लोकपाल और महत्वपूर्ण आयोग= भाग= 2

Total Questions: 50

11. निम्न में से कौन-सा एक राज्य मानव अधिकार आयोग का कार्य नहीं है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (d) मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को सजा देना।
Note:

मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को सजा देना राज्य मानवाधिकार आयोग का कार्य नहीं है। अन्य सभी विकल्प राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्यों के अंतर्गत आते हैं।

 

12. राज्य आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन किसके समक्ष प्रस्तुत करता है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) राज्य सरकार
Note:

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार 'राज्य आयोग' (State Commission) से तात्पर्य राज्य मानव अधिकार आयोग से है। यह आयोग, राज्य सरकार को वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है। राज्य सरकार इस प्रतिवेदन को विधानमंडल के सदन/सदनों के समक्ष रखवाता है।

 

13. आयोग, राज्य आयोग का प्रत्येक सदस्य एवं मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के अधीन कृत्यों का प्रयोग करने के लिए आयोग या राज्य आयोग द्वारा नियुक्त या प्राधिकृत प्रत्येक अधिकारी समझा जाता है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) लोक सेवक
Note:

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 39 के तहत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, राज्य आयोग का प्रत्येक सदस्य एवं मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के अधीन कृत्यों का प्रयोग करने के लिए आयोग या राज्य आयोग द्वारा नियुक्त या प्राधिकृत प्रत्येक अधिकारी भारतीय दंड संहिता की धारा 21 के अर्थ में 'लोक सेवक' समझा जाता है। ज्ञातव्य है कि भारतीय दंड संहिता को 'भारतीय न्याय संहिता' से प्रतिस्थापित किया गया है, जो 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होगी।

 

14. मानव अधिकार न्यायालयों में मामलों के संचालन के प्रयोजनार्थ राज्य सरकार एक अधिवक्ता को विशिष्ट लोक अभियोजक के रूप में विनिर्दिष्ट कर सकती है, जो कम-से-कम वर्षों तक प्रैक्टिस में रहा है। [M.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) सात
Note:

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 31 के अनुसार राज्य सरकार, प्रत्येक मानव अधिकार न्यायालय के लिए, अधिसूचना द्वारा एक लोक अभियोजक विनिर्दिष्ट करेगी या किसी ऐसे अधिवक्ता को, जिसने कम-से-कम सात वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में विधि-व्यवसाय किया हो, उस न्यायालय में मामलों के संचालन के प्रयोजन के लिए, विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त करेंगी।

 

15. भारतीय दंड संहिता की धारा 175, धारा 178, धारा 179, धारा 180 या धारा 228 में वर्णित अपराध के संदर्भ में मानव अधिकार आयोग को समझा जाता है- [M.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) सिविल न्यायालय
Note:

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 13(4) के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की धारा 175, धारा 178, धारा 179, धारा 180 या धारा 228 में वर्णित अपराध के संदर्भ में मानव अधिकार आयोग को सिविल न्यायालय समझा जाता है। साथ ही 1993 के अधिनियम की पारा 13(5) के तहत मानव अधिकार आयोग के समक्ष प्रत्येक कार्यवाही की भारतीय दंड संहिता की धारा 193 और धारा 228 के अर्थ में तथा धारा 196 के प्रयोजनों के लिए न्यायिक कार्यवाही समझा जाता है और आयोग को दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 195 और अध्याय 26 के सभी प्रयोजनों के लिए सिविल न्यायालय समझा जाता है। ज्ञातव्य है कि भारतीय दंड संहिता को 'भारतीय न्याय संहिता' से तथा दंड प्रक्रिया संहिता को 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता' से प्रतिस्थापित किया गया है, जो 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगी।

 

 

16. सशस्त्र बलों के सदस्यों द्वारा मानव अधिकारों के अतिक्रमण की शिकायतों के बारे में आयोग स्वप्रेरणा से या किसी अर्जी की प्राप्ति पर- [M.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) केंद्रीय सरकार से रिपोर्ट मांग सकेगा
Note:

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 19 के अनुसार, आयोग, सशस्त्र बलों के सदस्यों द्वारा मानव अधिकारों के अतिक्रमण की शिकायतों के बारे में कार्रवाई करते समय निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएगा, अर्थात (क) आयोग स्वप्रेरणा से या किसी अर्जी की प्राप्ति पर केंद्रीय सरकार से रिपोर्ट मांग सकेगा (ख) रिपोर्ट की प्राप्ति के पश्चात आयोग, यथास्थिति, शिकायत के बारे में कोई कार्रवाई नहीं करेगा या उस सरकार को अपनी सिफारिशें कर सकेगा।

 

17. निम्न में से कौन-सी एक संवैधानिक संस्था नहीं है? [U.P. P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (a) मानवाधिकार आयोग
Note:

मानवाधिकार आयोग संविधानेत्तर संस्था है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 द्वारा किया गया है। अन्य तीनों संस्थाओं का उल्लेख संविधान में है (राज्य वित्त आयोग अनु. 243झ एवं 243म; संसद का सचिवालय अनु. 98, केंद्रीय वित्त आयोग अनु. 280 एवं 281)।

 

18. निम्न में से किस एक की प्रास्थिति अन्य तीनों से भिन्न है? [U.P. P.C.S. (Mains) 2004]

Correct Answer: (c) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
Note:

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक संविधानेत्तर निकाय है, जबकि अन्य तीनों (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अनु. 338B तथा पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति-अनु. 340, वित्त आयोग अनु. 280 एवं निर्वाचन आयोग अनु. 324) संवैधानिक निकाय हैं।

 

19. निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित नहीं है? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) (Re-Exam) 2016]

                    संस्थाएं

                    संस्थाएं

(a) अंतर-राज्य परिषद

1990

(b) राष्ट्रीय विकास परिषद

1954

(c) केंद्रीय सतर्कता आयोग

1964

(d) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

1993

 

Correct Answer: (b)
Note:

सही सुमेलित हैं-

संस्था स्थापना
अंतर-राज्य परिषद 1990
राष्ट्रीय विकास परिषद 1952
केंद्रीय सतर्कता आयोग 1964
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग 1993

20. स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि आयोग के अध्यक्ष कौन थे? [67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2022]

Correct Answer: (d) श्री एम.सी. सेतलवाड़
Note:

भारत का विधि आयोग एक गैर-सांविधिक (Non-statutory) निकाय है, जिसका गठन विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाता है। वर्ष 1955 में स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि आयोग का गठन किया गया था। भारत के तत्कालीन अटॉर्नी जनरल एम.सी. सेतलवाड़ (M.C. Setalvad) को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। नवंबर, 2022 में न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी को भारत के 22वें विधि आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।