Correct Answer: (a) NO,, O, तथा पेरॉक्सीएसीटिल नाइट्रेट के बीच, सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में
Note: गर्म, शुष्क और तीव्र सौर विकिरण वाले महानगरों में वायुमंडलीय हाइड्रोकार्बन और वाहनों व बिजली संयंत्रों से निकलने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड सूर्य के प्रकाश में अभिक्रिया करके कई सारे द्वितीयक प्रदूषक बनाती है, जैसे- ओजोन, फॉर्मेल्डिहाइड और पेरॉक्सीएसीटिल नाइट्रेट PAN) आदि। इन अभिक्रियाओं को प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया कहते 4. क्योंकि इनमें सूर्य का प्रकाश और रासायनिक प्रदूषक दोनों शामिल होते हैं। इससे बनने वाले भूरे-नारंगी जैसे वायु प्रदूषण के पर्दे को 'प्रकाश रासायनिक धूम्र' कहते हैं। ध्यातव्य है कि ऑक्सीजन व नाइट्रोजन के मिलने से नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) बनती है। यह गैस वायु में ऑक्सीजन से मिलकर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) का निर्माण करती है। NO, भूरे रंग की तीखी गैस है। यह प्रकाश के अवशोषण के फलस्वरूप नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) तथा नवजात ऑक्सीजन (O) का एक-एक परमाणु बना लेती है। उल्लेखनीय है कि नवजात ऑक्सीजन (O) बहुत क्रियाशील होती है। नवजात ऑक्सीजन (Nascent Oxygen) सूर्य के तीव्र प्रकाश की उपस्थिति में ऑक्सीजन के एक अणु (0) से क्रिया करके ओजोन (O) बना लेती है। तत्पश्चात 0, पत्तियों के खुले रघों (Open Stomata) द्वारा पर्णमध्योतक (Mesophyll Tissue) की कोशिकाओं में प्रवेश कर जाती है। यह कोशिकाओं में उपस्थित जल से क्रिया करके हानिकारक ऑक्सीजन मुक्त मूलक (Oxygen-free Radicals) अथवा पेरॉक्सिल मूलक (Peroxyl Radicals) जैसे- O,, OH, O, HO, आदि का निर्माण करती है। पेरॉक्सिल मूलक या तो ऑक्सीजन के अणुओं से मिलकर ओजोन (0,) बना लेते हैं अथवा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) से मिलकर पेरॉक्सीएसीटिल नाइट्रेट (PAN) का निर्माण करते हैं।