मौर्य साम्राज्य (UPPCS) PART 3

Total Questions: 36

1. निम्नलिखित में से कौन स्रोत मौर्यों के नगर प्रशासन का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (b) मेगस्थनीज की इंडिका
Note:

मेगस्थनीज की पुस्तक 'इंडिका' में पाटलिपुत्र के नगर प्रशासन का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार, पाटलिपुत्र नगर का प्रशासन 30 सदस्यों की विभिन्न समितियों द्वारा संचालित होता था। इसकी कुल 6 समितियां होती थीं तथा प्रत्येक समिति में 5 सदस्य होते थे। छठी समिति का कार्य बिक्री कर वसूल करना था। करों की चोरी करने वालों को मृत्युदण्ड दिया जाता था। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

2. मेगस्थनीज की पुस्तक का नाम क्या है? [47th B.P.S.C. (Pre) 2005]

Correct Answer: (d) इंडिका
Note:

मेगस्थनीज की पुस्तक 'इंडिका' में पाटलिपुत्र के नगर प्रशासन का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार, पाटलिपुत्र नगर का प्रशासन 30 सदस्यों की विभिन्न समितियों द्वारा संचालित होता था। इसकी कुल 6 समितियां होती थीं तथा प्रत्येक समिति में 5 सदस्य होते थे। छठी समिति का कार्य बिक्री कर वसूल करना था। करों की चोरी करने वालों को मृत्युदण्ड दिया जाता था। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

3. 'इंडिका' का मूल लेखक था- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2007]

Correct Answer: (b) मेगस्थनीज
Note:

मेगस्थनीज की पुस्तक 'इंडिका' में पाटलिपुत्र के नगर प्रशासन का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार, पाटलिपुत्र नगर का प्रशासन 30 सदस्यों की विभिन्न समितियों द्वारा संचालित होता था। इसकी कुल 6 समितियां होती थीं तथा प्रत्येक समिति में 5 सदस्य होते थे। छठी समिति का कार्य बिक्री कर वसूल करना था। करों की चोरी करने वालों को मृत्युदण्ड दिया जाता था। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

4. इंडिका का लेखक कौन था? [56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: इंडिका का लेखक कौन था?
Note:

मेगस्थनीज की पुस्तक 'इंडिका' में पाटलिपुत्र के नगर प्रशासन का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार, पाटलिपुत्र नगर का प्रशासन 30 सदस्यों की विभिन्न समितियों द्वारा संचालित होता था। इसकी कुल 6 समितियां होती थीं तथा प्रत्येक समिति में 5 सदस्य होते थे। छठी समिति का कार्य बिक्री कर वसूल करना था। करों की चोरी करने वालों को मृत्युदण्ड दिया जाता था। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

5. 'इंडिका' का लेखक कौन था? [M.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (d) मेगस्थनीज
Note:

मेगस्थनीज की पुस्तक 'इंडिका' में पाटलिपुत्र के नगर प्रशासन का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार, पाटलिपुत्र नगर का प्रशासन 30 सदस्यों की विभिन्न समितियों द्वारा संचालित होता था। इसकी कुल 6 समितियां होती थीं तथा प्रत्येक समिति में 5 सदस्य होते थे। छठी समिति का कार्य बिक्री कर वसूल करना था। करों की चोरी करने वालों को मृत्युदण्ड दिया जाता था। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

6. वर्तमान नगरपालिका प्रशासन का कौन-सा कार्य मौर्य काल से जारी है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (c) जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण
Note:

मौर्य युग में नगरों का प्रशासन नगरपालिकाओं द्वारा चलाया जाता था, जिसका प्रमुख 'नागरक' या 'पुरमुख्य' था। मेगस्थनीज ने पाटलिपुत्र के नगर परिषद की पांच-पांच सदस्यों वाली 6 समितियों का उल्लेख किया है। इनमें से तीसरी समिति जन्म-मृत्यु पंजीकरण का हिसाब रखती थी। वर्तमान में भी यह कार्य नगरपालिका प्रशासन द्वारा किया जाता है।

 

7. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रशासनिक संरचना, आरोही क्रम में सही है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (a) द्रोणमुख, स्थानीय, संग्रहण, कर-वाटिका
Note:

मौर्यकालीन साम्राज्य को कई प्रशासनिक इकाइयों में बांटा गया था। इसमें सबसे बड़ी प्रशासनिक इकाई प्रांत थी। प्रांतों का विभाजन मंडल में, मंडल का विभाजन विषय में, विषय का विभाजन स्थानीय (800 ग्रामों का समूह) में, स्थानीय का विभाजन द्रोणमुख (400 ग्रामों का समूह) में, द्रोणमुख का विभाजन कर-वाटिका या खार्वटिक (200 ग्रामों का समूह) में तथा खार्वटिक का विभाजन संग्रहण (10 ग्रामों का समूह) में किया गया था। ग्राम प्रशासन की सबसे छोटी इकाई थी। अतः दिया गया प्रश्न त्रुटिपूर्ण है। इसका आरोही क्रम क्रमशः इस प्रकार हैं-संग्रहण, कर-वाटिका /खार्वटिक, द्रोणमुख, स्थानीय।

 

8. मौर्य नरेशों के बारे में निम्न में से कौन-सा कथन सही है? उन्होंने विकास किया था- [U.P.P.C.S. (Pre) 1990]

A. संस्कृति, कला व साहित्य

B. सोने के सिक्के

C. प्रांतीय विभाजन

D. हिंदुकुश तक साम्राज्य

Correct Answer: (a) केवल A
Note:

मौर्य सम्राटों ने संस्कृति, कला एवं साहित्य के विकास में महती भूमिका अदा की। चंद्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य उत्तर-पश्चिम में ईरान की सीमा से लेकर दक्षिण में वर्तमान उत्तरी कर्नाटक तक फैला था। पूर्व में मगध से लेकर पश्चिम में सौराष्ट्र एवं सोपारा तक का संपूर्ण प्रदेश उसके साम्राज्य के अधीन था। इतिहासकार स्मिथ के अनुसार, हिंदुकुश पर्वत तत्कालीन भारत की वैज्ञानिक सीमा थी। अशोक के अभिलेखों में मौर्य साम्राज्य के 5 प्रांतों के नाम मिलते हैं (1) उत्तरापथ, (2) अवंतिरट्ठ,

(3) कलिंग, (4) दक्षिणापथ एवं (5) प्राच्य या पूर्वी प्रदेश। स्वर्ण सिक्कों को भारत में प्रचलित करने का श्रेय हिंद-यवन (इंडोग्रीक) शासकों को है। अतः मौर्य नरेशों के संबंध में कथन A, C, D सत्य हैं।

9. भाग' एवं 'बलि' थे- [U.P.P.C.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (b) राजस्व के स्रोत
Note:

'भाग' एवं 'बलि' प्राचीन भारत में राजस्व के स्रोत थे। अर्थशास्त्र से ज्ञात होता है कि राजा भूमि का मालिक होता था, वह भूमि से उत्पन्न उत्पादन के एक भाग का अधिकारी था। इस कर को 'भाग' कहते थे। इसी प्रकार 'बलि' भी राजस्व का स्रोत था।

 

10. मौर्य काल में भूमि कर, जो कि राज्य की आय का मुख्य स्रोत था, किस अधिकारी द्वारा एकत्रित किया जाता था? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) सीताध्यक्ष
Note:

मौर्य काल में 'सीताध्यक्ष' कृषि भूमि का अध्यक्ष था, वही भूमि कर वसूलने का कार्य करता था, जबकि 'अग्रोनोमोई/एग्रोनोमोई' जिले के अधिकारियों को कहा जाता था, 'शुल्काध्यक्ष' विभिन्न प्रकार के व्यवसाय एवं व्यापार कर वसूलता था तथा 'अक्राध्यक्ष' (आकाराध्यक्ष) खानों का नियंत्रण करता था। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।