राज्य विधानमंडल एवं मंत्रिपरिषद (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 50

11. भारत के एक राज्य में विधान परिषद के गठन के संदर्भ में, निम्न में से कौन-सा/से कथन सही है / हैं? [U.P.P.C.S. (Pre) 2023]

1. एक विधान परिषद में उस राज्य की विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के एक तिहाई से अधिक सदस्य नहीं हो सकते हैं।

2. एक राज्य की विधान परिषद में कम-से-कम चालीस सदस्य अवश्य ही होने चाहिए।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए -

Correct Answer: (a) दोनों 1 तथा 2
Solution:संविधान के अनुच्छेद 171 के खंड (1) के अनुसार, किसी राज्य की विधान परिषद के सदस्यों की कुल संख्या उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक-तिहाई से अधिक नहीं होगी; परंतु किसी राज्य की विधान परिषद के सदस्यों की कुल संख्या किसी भी दशा में 40 से कम नहीं होगी। इस प्रकार प्रश्नगत दोनों ही कथन सही है।

12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [L.A.S. (Pre) 2015]

1. भारत में किसी राज्य की विधान परिषद आकार में उस राज्य की विधानसभा के आधे से अधिक बड़ी हो सकती है।

2. किसी राज्य का राज्यपाल उस राज्य की विधान परिषद के सभापति को नाम निर्देशित करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/ हैं?

Correct Answer: (d) न तो 1 और न ही 2
Solution:अनुच्छेद 171(1) के अनुसार, विधान परिषद की सदस्य संख्या उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक-तिहाई से अधिक नहीं होगी लेकिन किसी भी दशा में 40 से कम नहीं होगी। अनुच्छेद 182 के अनुसार, विधान परिषद के सभापति तथा उपसभापति का निर्वाचन विधान परिषद द्वारा किया जाता है। अतः प्रश्नगत दोनों कथन गलत हैं।

13. उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा कितने सदस्यों को मनोनीत किया जाता है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (a) कुल सदस्यों का 1/10
Solution:संविधान के अनुच्छेद 171 (3) के तहत (जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे) विधान परिषद में कुल सदस्य संख्या के यथाशक्य निकटतम 5/6 सदस्यों का निर्वाचन होने तथा शेष सदस्यों को राज्यपाल द्वारा साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आंदोलन और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्तियों में से मनोनीत किए जाने का प्रावधान है। तथापि राज्यों में विधान परिषदों की वर्तमान संरचना अनुच्छेद 171 (2) के तहत संसद द्वारा बनाई गई विधि अर्थात 'लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950' (समय-समय पर यथासंशोधित) की धारा 10 और अनुसूची 3 के प्रावधानों के अनुरूप है। इसी के तहत अविभाजित उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के कुल 108 सदस्यों में से 12 सदस्य (1/9 भाग) राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते थे। विभाजन के बाद उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 (2004 में यथासंशोधित) के द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की अनुसूची 3 में हुए संशोधन के तहत वर्तमान में उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के कुल 100 सदस्यों में से 10 सदस्यों (1/10 भाग) को ही राज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाता है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद कुल सदस्य संख्या-100) के गठन का वर्तमान स्वरूप इस प्रकार है-
क्षेत्रसदस्य संख्या
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र38
स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र36
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र8
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र8
मनोनीत10
कुल100

14. विधान परिषद में मनोनीत सदस्यों की संख्या है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2017]

Correct Answer: (d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Solution:संविधान के अनुच्छेद 171(3) में विधान परिषद के निकटतम 5/6 (1/3 + 1/12 + 1/12 + 1/3 = 5/6) सदस्यों का निर्वाचन होने तथा शेष सदस्यों को राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने का प्रावधान है, तथापि राज्यों में विधान परिषदों की वर्तमान संरचना अनुच्छेद 171(2) के तहत संसद द्वारा बनाई गई विधि अर्थात 'लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950' (समय-समय पर यथासंशोधित) की धारा 10 और अनुसूची 3 के प्रावधानों के अनुरूप है। इसके तहत आंध्र प्रदेश की विधान परिषद के कुल 58 सदस्यों में से 8 सदस्य (लगभग 1/7 भाग), बिहार की विधान परिषद के कुल 75 सदस्यों में से 12 सदस्य (लगभग 1/6 भाग), महाराष्ट्र की विधान परिषद के कुल 78 सदस्यों में से 12 सदस्य (1/6.5 भाग), कर्नाटक की विधान परिषद के कुल 75 सदस्यों में से 11 सदस्य (लगभग 1/7 भाग), तेलंगाना की विधान परिषद के कुल 40 सदस्यों में से 6 सदस्य (लगभग 1/7 भाग) तथा उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के कुल 100 सदस्यों में से 10 सदस्य (1/10 भाग) राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।

15. राज्य विधान परिषद के विषय में सही क्या है? [Chattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]

(i) इसका कार्यकाल 6 वर्ष है

(ii) यह एक स्थायी सदन है

(iii) यह भंग नहीं किया जा सकता

(iv) 1/6 सदस्य स्थानीय संस्थाओं द्वारा निर्वाचित होते हैं

(v) 1/6 सदस्य विधानसभा द्वारा निर्वाचित होते हैं

(vi) प्रति दूसरे वर्ष इसके 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं

