अनुच्छेद 24 जोखिमपूर्ण कार्यों से संबंधित कारखानों में बालकों के नियोजन का पूर्ण निषेध (Absolute prohi-bition) करता है। इस अनुच्छेद के अनुसार, चौदह वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखाने या खान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जाएगा या किसी अन्य परिसंकटमय नियोजन में नहीं लगाया जाएगा।

52. आई.सी.सी.पी.आर. के अनुच्छेद ................ द्वारा बाल अधिकार को सुरक्षित किया गया है। [M.P. P.C.S. (Pre), 2013]

Correct Answer: (b) 24
Solution:आई.सी.सी.पी.आर. (यानी इंटरनेशनल कन्वेनेंट ऑन सिविल एंड पॉलिटिकल राइट्स) के अनुच्छेद 24 द्वारा बाल अधिकार को सुरक्षित किया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 24 के द्वारा भी बाल अधिकार का संरक्षण किया गया है।

53. व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी रिट (writ) याचिका दायर की जा सकती है? [M.P. P.C.S. (Pre), 1993]

Correct Answer: (c) हैबियस कार्पस
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के अनुसार, उच्च न्यायालय व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कार्पस) रिट को जारी कर सकता है। बंदी प्रत्यक्षीकरण का अर्थ है व्यक्ति को सशरीर उपस्थित करने की मांग। यह उस मामलों में लागू होती है, जहां किसी व्यक्ति के बारे में कहा जाता है कि उसे अवैध रूप से निरुद्ध किया गया है। यदि निरोध को अवैध पाया जाता है, तो निरुद्ध व्यक्ति को तत्क्षण आजाद कर दिया जाता है। चूंकि 44वें संविधान संशोधन के बाद अनुच्छेद 20 एवं 21 का आपात की घोषणा के काल में भी निलंबन नहीं किया जा सकता, अतः व्यक्ति के व्यक्तिगत स्वातंत्र्य की सुरक्षा के लिए यह एक अति महत्वपूर्ण रिट हो गई है।

उल्लेखनीय है कि जहां उच्चतम न्यायालय अनुच्छेद 32 के तहत बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट को केवल मूल अधिकारों के उल्लंघन की दशा में राज्य के विरुद्ध जारी कर सकता है, वहीं उच्च न्यायालय उसे उन व्यक्तियों के खिलाफ भी जारी कर सकता है, जो अवैध या मनमाने ढंग से किसी अन्य व्यक्ति को निरुद्ध करते हैं।

54. किस वाद ने संसद को मौलिक अधिकारों में संशोधन का अधिकार दिया? [M.P. P.C.S. (Pre), 1991]

Correct Answer: (a) केशवानंद भारती वाद
Solution:उच्चतम न्यायालय ने सर्वप्रथम वर्ष 1951 में शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ वाद तथा तत्पश्चात वर्ष 1965 में सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य के वाद में अभिनिर्धारित किया कि संसद संविधान द्वारा प्रदत्त मूलाधिकारों में संशोधन कर सकती है। तदनंतर वर्ष 1967 में गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य वाद में उच्चतम न्यायालय ने शंकरी प्रसाद एवं सज्जन कुमार वाद के विपरीत संसद द्वारा मूलाधिकारों में संशोधन पर रोक लगाने का निर्णय दिया। चूंकि वर्तमान में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद के निर्णय के आधार पर संसद को मूलाधिकारों में संशोधन की शक्ति (सीमित) प्राप्त है, अतः विकल्प (a) को अभीष्ट उत्तर के रूप में चिह्नित किया गया है। केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य, 1973 के वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि संसद की संविधान संशोधन शक्ति विस्तृत है किंतु असीमित नहीं और वह मूल अधिकारों का संशोधन तो कर सकती है, किंतु वह संविधान के आधारभूत तत्वों को परिवर्तित नहीं कर सकती।

55. संपत्ति के मौलिक अधिकार को कब समाप्त किया गया ? [M.P. P.C.S. (Pre), 1994]

Correct Answer: (a) 1978 में संविधान के 44 वें संशोधन द्वारा
Solution:संविधान के 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा संपत्ति के मूल अधिकार का लोप किया गया तथा इसे विधिक या कानूनी अधिकार का दर्जा दिया गया। तत्समय मोरारजी देसाई जनता पार्टी शासन में प्रधानमंत्री थे।

56. निम्नलिखित में से किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम ने मौलिक अधिकारों की सूची से संपत्ति के अधिकार को हटाया? [M.P. P.C.S. (Pre), 2019]

Correct Answer: (c) 44वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1978
Solution:संविधान के 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा संपत्ति के मूल अधिकार का लोप किया गया तथा इसे विधिक या कानूनी अधिकार का दर्जा दिया गया। तत्समय मोरारजी देसाई जनता पार्टी शासन में प्रधानमंत्री थे।

57. भारतीय संविधान निम्न में से कौन-सा अधिकार प्रदान नहीं करता है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2010]

Correct Answer: (a) समान आवास का अधिकार
Solution:भारतीय संविधान द्वारा समानता का अधिकार (अनु. 14-18), धर्म पालन करने का अधिकार (अनु. 25-28) तथा स्वतंत्रता का अधिकार (अनु. 19-22) तो प्रदान किया गया है, परंतु समान आवास के अधिकार का इसमें उल्लेख नहीं है।

58. पूर्ति कीजिए : [M.P. P.C.S. (Pre), 2013]

..................... बिना कर्तव्य के उसी प्रकार है, जैसे मनुष्य बिना परछाई के।'

Correct Answer: (b) अधिकार
Solution:अर्नेस्ट बार्कर का कथन है कि 'अधिकार बिना कर्तव्य के उसी प्रकार है, जैसे मनुष्य बिना परछाई के।'

59. 'निदेशक तत्व' क्या है? [M.P. P.C.S. (Pre), 2013]

Correct Answer: (b) अ-वाद योग्य
Solution:भारतीय संविधान में सामाजिक आर्थिक एजेंडे को साकारित करने के लिए वाद योग्य और अ-वाद योग्य दोनों तरह की व्यवस्थाएं समाहित हैं, जिसमें मौलिक अधिकार 'वाद योग्य' और नीति निदेशक तत्व 'अ-वाद योग्य' हैं।

60. नीति निदेशक सिद्धांत हैं- [M.P. P.C.S. (Pre), 1992]

Correct Answer: (b) वाद योग्य नहीं
Solution:नीति निदेशक सिद्धांत वाद योग्य नहीं हैं। संविधान के अनुच्छेद 37 के अनुसार, इस भाग (भाग IV) में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे, किंतु फिर भी इनमें अधिकथित तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में इन तत्वों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा।