1. खुदरा निवेशक डीमैट खातों के माध्यम से प्राथमिक बाजार में 'राजकोष बिल' (ट्रेजरी बिल) और 'भारत सरकार के ऋण बॉण्ड' में निवेश कर सकते हैं।
2. 'बातचीत से तय लेनदेन प्रणाली-ऑर्डर मिलान' (निगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम ऑर्डर मैचिंग) भारतीय रिजर्व बैंक का सरकारी प्रतिभूति व्यापारिक मंच है।
3. 'सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज लिमिटेड' का भारतीय रिजर्व बैंक एवं बंबई स्टॉक एक्सचेंज द्वारा संयुक्त रूप से प्रवर्तन किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
Correct Answer: (b) 1 और 2
Solution:खुदरा निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) में निवेश की सुविधा तथा वन-स्टॉप एक्सेस प्रदान करने के लिए 12 नवंबर, 2021 को आरबीआई द्वारा खुदरा प्रत्यक्ष (Retail Direct) योजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य आर.डी.जी. (Retail Direct Git) खाताधारकों को आरबीआई खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत प्रतिभूतियों को खरीदने/बेचने में सक्षम बनाने के लिए मूल्य/उद्धरण प्रदान करके सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी को बढ़ावा देना है। इसलिए कथन 1 सही है। एनडीएस-ओएम या निगोशिएटेड डीलिंग सेगमेंट ऑर्डर मैचिंग का अर्थ है सेकेंडरी मार्केट में सरकारी प्रतिभूतियों में ट्रेडिंग के लिए आरबीआई की स्क्रीन आधारित, इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर मिलान प्रणाली। यह आरबीआई के स्वामित्व में है। अतः कथन 2 सही है।सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) को वर्ष 1999 में 'सुविधाजनक, भरोसेमंद और सुरक्षित डिपॉजिटरी सेवाएं' प्रदान करने हेतु स्थापित किया गया था।
प्रारंभ में यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा प्रवर्तित किया जा रहा था, न कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा। बाद के वर्षों में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा अपनी हिस्सेदारी एच.डी.एफ.सी. बैंक, केनरा बैंक आदि को बेच दी गई। अतः कथन (3) सही नहीं है।