मृदा अपरदन एवं सुधार

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1. चंबल घाटी के खोह-खड्डों के निर्माण का कारण निम्नलिखित में से किस प्रारूप का अपरदन है? [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (d) अवनालिका
Solution:भारत के मृदा अपरदन मानचित्र को देखने से यह स्पष्ट होता है, कि चंबल घाटी क्षेत्र में खोह-खड्डों का निर्माण अवनालिका अपरदन (Gully Erosion) के कारण हुआ है।

2. निम्नलिखित में से मृदा अपरदन प्रक्रियाओं (Processes of Soil- Erosion) के सही क्रम को पहचानिए- [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (a) आस्फाल अपरदन, परत अपरदन, रिल अपरदन, अवनालिका अपरदन
Solution:मृदा अपरदन के चरण (नुकसान के बढ़ते क्रम के संदर्भ में) इस प्रकार है-

बौछारी क्षरण (अपरदन) परत क्षरण नलिका क्षरण - अवनालिका क्षरण

आस्फाल अपरदन (Splash Erosion) - वर्षा की बूंदों के मिट्टी पर आघात से मृदा कणों के पृथक्करण को आस्फाल या बौछार या बूंदाघात अपरदन के नाम से जाना जाता है।

परत अपरदन (Sheet Erosion) - जब मिट्टी जल के साथ बहने लग जाती है।

रिल अपरदन (Rill Erosion) - जब मिट्टी में छोटी एवं कम गहरी नालियां बन जाती हैं।

अवनालिका अपरदन (Gully Erosion) - जब रिल अपरदन की नालियां बड़ी एवं विस्तृत हो जाती हैं।

धारा चैनल अपरदन (Stream Channel Erosion) - जब जल एक मोटी धारा के रूप में प्रवाहित होने लगता है और चैनल को तब तक अपरदित करता है, जब तक कि वह स्थिर ढाल प्राप्त नहीं कर लेता है।

3. निम्नलिखित प्रकार के क्षरण पर विचार करें तथा इस प्रकार के क्षरण के कारण खेत से मिट्टी के नुकसान के बढ़ते क्रम के संदर्भ में सही क्रम में व्यवस्थित करें- [U.P. R.O/A.R.O. (Pre) 2023]

I. अवनालिका क्षरण (अपरदन)

II. बौछारी क्षरण

III. नलिका क्षरण

IV. परत क्षरण

Correct Answer: (c) II, IV, III, I
Solution:मृदा अपरदन के चरण (नुकसान के बढ़ते क्रम के संदर्भ में) इस प्रकार है-

बौछारी क्षरण (अपरदन) परत क्षरण नलिका क्षरण - अवनालिका क्षरण

आस्फाल अपरदन (Splash Erosion) - वर्षा की बूंदों के मिट्टी पर आघात से मृदा कणों के पृथक्करण को आस्फाल या बौछार या बूंदाघात अपरदन के नाम से जाना जाता है।

परत अपरदन (Sheet Erosion) - जब मिट्टी जल के साथ बहने लग जाती है।

रिल अपरदन (Rill Erosion) - जब मिट्टी में छोटी एवं कम गहरी नालियां बन जाती हैं।

अवनालिका अपरदन (Gully Erosion) - जब रिल अपरदन की नालियां बड़ी एवं विस्तृत हो जाती हैं।

धारा चैनल अपरदन (Stream Channel Erosion) - जब जल एक मोटी धारा के रूप में प्रवाहित होने लगता है और चैनल को तब तक अपरदित करता है, जब तक कि वह स्थिर ढाल प्राप्त नहीं कर लेता है।

4. कृष्य भूमि में किसके पौधे उगाने से भूमि का अपरदन अधिकतम तीव्रता से होता है? [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (a) सोर्घम
Solution:विश्व वन्यजीव कोष के एक विश्लेषण के अनुसार सोर्घम (ज्वार) किसी अन्य फसल की तुलना में भूमि अपरदन के लिए अधिक उत्तरदायी है, प्रश्नगत फसलों में क्लोवर (Clover) से सबसे कम भूमि अपरदन होता है।

5. भारत में निम्न में से किस क्षेत्र में मृदा अपरदन (Soll Erosion) की समस्या गम्भीर है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2004]

