मराठा राज्य और संघ (UPPCS)

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11. छत्रपति शिवाजी से संबंधित निम्नलिखित घटनाओं को कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए। [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]

I. चाकन के किले पर विजय

II. अफजल खां का प्रकरण

III. मुगलों से मतभेद का प्रारंभ

IV. सूरत पर आक्रमण तथा लूटना

कूट :

Correct Answer: (a) I, III, II, IV
Solution:छत्रपति शिवाजी से संबंधित घटनाओं का व्यवस्थित कालक्रम है - चाकन किले पर विजय (1648 ई.), मुगलों से मतभेद का प्रारंभ (1657 ई.), अफजल खां का प्रकरण (1659 ई.), सूरत पर आक्रमण तथा लूटना (1664 ई.)। |

12. अष्ट प्रधान नाम की मंत्रिपरिषद थी- [I.A.S. (Pre) 1996 & U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (d) मराठा प्रशासन में
Solution:शिवाजी ने राज्य के प्रशासन के लिए केंद्रीय स्तर पर 'अष्ट प्रधान' की व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत आठ मंत्रियों को नियुक्त किया गया था। इसमें पेशवा, अमात्य, मंत्री, सचिव, सुमंत, सेनापति, पंडितराव एवं न्यायाधीश शामिल थे। ये शिवाजी के राज्य प्रशासन में आधुनिक काल के सचिवों की भांति कार्य करते थे। इनका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी थे। इनका विवरण निम्नलिखित है-

(i) पेशवा राजा का प्रधान मंत्री।

(ii) अमात्य अथवा मजमुआदार वित्त एवं राजस्व मंत्री।

(iii) वाकिया नवीस या मंत्री राजा के दैनिक कार्यों तथा दरबार की प्रतिदिन की कार्यवाहियों का विवरण रखता था।

(iv) सचिव अथवा शुरुनवीस- राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखना।

(v) सुमंत या दबीर विदेश मंत्री।

(vi) सेनापति या सर-ए-नौबत सेना की भर्ती, संगठन, रसद आदि का प्रबंध करना।

(vii) पंडित राव विद्वानों और धार्मिक कार्यों के लिए अनुदानों का दायित्व निभाना।

(viii) न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश।

13. 'अष्टप्रधान' मंत्रिपरिषद् थी- [69th B.P.S.C (Pre) 2023]

Correct Answer: (c) मराठा प्रशासन में
Solution:शिवाजी ने राज्य के प्रशासन के लिए केंद्रीय स्तर पर 'अष्ट प्रधान' की व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत आठ मंत्रियों को नियुक्त किया गया था। इसमें पेशवा, अमात्य, मंत्री, सचिव, सुमंत, सेनापति, पंडितराव एवं न्यायाधीश शामिल थे। ये शिवाजी के राज्य प्रशासन में आधुनिक काल के सचिवों की भांति कार्य करते थे। इनका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी थे। इनका विवरण निम्नलिखित है-

(i) पेशवा राजा का प्रधान मंत्री।

(ii) अमात्य अथवा मजमुआदार वित्त एवं राजस्व मंत्री।

(iii) वाकिया नवीस या मंत्री राजा के दैनिक कार्यों तथा दरबार की प्रतिदिन की कार्यवाहियों का विवरण रखता था।

(iv) सचिव अथवा शुरुनवीस- राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखना।

(v) सुमंत या दबीर विदेश मंत्री।

(vi) सेनापति या सर-ए-नौबत सेना की भर्ती, संगठन, रसद आदि का प्रबंध करना।

(vii) पंडित राव विद्वानों और धार्मिक कार्यों के लिए अनुदानों का दायित्व निभाना।

(viii) न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश।

14. अष्टप्रधान का गठन किसने किया था? [65th B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) शिवाजी
Solution:शिवाजी ने राज्य के प्रशासन के लिए केंद्रीय स्तर पर 'अष्ट प्रधान' की व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत आठ मंत्रियों को नियुक्त किया गया था। इसमें पेशवा, अमात्य, मंत्री, सचिव, सुमंत, सेनापति, पंडितराव एवं न्यायाधीश शामिल थे। ये शिवाजी के राज्य प्रशासन में आधुनिक काल के सचिवों की भांति कार्य करते थे। इनका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी थे। इनका विवरण निम्नलिखित है-

(i) पेशवा राजा का प्रधान मंत्री।

(ii) अमात्य अथवा मजमुआदार वित्त एवं राजस्व मंत्री।

(iii) वाकिया नवीस या मंत्री राजा के दैनिक कार्यों तथा दरबार की प्रतिदिन की कार्यवाहियों का विवरण रखता था।

(iv) सचिव अथवा शुरुनवीस- राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखना।

(v) सुमंत या दबीर विदेश मंत्री।

(vi) सेनापति या सर-ए-नौबत सेना की भर्ती, संगठन, रसद आदि का प्रबंध करना।

(vii) पंडित राव विद्वानों और धार्मिक कार्यों के लिए अनुदानों का दायित्व निभाना।

(viii) न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश।

15. 'अष्टप्रधान' मंत्रिपरिषद् किसके राज्य प्रबंध में सहायता करती थी? [66th B.P.S.C. (Re-Exam) 2020]

Correct Answer: (d) शिवाजी
Solution:शिवाजी ने राज्य के प्रशासन के लिए केंद्रीय स्तर पर 'अष्ट प्रधान' की व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत आठ मंत्रियों को नियुक्त किया गया था। इसमें पेशवा, अमात्य, मंत्री, सचिव, सुमंत, सेनापति, पंडितराव एवं न्यायाधीश शामिल थे। ये शिवाजी के राज्य प्रशासन में आधुनिक काल के सचिवों की भांति कार्य करते थे। इनका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी थे। इनका विवरण निम्नलिखित है-

(i) पेशवा राजा का प्रधान मंत्री।

(ii) अमात्य अथवा मजमुआदार वित्त एवं राजस्व मंत्री।

(iii) वाकिया नवीस या मंत्री राजा के दैनिक कार्यों तथा दरबार की प्रतिदिन की कार्यवाहियों का विवरण रखता था।

(iv) सचिव अथवा शुरुनवीस- राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखना।

(v) सुमंत या दबीर विदेश मंत्री।

(vi) सेनापति या सर-ए-नौबत सेना की भर्ती, संगठन, रसद आदि का प्रबंध करना।

(vii) पंडित राव विद्वानों और धार्मिक कार्यों के लिए अनुदानों का दायित्व निभाना।

(viii) न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश।

16. शिवाजी के 'अष्टप्रधान' में निम्नलिखित अधिकारी थे- [Chhattisgarh P.S.C. (Pre) 2017]

1. मजूमदार       2. दबीर

3. वाकनीस     4. सुरनीस

सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (e) 1, 2, 3, 4
Solution:शिवाजी ने राज्य के प्रशासन के लिए केंद्रीय स्तर पर 'अष्ट प्रधान' की व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत आठ मंत्रियों को नियुक्त किया गया था। इसमें पेशवा, अमात्य, मंत्री, सचिव, सुमंत, सेनापति, पंडितराव एवं न्यायाधीश शामिल थे। ये शिवाजी के राज्य प्रशासन में आधुनिक काल के सचिवों की भांति कार्य करते थे। इनका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी थे। इनका विवरण निम्नलिखित है-

(i) पेशवा राजा का प्रधान मंत्री।

(ii) अमात्य अथवा मजमुआदार वित्त एवं राजस्व मंत्री।

(iii) वाकिया नवीस या मंत्री राजा के दैनिक कार्यों तथा दरबार की प्रतिदिन की कार्यवाहियों का विवरण रखता था।

(iv) सचिव अथवा शुरुनवीस- राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखना।

(v) सुमंत या दबीर विदेश मंत्री।

(vi) सेनापति या सर-ए-नौबत सेना की भर्ती, संगठन, रसद आदि का प्रबंध करना।

(vii) पंडित राव विद्वानों और धार्मिक कार्यों के लिए अनुदानों का दायित्व निभाना।

(viii) न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश।

17. शिवाजी के समय 'सरनोबात' का पद संबद्ध था- [U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]

Correct Answer: (d) सैन्य प्रशासन से
Solution:शिवाजी ने राज्य के प्रशासन के लिए केंद्रीय स्तर पर 'अष्ट प्रधान' की व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत आठ मंत्रियों को नियुक्त किया गया था। इसमें पेशवा, अमात्य, मंत्री, सचिव, सुमंत, सेनापति, पंडितराव एवं न्यायाधीश शामिल थे। ये शिवाजी के राज्य प्रशासन में आधुनिक काल के सचिवों की भांति कार्य करते थे। इनका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी थे। इनका विवरण निम्नलिखित है-

(i) पेशवा राजा का प्रधान मंत्री।

(ii) अमात्य अथवा मजमुआदार वित्त एवं राजस्व मंत्री।

(iii) वाकिया नवीस या मंत्री राजा के दैनिक कार्यों तथा दरबार की प्रतिदिन की कार्यवाहियों का विवरण रखता था।

(iv) सचिव अथवा शुरुनवीस- राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखना।

(v) सुमंत या दबीर विदेश मंत्री।

(vi) सेनापति या सर-ए-नौबत सेना की भर्ती, संगठन, रसद आदि का प्रबंध करना।

(vii) पंडित राव विद्वानों और धार्मिक कार्यों के लिए अनुदानों का दायित्व निभाना।

(viii) न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश।

18. शिवाजी के अष्टप्रधान का जो सदस्य विदेशी मामलों की देख-रेख करता था, वह था- [I.A.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (d) सुमंत
Solution:शिवाजी ने राज्य के प्रशासन के लिए केंद्रीय स्तर पर 'अष्ट प्रधान' की व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत आठ मंत्रियों को नियुक्त किया गया था। इसमें पेशवा, अमात्य, मंत्री, सचिव, सुमंत, सेनापति, पंडितराव एवं न्यायाधीश शामिल थे। ये शिवाजी के राज्य प्रशासन में आधुनिक काल के सचिवों की भांति कार्य करते थे। इनका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी थे। इनका विवरण निम्नलिखित है-

(i) पेशवा राजा का प्रधान मंत्री।

(ii) अमात्य अथवा मजमुआदार वित्त एवं राजस्व मंत्री।

(iii) वाकिया नवीस या मंत्री राजा के दैनिक कार्यों तथा दरबार की प्रतिदिन की कार्यवाहियों का विवरण रखता था।

(iv) सचिव अथवा शुरुनवीस- राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखना।

(v) सुमंत या दबीर विदेश मंत्री।

(vi) सेनापति या सर-ए-नौबत सेना की भर्ती, संगठन, रसद आदि का प्रबंध करना।

(vii) पंडित राव विद्वानों और धार्मिक कार्यों के लिए अनुदानों का दायित्व निभाना।

(viii) न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश।

19. शिवाजी के शासनकाल में विदेश मंत्री को कहा जाता था- [M.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (a) सुमंत
Solution:शिवाजी ने राज्य के प्रशासन के लिए केंद्रीय स्तर पर 'अष्ट प्रधान' की व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत आठ मंत्रियों को नियुक्त किया गया था। इसमें पेशवा, अमात्य, मंत्री, सचिव, सुमंत, सेनापति, पंडितराव एवं न्यायाधीश शामिल थे। ये शिवाजी के राज्य प्रशासन में आधुनिक काल के सचिवों की भांति कार्य करते थे। इनका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी थे। इनका विवरण निम्नलिखित है-

(i) पेशवा राजा का प्रधान मंत्री।

(ii) अमात्य अथवा मजमुआदार वित्त एवं राजस्व मंत्री।

(iii) वाकिया नवीस या मंत्री राजा के दैनिक कार्यों तथा दरबार की प्रतिदिन की कार्यवाहियों का विवरण रखता था।

(iv) सचिव अथवा शुरुनवीस- राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखना।

(v) सुमंत या दबीर विदेश मंत्री।

(vi) सेनापति या सर-ए-नौबत सेना की भर्ती, संगठन, रसद आदि का प्रबंध करना।

(vii) पंडित राव विद्वानों और धार्मिक कार्यों के लिए अनुदानों का दायित्व निभाना।

(viii) न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश।

20. 'अष्ट प्रधान' मंत्रिपरिषद किसके राज्य प्रबंध में सहायता करती थी ? [U.P. P.C.S. (Pre) 1991 & U.P. P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (c) शिवाजी
Solution:शिवाजी ने राज्य के प्रशासन के लिए केंद्रीय स्तर पर 'अष्ट प्रधान' की व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत आठ मंत्रियों को नियुक्त किया गया था। इसमें पेशवा, अमात्य, मंत्री, सचिव, सुमंत, सेनापति, पंडितराव एवं न्यायाधीश शामिल थे। ये शिवाजी के राज्य प्रशासन में आधुनिक काल के सचिवों की भांति कार्य करते थे। इनका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी थे। इनका विवरण निम्नलिखित है-

(i) पेशवा राजा का प्रधान मंत्री।

(ii) अमात्य अथवा मजमुआदार वित्त एवं राजस्व मंत्री।

(iii) वाकिया नवीस या मंत्री राजा के दैनिक कार्यों तथा दरबार की प्रतिदिन की कार्यवाहियों का विवरण रखता था।

(iv) सचिव अथवा शुरुनवीस- राजकीय पत्र व्यवहार का कार्य देखना।

(v) सुमंत या दबीर विदेश मंत्री।

(vi) सेनापति या सर-ए-नौबत सेना की भर्ती, संगठन, रसद आदि का प्रबंध करना।

(vii) पंडित राव विद्वानों और धार्मिक कार्यों के लिए अनुदानों का दायित्व निभाना।

(viii) न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश।