भारत में क्रांतिकारी आंदोलन (UPPCS)

Total Questions: 50

31. निम्नलिखित में से किसको अंग्रेजी सरकार ने काकोरी षड्यंत्र के मामले में फांसी पर चढ़ा दिया? [M.P. P.C.S (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) रामप्रसाद बिस्मिल
Solution:अक्टूबर, 1924 में शचींद्रनाथ सान्याल, राम प्रसाद बिस्मिल तथा चंद्रशेखर आजाद आदि लोगों ने कानपुर में क्रांतिकारी संस्था "हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" की स्थापना की। इस संस्था द्वारा 9 अगस्त, 1925 को उत्तर रेलवे के लखनऊ-सहारनपुर संभाग के काकोरी नामक स्थान पर "आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन" पर डकैती डाल कर सरकारी खजाना लूटा गया। यह घटना काकोरी कांड (वर्तमान नाम-काकोरी ट्रेन एक्शन) के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस कांड में 43 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह, रोशन लाल तथा राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी हुई, जबकि चंद्रशेखर आजाद फरार हो गए। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के यही एकमात्र सदस्य थे, जो कभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए। अतः ये काकोरी कांड मुकदमा से बच निकले थे। अंत में 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में अल्फ्रेड पार्क (वर्तमान नाम- शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क) में ये पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। काकोरी कांड से संबंधित मुकदमे में शचींद्रनाथ बक्शी, मुकुंदी लाल एवं मन्मथनाथ गुप्त भी शामिल थे।

32. काकोरी षडयंत्र केस किस वर्ष में हुआ? [U.P. Lowe Sub. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) 1925 में
Solution:अक्टूबर, 1924 में शचींद्रनाथ सान्याल, राम प्रसाद बिस्मिल तथा चंद्रशेखर आजाद आदि लोगों ने कानपुर में क्रांतिकारी संस्था "हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" की स्थापना की। इस संस्था द्वारा 9 अगस्त, 1925 को उत्तर रेलवे के लखनऊ-सहारनपुर संभाग के काकोरी नामक स्थान पर "आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन" पर डकैती डाल कर सरकारी खजाना लूटा गया। यह घटना काकोरी कांड (वर्तमान नाम-काकोरी ट्रेन एक्शन) के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस कांड में 43 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह, रोशन लाल तथा राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी हुई, जबकि चंद्रशेखर आजाद फरार हो गए। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के यही एकमात्र सदस्य थे, जो कभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए। अतः ये काकोरी कांड मुकदमा से बच निकले थे। अंत में 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में अल्फ्रेड पार्क (वर्तमान नाम- शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क) में ये पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। काकोरी कांड से संबंधित मुकदमे में शचींद्रनाथ बक्शी, मुकुंदी लाल एवं मन्मथनाथ गुप्त भी शामिल थे।

33. निम्नलिखित में से काकोरी कांड से जुड़ा कौन क्रांतिकारी मुकदमे से बच निकला था? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]

Correct Answer: (c) चंद्रशेखर आजाद
Solution:अक्टूबर, 1924 में शचींद्रनाथ सान्याल, राम प्रसाद बिस्मिल तथा चंद्रशेखर आजाद आदि लोगों ने कानपुर में क्रांतिकारी संस्था "हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" की स्थापना की। इस संस्था द्वारा 9 अगस्त, 1925 को उत्तर रेलवे के लखनऊ-सहारनपुर संभाग के काकोरी नामक स्थान पर "आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन" पर डकैती डाल कर सरकारी खजाना लूटा गया। यह घटना काकोरी कांड (वर्तमान नाम-काकोरी ट्रेन एक्शन) के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस कांड में 43 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह, रोशन लाल तथा राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी हुई, जबकि चंद्रशेखर आजाद फरार हो गए। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के यही एकमात्र सदस्य थे, जो कभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए। अतः ये काकोरी कांड मुकदमा से बच निकले थे। अंत में 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में अल्फ्रेड पार्क (वर्तमान नाम- शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क) में ये पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। काकोरी कांड से संबंधित मुकदमे में शचींद्रनाथ बक्शी, मुकुंदी लाल एवं मन्मथनाथ गुप्त भी शामिल थे।