Correct Answer: (b) शिवालिक पहाड़ियों के पाद क्षेत्र
Solution:दिए गए विकल्पों में शिवालिक पहाड़ियों के पाद क्षेत्र में मृदा अपरदन की समस्या गंभीर है। इसके अतिरिक्त भारत में मृदा अपरदन से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र क्रमशः इस प्रकार हैं-

1. चंबल एवं यमुना नदियों का उत्खात भूमि क्षेत्र

2. पश्चिमी हिमालय का गिरिपदीय क्षेत्र (शिवालिक पहाड़ियों के पाद क्षेत्र इसमें शामिल है)

3. छोटानागपुर का पठार

4. ताप्ती से साबरमती घाटी तक का क्षेत्र (मालवा पठार आदि)

5. महाराष्ट्र का काली मि‌ट्टी क्षेत्र

6. हरियाणा, राजस्थान, गुजरात के शुष्क क्षेत्र

6. निम्नलिखित में भारत का कौन-सा क्षेत्र मृदा अपरदन (इरोजन) से अत्यधिक प्रभावित है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2006 U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

Correct Answer: (d) चंबल घाटी
Solution:दिए गए विकल्पों में चंबल घाटी मृदा अपरदन से अत्यधिक प्रभावित है।

7. मध्य प्रदेश के निम्नलिखित में से किस जिले में मृदा अपरदन (मिट्टी का कटाव) की समस्या है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (c) मुरैना
Solution:म. प्र. में चंबल और अन्य नदियों द्वारा अवनालिका अपरदन के कारण मुरैना, भिंड एवं ग्वालियर जिलों की अधिकांश भूमि बीहड़ एवं बंजर हो गई है।

8. भारत में मृदा अपक्षय समस्या निम्नलिखित में से किससे/किनसे संबंधित है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2014]

1. वेदिका कृषि

2. वनोन्मूलन

3. उष्णकटिबंधीय जलवायु

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:भारत के जिन क्षेत्रों में वनोन्मूलन या वनस्पतियों का नाश किया गया है, वहां मृदा अपरदन बहुत ही अधिक हो रहा है, इसका कारण यह है कि पेड़-पौधों की जड़ें मिट्टी को जकड़े रखती हैं, जिससे जल तथा वायु मिट्टी का अपरदन आसानी से नहीं कर पाते, इसके अतिरिक्त पेड़ों के तने पानी के बहाव की गति को कम कर देते हैं। स्थानांतरण कृषि से वनों का नाश होता है और मिट्टी कट जाती है। वेदिका कृषि (Terrace Cultivation) मृदा अपक्षय की समस्या से संबंधित नहीं है। उष्णकटिबंधीय जलवायु भी मृदा अपरदन के लिए उत्तरदायी नहीं है।

9. मृदा अपरदन रोका जा सकता है- [40th B.P.S.C. (Pre) 1995]

Correct Answer: (c) वनारोपण द्वारा
Solution:मृदा संरक्षण के अंतर्गत वे सभी उपाय सम्मिलित हैं, जो मिट्टी को अपरदन से बचाते हैं और उसकी उर्वरता को बनाए रखते हैं। मृदा अपरदन को रोकने के कुछ प्रभावी उपाय इस प्रकार हैं- वृक्षारोपण (यह सर्वाधिक सशक्त उपाय है) सोपानी अथवा समोच्चरेखीय कृषि अति चारण एवं स्थानान्तरित कृषि पर रोक लगाना, मेड़बन्दी अतः सही उत्तर विकल्प (c) है।

10. मृदाक्षरण को रोका जा सकता है- [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) वनरोपण से
Solution:मृदा संरक्षण के अंतर्गत वे सभी उपाय सम्मिलित हैं, जो मिट्टी को अपरदन से बचाते हैं और उसकी उर्वरता को बनाए रखते हैं। मृदा अपरदन को रोकने के कुछ प्रभावी उपाय इस प्रकार हैं- वृक्षारोपण (यह सर्वाधिक सशक्त उपाय है) सोपानी अथवा समोच्चरेखीय कृषि अति चारण एवं स्थानान्तरित कृषि पर रोक लगाना, मेड़बन्दी अतः सही उत्तर विकल्प (c) है।