Total Questions: 41
भारतीय संविधान के राज्य की नीति के निदेशक तत्व के अनुच्छेद 43 में राज्य द्वारा जीविकोपार्जन मजदूरी, सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित करने वाली कार्य की स्थितियां और अवकाश तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक अवसरों की संपूर्ण सुविधा प्रदान करने से संबंधित है।
मार्च, 1931 में कराची में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में दो मुख्य प्रस्तावों को अपनाया गया जिसमें एक मूलभूत राजनीतिक अधिकारों से संबंधित था, तो दूसरा राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों से संबंधित था। नीति निदेशक तत्वों की उत्पत्ति इस अधिवेशन के दूसरे प्रस्ताव (राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों संबंधी प्रस्ताव) में खोजी जा सकती है।
भारतीय संविधान के 42 वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा अनुच्छेद 39 के खंड (f) को प्रतिस्थापित किया गया है तथा तीन नए अनुच्छेद 39A, 43A तथा 48A को जोड़ा गया है।
भारतीय संविधान के राज्य की नीति के निदेशक तत्व आयरलैंड (आइरिश) के संविधान से अपनाए गए हैं। जबकि मूल अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका, समवर्ती सूची ऑस्ट्रेलिया, संघ और राज्य संबंध कनाडा और आपात उपबंध जर्मनी के संविधान से अपनाए गए हैं।
संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य है। भारत सरकार एक स्वास्थ्य योजना, आयुष्मान भारत योजना मुहैया करा रही है। इस प्रकार के सरकारी प्रयास अनुच्छेद 47 के तहत उपबंधित राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के अंतर्गत आते हैं।
राज्य को सभी श्रमिकों को आजीविका और एक सम्मानजनक जीवनस्तर उपलब्ध कराने का प्रयास करना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 43 में इसका उल्लेख किया गया है।
(A) ये नकारात्मक प्रकृति के होते हैं।
(B) इनके नैतिक और राजनीतिक प्रतिबंध हैं।
(C) ये अमीरों के कल्याण को बढ़ावा देते हैं।
(D) ये सकारात्मक प्रकृति के होते हैं।
राज्य के नीति निदेशक तत्व सकारात्मक प्रकृति के होते हैं, क्योंकि इसके तहत प्रायः जन कल्याण के लिए राज्य को कुछ करने का निर्देश दिया गया है। इनके नैतिक और राजनीतिक प्रतिबंध हैं।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत राज्य को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code: UCC) का प्रावधान करने का निर्देश दिया गया है।
समान न्याय और निःशुल्क कानूनी सहायता राज्य का नीति निदेशक सिद्धांत है। इसे संविधान में बाद में जोड़ा गया। 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान के भाग IV में राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांतों के अंतर्गत अनुच्छेद 39A जोड़कर उसमें समान न्याय और निःशुल्क कानूनी सहायता का प्रावधान किया गया है।