(vii) उप राज्यपाल सदन का सभापति होता है

(viii) इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है

Correct Answer: (a) i iii iv v
Solution:राज्य सभा की तरह विधान परिषद एक स्थायी सदन है, इसे भंग नहीं किया जा सकता है। विधान परिषद के लगभग एक-तिहाई सदस्य प्रत्येक दूसरे वर्ष सेवानिवृत्त होते रहते हैं। विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। विधान परिषद में अधिकतम सदस्य संख्या विधानसभा की एक-तिहाई और न्यूनतम 40 हो सकती है। संविधान के अनुच्छेद 169 के तहत किसी राज्य विधान सभा की कुल सदस्य संख्या के बहुमत तथा उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों की संख्या के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित प्रस्ताव पर संसद विधि द्वारा संबंधित राज्य में विधान परिषद के सृजन या समाप्ति का उपबंध कर सकती है।

अनुच्छेद 171 (3) के प्रावधानों के तहत विधान परिषद की संरचना इस प्रकार (जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे) निर्धारित की गई है-

(i) यथाशक्य निकटतम एक-तिहाई सदस्य स्थानीय निकायों द्वारा चुने जाएंगे।

(ii) यथाशक्य निकटतम 1/12 सदस्य न्यूनतम 3 वर्ष से स्नातकों द्वारा निर्वाचित किए जाएंगे।

(iii) यथाशक्य निकटतम 1/12 सदस्यों को न्यूनतम 3 वर्ष से अध्यापन कर रहे लोग चुनेंगे, जो माध्यमिक स्तर से निम्न स्तर के नहीं होने चाहिए।

(iv) यथाशक्य निकटतम 1/3 सदस्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुने जाएंगे।

(v) शेष सदस्यों का नामांकन राज्यपाल द्वारा किया जाएगा जो कला, साहित्य, विज्ञान, सहकारी आंदोलन और समाज सेवा से जुड़े हों।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में विभिन्न राज्यों की विधान परिषदों की संरचना अनुच्छेद 171(2) के तहत संसद द्वारा बनाई गई विधि अर्थात 'लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950' (समय-समय पर यथासंशोधित) की धारा 10 और अनुसूची 3 के प्रावधानों के अनुरूप है।

16. राज्य विधान परिषद के सदस्य निम्नलिखित में से किस श्रेणी से नहीं चुने जाते ? [67th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (d) उद्योगपति
Solution:उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें। प्रश्नगत विकल्पों में से उद्योगपति श्रेणी से राज्य विधान परिषद के सदस्य नहीं चुने जाते हैं।

17. निम्नलिखित में किसे भंग नहीं किया जा सकता पर समाप्त किया जा सकता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2007 U.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (d) विधान परिषद
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 के अनुसार, संसद विधि द्वारा किसी राज्य में विधान परिषद के उत्सादन या सृजन के लिए उपबंध कर सकेगी, यदि उस राज्य की विधानसभा ने इस आशय का संकल्प विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के बहुमत द्वारा तथा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों की संख्या के कम से कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित कर दिया है। विधान परिषद एक स्थायी सदन है। यह भंग नहीं की जा सकती। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है तथा प्रत्येक 2 वर्ष पर इसके लगभग एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं। अतः स्पष्ट है कि विधान परिषद को भंग नहीं किया जा सकता, लेकिन इसका समापन या उत्सादन किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त लोक सभा तथा विधानसभा दोनों अस्थायी सदन हैं, ये भंग किए जा सकते हैं। वहीं राज्य सभा एक स्थायी सदन है, इसे भी विधान परिषद की भांति भंग नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसको समाप्त किए जाने का प्रावधान नहीं है।

18. राज्य विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल कितना होता है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) 6 वर्ष
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 के अनुसार, संसद विधि द्वारा किसी राज्य में विधान परिषद के उत्सादन या सृजन के लिए उपबंध कर सकेगी, यदि उस राज्य की विधानसभा ने इस आशय का संकल्प विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के बहुमत द्वारा तथा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों की संख्या के कम से कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित कर दिया है। विधान परिषद एक स्थायी सदन है। यह भंग नहीं की जा सकती। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है तथा प्रत्येक 2 वर्ष पर इसके लगभग एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं। अतः स्पष्ट है कि विधान परिषद को भंग नहीं किया जा सकता, लेकिन इसका समापन या उत्सादन किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त लोक सभा तथा विधानसभा दोनों अस्थायी सदन हैं, ये भंग किए जा सकते हैं। वहीं राज्य सभा एक स्थायी सदन है, इसे भी विधान परिषद की भांति भंग नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसको समाप्त किए जाने का प्रावधान नहीं है।

19. भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किसमें अब तक विधान परिषद नहीं है, यद्यपि संविधान (सप्तम संशोधन) अधिनियम, 1956 में उसके लिए उपबंध है? [I.A.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (d) मध्य प्रदेश
Solution:सातवें संविधान संशोधन 1956 के द्वारा मध्य प्रदेश के लिए भी विधान परिषद की व्यवस्था की गई थी, किंतु इसके लिए कोई तारीख नियत न किए जाने के कारण इसे अस्तित्व में नहीं लाया जा सका है।

20. निम्नलिखित में से किस राज्य में विधायिका का दूसरा सदन नहीं है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (a) तमिलनाडु
Solution:संविधान के अनुच्छेद 168(1) (क) के तहत वर्तमान में देश के छः राज्यों- आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और उ.प्र. में द्विसदनात्मक विधायिका (विधानसभा और विधान परिषद) अस्तित्व में हैं। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु विधान परिषद अधिनियम, 2010 के तहत संसद द्वारा तमिलनाडु में भी विधान परिषद की व्यवस्था की गई। है, परंतु इसके प्रभावी होने की तिथि को अधिसूचित नहीं किया गया है।