34. निम्नलिखित में से वह कौन था, जो 'काकोरी षड्यंत्र कांड' में फांसी की सजा से बच गया था? [U.P.P.C.S. (Pre) 2011 & U.P.P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (d) चंद्रशेखर आज़ाद
Solution:अक्टूबर, 1924 में शचींद्रनाथ सान्याल, राम प्रसाद बिस्मिल तथा चंद्रशेखर आजाद आदि लोगों ने कानपुर में क्रांतिकारी संस्था "हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" की स्थापना की। इस संस्था द्वारा 9 अगस्त, 1925 को उत्तर रेलवे के लखनऊ-सहारनपुर संभाग के काकोरी नामक स्थान पर "आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन" पर डकैती डाल कर सरकारी खजाना लूटा गया। यह घटना काकोरी कांड (वर्तमान नाम-काकोरी ट्रेन एक्शन) के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस कांड में 43 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह, रोशन लाल तथा राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी हुई, जबकि चंद्रशेखर आजाद फरार हो गए। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के यही एकमात्र सदस्य थे, जो कभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए। अतः ये काकोरी कांड मुकदमा से बच निकले थे। अंत में 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में अल्फ्रेड पार्क (वर्तमान नाम- शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क) में ये पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। काकोरी कांड से संबंधित मुकदमे में शचींद्रनाथ बक्शी, मुकुंदी लाल एवं मन्मथनाथ गुप्त भी शामिल थे।

35. 'काकोरी ट्रेन डकैती कांड' में किन क्रांतिकारियों को फांसी की सजा दी गई थी? [65th B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्लाह
Solution:अक्टूबर, 1924 में शचींद्रनाथ सान्याल, राम प्रसाद बिस्मिल तथा चंद्रशेखर आजाद आदि लोगों ने कानपुर में क्रांतिकारी संस्था "हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" की स्थापना की। इस संस्था द्वारा 9 अगस्त, 1925 को उत्तर रेलवे के लखनऊ-सहारनपुर संभाग के काकोरी नामक स्थान पर "आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन" पर डकैती डाल कर सरकारी खजाना लूटा गया। यह घटना काकोरी कांड (वर्तमान नाम-काकोरी ट्रेन एक्शन) के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस कांड में 43 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह, रोशन लाल तथा राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी हुई, जबकि चंद्रशेखर आजाद फरार हो गए। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के यही एकमात्र सदस्य थे, जो कभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए। अतः ये काकोरी कांड मुकदमा से बच निकले थे। अंत में 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में अल्फ्रेड पार्क (वर्तमान नाम- शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क) में ये पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। काकोरी कांड से संबंधित मुकदमे में शचींद्रनाथ बक्शी, मुकुंदी लाल एवं मन्मथनाथ गुप्त भी शामिल थे।

36. निम्नलिखित में से कौन काकोरी कांड से संबंधित नहीं था? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (b) सूर्यसेन
Solution:सूर्यसेन काकोरी कांड से संबधित नहीं थे। दिए गए विकल्पों में अन्य सभी काकोरी कांड से संबंधित थे।

37. निम्नलिखित क्रांतिकारियों में से कौन काकोरी षड्यंत्र केस से जुड़ा नहीं है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

Correct Answer: (c) भगत सिंह
Solution:भगत सिंह काकोरी षड्यंत्र केस से जुड़े नहीं थे।

38. निम्नलिखित में से कौन काकोरी कांड मुकदमे में सरकारी वकील थे? [U.P.P.C.S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (b) जगत नारायण मुल्ला
Solution:काकोरी कांड (1925) को अंजाम 'हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन' (HRA) द्वारा दिया गया। इस कांड में कई लोग पकड़े गए और उन पर मुकदमा चलाया गया। सरकार की ओर से पैरवी के लिए जगत नारायण मुल्ला को नियुक्त किया गया और अभियुक्तों की ओर से सरकार ने लक्ष्मीशंकर मिश्र, के.सी. दत्त और जयकरणनाथ मिश्र को नियुक्त किया। अभियुक्तों की मांग थी कि उच्च कोटि के वकीलों को सरकार नियुक्त करे; परंतु सरकार का निर्णय अंतिम था।

39. निम्न में से कौन एक 1924 के कानपुर षड्यंत्र मामले में शामिल नहीं था ? [U.P.P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) एम.ए. अंसारी
Solution:कम्युनिस्ट आंदोलन की शक्ति एवं बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए कानपुर में एक षड्यंत्र को आधार बनाकर कुछ कम्युनिस्टों पर मुकदमा चलाया गया। यह मुकदमा 'कानपुर षड्यंत्र' के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें एम. एन. राय, श्रीपाद अमृत डांगे, नलिनी गुप्ता, मुजफ्फर अहमद, शौकत उस्मानी, गुलाम हुसैन, रामचरण लाल शर्मा, सिंगार वेलू चेट्टियार शमुद्दीन हसन, एम.आर.एस. वेलयधुन, डॉ. मणीलाल, सम्पूर्णानंद और सत्यभक्त को मूल रूप से आरोपी बनाया गया था।

40. किसने कहा था? [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002 & U.P. P.C.S (Pre) 2003]

"दरो-दीवार पे हसरत की नजर करते हैं,

खुश रहो अहले-वतन हम तो सफर करते हैं।"

Correct Answer: (d) वाजिद अली शाह ने
Solution:उपर्युक्त पंक्ति अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह की है। भारतीय क्रांतिकारियों द्वारा इस नज्म का प्रयोग जेल में बंदी रहने के दौरान तथा फांसी दिए जाने पर किया गया था।