Correct Answer: (b) सिविल न्यायालय
Solution:मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 13(4) के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की धारा 175, धारा 178, धारा 179, धारा 180 या धारा 228 में वर्णित अपराध के संदर्भ में मानव अधिकार आयोग को सिविल न्यायालय समझा जाता है। साथ ही 1993 के अधिनियम की पारा 13(5) के तहत मानव अधिकार आयोग के समक्ष प्रत्येक कार्यवाही की भारतीय दंड संहिता की धारा 193 और धारा 228 के अर्थ में तथा धारा 196 के प्रयोजनों के लिए न्यायिक कार्यवाही समझा जाता है और आयोग को दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 195 और अध्याय 26 के सभी प्रयोजनों के लिए सिविल न्यायालय समझा जाता है। ज्ञातव्य है कि भारतीय दंड संहिता को 'भारतीय न्याय संहिता' से तथा दंड प्रक्रिया संहिता को 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता' से प्रतिस्थापित किया गया है, जो 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगी।